दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सभी सरकारी अस्पतालों को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में दंगों के दौरान मरने वाले सभी लोगों के डीएनए नमूने संरक्षित करने और वीडियोग्राफी पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया. इन दंगों में करीब 53 लोगों की मौत हुई है.
आरोप है कि मारे गए लोगों को कोई भी सुरक्षा उपकरण नहीं दिया गया था. गैस का प्रभाव इतना ज़्यादा था कि मृतकों को अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों की भी तबियत बिगड़ गई. उत्तर प्रदेश में हुई एक अन्य घटना में कुएं की सफाई के दौरान ज़हरीली गैस की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गई.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि ऑनर किलिंग का मामला है. चचेरे भाई से अवैध संबंधों के चलते की गई महिला की हत्या. मृतक महिला का नाम उसके पति की हत्या में सामने आया था.
बंद के दौरान झड़पों में 11 घायल, एडिटर्स गिल्ड ने कहा, दो पत्रकारों की हत्या यह संकेत है कि त्रिपुरा में पत्रकारों पर गंभीर खतरा है, सरकार सुरक्षा दे.
हत्या के विरोध में भाजपा, कांग्रेस ने किया त्रिपुरा बंद का ऐलान, सत्तारूढ़ माकपा ने कहा सरकार की उचित कार्रवाई के बावजूद हत्या का राजनीतिकरण कर रही हैं पार्टियां.
संपादक का आरोप है कि सुदीप की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने कमांडेंट का पर्दाफ़ाश करने के लिए 11 ख़बरें लिखी थीं.
बीते 20 सितंबर को एक राजनीतिक पार्टी के प्रदर्शन को कवर करने गए टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक की भी हत्या कर दी गयी थी.
देवास ज़िले के पिपलरावा थाना इलाके के गांव बरदु का मामला. पुलिस ने मामला दर्ज़ किया.