गुजरात के बोताद ज़िले का मामला. मृतक की पत्नी गांव की सरपंच हैं. मृतक के बेटे ने बताया कि गांव के उच्च जाति के कुछ लोग इस बात को पचा नहीं पा रहे थे कि दलित गांव के सरपंच बन रहे हैं.
गुजरात के राजकोट ज़िले का मामला. साल 2018 में दलित आरटीआई कार्यकर्ता नानजीभाई सोंडर्वा की हत्या कर दी गई थी. हत्या का एक आरोपी अदालत के रोक लगाने के बाद भी कथित तौर पर राजकोट ज़िले में नज़र आया था. आरटीआई कार्यकर्ता के बेटे ने अदालत में इसकी शिकायत की थी.
यह मामला गुजरात के बनासकांठा का है. एक मोबाइल फोन को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद दलित युवक को पेड़ से बांधकर उसके साथ मारपीट की गई.
क्या नरेंद्र मोदी यह कहना चाह रहे हैं कि मुस्लिमों को जिस भय की राजनीति का सामना करना पड़ रहा है, वे उसे ख़त्म करने की कोशिश करेंगे? अगर उन्हें गंभीरता के साथ इस ओर काम करना है तो इसकी शुरुआत संघ परिवार से नहीं होनी चाहिए.
यह मामला उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर का है. आरोप है कि एक ईंट भट्ठी के मालिक और छह अन्य लोगों ने वहां काम करने वाली नाबालिग दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया और सबूत मिटाने के लिए उसे ज़िंदा जला दिया.
पुलिस ने दलित दंपति पर हमला करने को लेकर 11 लोगों के ख़िलाफ़ नामज़द एफआईआर दर्ज की है. इसके अलावा दलित युवक के ख़िलाफ़ विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने के लिए भी मामला दर्ज किया है.
सड़क से संसद: जहानाबाद लोकसभा सीट के तहत अरवल ज़िले में लक्ष्मणपुर बाथे गांव आता है, जहां पर साल 1997 में कथित तौर पर रणवीर सेना ने दलित समुदाय के 58 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
यह मामला गुजरात के साबरकांठा के प्रांतिज तहसील का है. आरोप है कि ऊंची जाति के लोगों ने दलितों की बारात को रोकने के लिए सड़कों पर यज्ञ और हवन किए. हिंसा भड़कने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. यह राज्य में दलितों पर हमले की चौथी घटना है.
चुनावी बातें: 1977 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जनसंघ के सांसद चाहते थे कि बाबू जगजीवन राम के रूप में पहला दलित प्रधानमंत्री देकर देश को नया संदेश दिया जाए, लेकिन राजनीतिक जटिलताओं के चलते ऐसा हो न सका.
गुजरात के मेहसाणा ज़िले का मामला. पुलिस ने पांच लोगों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.
मृतक युवक की बहन ने बताया कि हम जिस शादी में गए थे, वहां मेरे भाई ने उस काउंटर से खाना लिया, जहां सवर्ण जाति के लोग खाना खा रहे थे. वह उनके सामने ही कुर्सी पर बैठकर खाना खाने लगा, जिस पर सवर्ण जाति के लोगों ने कहा कि यह नीच जाति का हमारे साथ खाना नहीं खा सकता. खाएगा तो मरेगा.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों व क्षत्रियों को टिकट देने से पहरेज करने वाली बसपा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिल खोलकर ब्राह्मणों को टिकट दिया है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जातीय समीकरणों को देखते हुए पार्टी प्रमुख मायावती ने ख़ुद ऐसा करने का निर्देश दिया था.
मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का है. कुल्लू के उपायुक्त यूनुस ने कहा कि हम सही सूचना हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. मनाली के एसडीएम और डीसीपी से इस मामले को देखने के लिए कहा गया है.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, इन कैदियों में 1,649 महिलाएं भी हैं जो अपने 1,942 बच्चों के साथ जेल में रह रहीं हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पिछले साल 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ के दौरान हुए उपद्रव में राकेश टमोटिया और दीपक जाटव की गोली लगने से मौत हो गई थी.