भारतीय सैनिकों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी घुसपैठ का पता लगाए जाने के बाद पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई की शुरुआत से ही भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कई बार झड़प हुई थीं.
बीते साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. झड़प में चीनी सेना को नुकसान होने की बात भी कही गई थी, लेकिन चीन ने आधिकारिक तौर पर शुक्रवार से पहले ये स्वीकार नहीं किया था कि इस घटना में उसके भी सैनिक मारे गए थे.
सरकार का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा’ चीन को दे दिया. नौ माह तक चले गतिरोध के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों से सैनिकों को हटाने की सहमति बनी है.
केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने कहा कि आप में से किसी को भी पता नहीं है कि हमने कितनी बार अतिक्रमण किया. चीनी मीडिया इसे कवर नहीं करता है. मैं आपको आश्वस्त करता हूं, अगर चीन ने 10 बार अतिक्रमण किया है, तो हमने कम से कम 50 बार किया होगा.
भारत और चीन के बीच बीते साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चल रहा है. गतिरोध ख़त्म करने लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है.
हाल ही में चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के विवादित क्षेत्र में एक नया गांव बसाने का मामला सामने आया है. यह गांव प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले में त्सारी नदी के तट पर स्थित एक ऐसे क्षेत्र में है, जो भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवादित है. छात्र संगठन ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार राज्य को विदेशी घुसपैठ से बचाने में विफल रही है.
लद्दाख में चीन के साथ पिछले साल मई महीने में से जारी गतिरोध के दौरान जून में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के दौरान 20 भारतीय जवानों के साथ संतोष बाबू शहीद हो गए थे. उनके पिता ने कहा है कि ऐसा नहीं है कि वे दुखी हैं, लेकिन उन्हें बेहतर तरीके से सम्मानित करने की गुंजाइश है. गणतंत्र दिवस पर संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है.
नाकू ला वही स्थान है जहां पर पिछले साल नौ मई को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग झील इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई और तब से अब तक क़रीब नौ महीने से वहां सैन्य गतिरोध जारी है.
चीन द्वारा क़रीब सवा साल में अरुणाचल प्रदेश के विवादित क्षेत्र में एक नया गांव बसाने का मामला हाल ही में सामने आया है. यह गांव प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले में त्सारी नदी के तट पर स्थित एक ऐसे क्षेत्र में है, जो भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवादित है. यह भारतीय क्षेत्र 1959 से चीनी नियंत्रण में है.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग कहा कि जंगनान क्षेत्र (दक्षिण तिब्बत) पर चीन की स्थिति स्पष्ट है. हमने कभी भी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी. हमारे अपने क्षेत्र में विकास और निर्माण गतिविधियां होना सामान्य है.
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के विवादित क्षेत्र में क़रीब सवा साल में एक गांव बसा दिया है. भारत और चीन के बीच यह क्षेत्र 1959 से विवादित है, लेकिन तब यहां चीन की एक सिर्फ़ मिलिट्री पोस्ट थी. मामला सामने आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है.
6 नवंबर को हुई आठवें दौर की वार्ता के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरता से लागू करने और यह सुनिश्चित करने पर रज़ामंदी हुई है कि सीमा पर तैनात बल संयम बरतें एवं ग़लतफ़हमी से बचें.
एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे. शुक्रवार को ही भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की वार्ता हुई.
न्यूयॉर्क में हुए एक कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में हथियारों से लैस चीनी सैनिकों की मौजूदगी भारत के समक्ष ‘बहुत गंभीर’ सुरक्षा चुनौती है.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने यह टिप्पणी हिंद-प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के आक्रामक सैन्य बर्ताव को लेकर अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई बैठक के बाद की. जापान में हुई बैठक में पोम्पिओ ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी.