ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन की ओर से कहा गया है कि मृतकों की सूची में कम से कम तीन मुख्य अभियंता और उत्तर प्रदेश के नौ अधीक्षण अभियंताओं सहित दो दर्जन से ज़्यादा अधीक्षण अभियंता शामिल हैं. संगठन ने सरकार से प्राथमिकता के आधार पर विद्युत कर्मचारियों के लिए टीकाकरण शिविर लगाने और उन्हें अग्रिम पंक्ति का कर्मचारी मानने की अपनी की है.
दिल्ली पुलिस की ने कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों को ज़रूरी दवा और ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के लिए भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. से शुक्रवार को पूछताछ की. कांग्रेस ने इस पूछताछ को राजनीतिक नाटक क़रार देते हुए कहा कि मोदी सरकार देश में ‘छापेमारी राज’ कायम करने की जगह ‘राजधर्म’ का पालन करे.
नेपाली सदन में बीते 10 मई को केपी शर्मा ओली के विश्वास मत हार जाने के बाद राष्ट्रपति ने विपक्षी पार्टियों को नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने को कहा था. हालांकि नेपाली कांग्रेस तथा नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएन-मॉएस्ट सेंटर) का विपक्षी गठबंधन बहुमत हासिल करने में नाकाम रहा, जिसके बाद ओली के एक बार फिर नेपाल का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था.
गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल राज्य का सबसे बड़ा कोविड-19 केंद्र है. 13 मई को इस अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीज़ों की जान चली गई. इससे पहले 12 मई को ऑक्सीजन की कथित कमी के चलते 21 कोविड मरीज़ों और 11 मई को 26 ऐसे मरीज़ों की मौत हुई थी. विपक्ष इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार और अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है.
क्या हम पहले के मुकाबले भावनात्मक रूप से अधिक असुरक्षित हो गए हैं? क्या हमारा भाव जगत पहले की तुलना में कहीं संकुचित हो गया है? किसी भी अन्य समुदाय के त्योहार में साझेदारी करने में अक्षम या उस दिन को हथिया लेने की जुगत लगाते हुए क्या हम हीन भावना के शिकार होते जा रहे हैं?
कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद देश में शुक्रवार को एक तीसरे टीके को भारतीय बाज़ारों के लिए जारी कर दिया गया और पिछले दो टीकों की केंद्र, राज्यों और बाज़ार के लिए अलग-अलग कीमत के बजाय इसकी एक ही कीमत 995.40 रुपये प्रति खुराक रखी गई है.
दंतेवाड़ा और बीजापुर ज़िले के पहाड़ी सिरे पर बसे गमपुर के नौजवान बदरू माडवी को बीते साल जन मिलिशिया कमांडर बताते हुए एनकाउंटर करने का दावा किया गया था. बदरू के परिजनों और ग्रामीणों ने इन आरोपों से इनकार करते हुए न्याय की लड़ाई के प्रतीक के तौर पर उनका शव संरक्षित करके रखा हुआ है.
साक्षात्कार: पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने द वायर से बात करते हुए देश के कोविड संकट के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि सरकार लोगों को उनके हाल पर छोड़ चुकी है, ऐसे में अपनी सुरक्षा करें और एक दूसरे का ख़याल रखें.
केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा का यह बयान कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा राज्य में टीकाकरण की धीमी गति को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की खिंचाई के बाद उनका यह बयान आया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि कर्नाटक 18-44 आयु वर्ग के टीकाकरण को रोक रहा है, ताकि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को दूसरी खुराक दी जा सके.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की आंकड़ा बढ़कर 24,046,809 हो गया हैं, जबकि मृतक संख्या बढ़कर 262,317 हो गई है. ये लगातार 22वां दिन है, जब देश में बीते एक दिन में तीन लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं. विश्व में संक्रमण के 16.11 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि 33.44 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
हाईकोर्ट ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार से ज़िलावार मौतों का आंकड़ा पेश करने को कहा है. साथ ही सरकार से पहली लहर के दौरान गांवों में लौटे लगभग 40 लाख प्रवासियों की स्थिति रिपोर्ट के अलावा बक्सर में गंगा नदी में तैरती पाई गईं संदिग्ध कोरोना संक्रमित लाशों पर जवाब दाख़िल करने को कहा है.
बॉम्बे हाईकोर्ट में दाख़िल याचिका में कहा गया है कि लोगों और राजनेताओं आदि का एक समूह है जो मनमाने ढंग से मरीज़ों को रेमडेसिविर वितरित कर रहा है. ट्वीट करने के कुछ घंटों के भीतर लोगों तक इंजेक्शन पहुंच जा रहे हैं. इस पर पीठ ने सरकार से पूछा कि उनके आदेशों का पालन क्यों नहीं किया जाता है?
पिछले कुछ महीनों में दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब कोविशील्ड टीके की दो डोज के बीच का समयांतर बढ़ाया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्च में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वह दो डोज के बीच समयांतर को 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह तक कर दें. कोवैक्सीन के दो डोज के बीच के समय में बदलाव नहीं किया गया है.
कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के महासचिव नागेश करियप्पा ने दिल्ली पुलिस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है. संगठन की ओर से कहा गया है कि हम सभी इस विनाशकारी महामारी से पीड़ित हैं और हमें एक ऐसी सरकार की जरूरत है, जो अपने नागरिकों का समर्थन करें तथा अपने कार्यों के लिए उनके प्रति जवाबदेह हो. वर्तमान सरकार ऐसा करने में विफल रही है.
असम एनआरसी के समन्वयक हितेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर दावा किया है कि एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में कई गंभीर, मौलिक और महत्वपूर्ण त्रुटियां सामने आई हैं, इसलिए इसके पुन: सत्यापन की आवश्यकता है. सत्यापन का कार्य संबंधित ज़िलों में निगरानी समिति की देखरेख में किया जाना चाहिए.