संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा है कि शांतिपूर्ण एकत्र होने एवं अभिव्यक्ति के अधिकारों की हिफ़ाज़त की जानी चाहिए. यह ज़रूरी है कि सभी के मानवाधिकारों की रक्षा करते हुए न्यायसंगत समाधान तलाशा जाए.
वीडियो: दिल्ली के सिंघू बाॅर्डर पर किसानों के आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को बीते 30 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. रिहा होने के बाद उनसे द वायर के सिराज अली ने बातचीत की.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली के टिकरी, सिंघू और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिस द्वारा की गई क़िलेबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हम चक्काजाम नहीं कर रहे हैं, वहां तो राजा ने ख़ुद क़िलेबंदी कर ली है.
वीडियो: 26 जनवरी को कृषि क़ानूनों के विरोध में निकाले गए किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हिंसा में उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले के 25 वर्षीय नवरीत सिंह की मौत हो गई थी. उनके दादा हरदीप सिंह डिबडिबा से अधिवक्ता अवनि बंसल की बातचीत.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर हिंसा की घटनाओं, लाल क़िले में तोड़फोड़ ने भारत में उसी तरह की भावनाएं और प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कीं, जैसा छह जनवरी को अमेरिका में कैपिटल हिल घटना के बाद देखने को मिला था.
हिंसा का एकाधिकार सरकार के पास होता है और उसे नियंत्रित रखने के लिए संवैधानिक सीमाएं हैं. लेकिन सरकार इनका अतिक्रमण करती रहती है. उसकी अनधिकार हिंसा पर कोई सवाल न उठे, इसलिए वह जनता के एक हिस्से को यह बताती है कि वह उसकी तरफ से हिंसा का प्रयोग कर रही है.
दिल्ली पुलिस ने राजद्रोह, आपराधिक साजिश और घृणा फैलाने से संबंधित धाराओं में यह एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने बताया कि मामले में किसी को भी नामज़द नहीं किया गया है. यह सिर्फ़ टूलकिट के निर्माताओं के ख़िलाफ़ है. कृषि क़ानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का पर्यावरण और जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने समर्थन किया था.
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट का यह बयान अमेरिकी गायिका रिहाना समेत कई हस्तियों के किसान आंदोलन के समर्थन पर भारतीय विदेश मंत्रालय की आलोचना पर आया है. विभाग ने यह भी कहा कि अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारतीय बाज़ार को बेहतर बनाते हैं और बड़े स्तर पर निजी निवेश आकर्षित करते हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए सवाल किया कि सरकार दिल्ली में किलेबंदी क्यों कर रही है? क्या वह किसानों से डरती है? क्या किसान दुश्मन हैं? दिल्ली की सीमाओं पर अवरोधक लगाने और सड़कों पर कील गाड़ने के क़दम की महबूबा मुफ़्ती और मायावती जैसे नेताओं ने भी निंदा की है.
बीते दिनों में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन का पॉपस्टार रिहाना, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जैसी कुछ अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने समर्थन किया है. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार उनका दर्द नहीं समझ रही है.
वीडियो: 26 जनवरी को कृषि क़ानूनों के विरोध में निकाले गए किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हिंसा हो गई थी. इस दौरान उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले के 25 वर्षीय नवरीत सिंह की मौत हो गई थी. मामले के प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि उनकी मौत गोली लगने से हुई, वहीं पुलिस का दावा है कि उनकी मौत ट्रैक्टर पलटने की वजह से हुई.
26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से ग़ाज़ीपुर, टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर बैरिकेड और सीमेंट की दीवारों की संख्या बढ़ गई है. तीनों सीमाओं को काफ़ी दूर तक तारों से घेर दिया गया है और टिकरी और ग़ाज़ीपुर में पुलिस ने धरनास्थल तक जाने वाली सड़कों पर लोहे की कीलें भी गाड़ दी हैं.
किसान आंदोलन के मद्देनज़र हरियाणा सरकार ने तीन फरवरी शाम 5 बजे तक जींद सहित सात ज़िलों में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं कीं, तो आगे की रणनीति बनाकर आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.
26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के दौरान जान गंवाने वाले एक प्रदर्शनकारी के परिवार के दावों को लेकर द वायर की इस्मत आरा ने एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसे ट्विटर पर साझा करने के बाद द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ रामपुर में एफआईआर दर्ज की गई थी.