मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 54 हज़ार मैंग्रोव काटे जाएंगे

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने विधान परिषद में ये जानकारी दी. बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए कुल 1,379 हेक्टेयर की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.

सरकार को बुलेट ट्रेन के बजाय मौजूदा रेल मार्गों पर ध्यान देना चाहिए: कर्मचारी संगठन

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन की ओर से कहा गया है कि बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना है जिन्होंने इसके आर्थिक पहलुओं के बारे में विचार नहीं किया. जबसे वह प्रधानमंत्री बने हैं, निजी कंपनियों के हितों की रक्षा का प्रयास कर रहे हैं.

गुजरात हाईकोर्ट में बुलेट ट्रेन परियोजना के ख़िलाफ़ 40 नई याचिकाएं दायर

बुलेट ट्रेन के प्रस्तावित मार्ग से जुड़े गुजरात के विभिन्न ज़िलों के प्रभावित किसानों ने हलफ़नामे में कहा कि वे नहीं चाहते कि परियोजना के लिए उनकी ज़मीन का अधिग्रहण किया जाए.

गुजरात हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर 1000 किसानों ने बुलेट ट्रेन परियोजना का किया विरोध

बुलेट ट्रेन के प्रस्तावित मार्ग से जुड़े गुजरात के विभिन्न जिलों के प्रभावित किसानों ने हलफनामे में कहा कि वे नहीं चाहते कि परियोजना के लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण किया जाए.

दलित की ज़मीन हथियाने के मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर केस

अदालत के आदेश पर भारतीय दंड संहिता और एससी/एसटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केंद्रीय मंत्री और 32 अन्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया.

परशुराम को इंजीनियर बताने वाले पर्रिकर बोले, मीडिया के लिए वैज्ञानिक सोच ज़रूरी

इं​जीनियर दिवस पर बोले थे, 'मेरा मानना है कि परशुराम इंजीनियरों की बिरादरी से ही रहे होंगे, जिन्होंने समुद्र से ज़मीन निकाल ली.'

किसानों के लिए भाषण देने वाले राहुल गांधी ने नहीं लौटाई किसानों की ज़मीन: स्मृति ईरानी

अमेठी पहुंचे अमित शाह ने कहा, अमेठी की जनता राहुल से तीन पीढ़ियों का हिसाब मांग रही है. राहुल ने उठाए संघ में महिला भागीदारी पर सवाल.

भगवान परशुराम ज़रूर इंजीनियर रहे होंगे, जिन्होंने समुद्र से ज़मीन निकाल ली: पर्रिकर

इंजीनियर दिवस पर गोवा के मुख्यमंत्री बोले, 'इंजीनियरिंग भारत की बहुत पुरानी कला है, जिसे आधुनिक युग में मान्यता दी गई है.

किसानों को ज़मीन खोने का डर, बुलेट ट्रेन परियोजना के ख़िलाफ़ किया प्रदर्शन

प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा, पालघर में छोटे किसान हैं. अगर परियोजना के लिए उनकी ज़मीन का अधिग्रहण हुआ तो वे बर्बाद हो जाएंगे.

आदिवासियों के लिए इस आज़ादी का क्या मतलब है?

आदिवासी तो दुनिया बनने से लेकर आज़ाद ही हैं. बस्तर के इन जंगलों में तो अंग्रेेज़ भी नहीं आए. इसलिए इन आदिवासियों ने अपनी ज़िंदगी में न ग़ुलामी देखी है, न ग़ुलामी के बारे में सुना है.

जनता की 90 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर सरकार का अवैध क़ब्ज़ा

2006 में लागू वन अधिकार क़ानून कहता है कि जो ज़मीनें आज़ादी के पहले सामुदायिक अधिकारों के लिए थीं, वो यथावत बनी रहेंगी. लेकिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 90 लाख हेक्टेयर ऐसी ज़मीनों पर सरकार का क़ब्ज़ा है.