मैंने मोदी और शाह को बताने की कोशिश की थी कि वे ग़लत रास्ते पर हैं: सत्यपाल मलिक

तीन कृषि क़ानूनों के मुद्दे पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को पत्र लिखा था. इसी पत्र का जवाब देते हुए मलिक ने उन्हें लिखे एक पत्र में ये बातें कहीं हैं.

केंद्र सरकार को कोई राजनीतिक पार्टी नहीं, बल्कि व्यापारी चला रहे हैं: राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रीवा में एक किसान रैली को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भूख से फायदा उठाने का एक तरह का नया व्यापार आजकल दुनिया में चल रहा है. भूख का कारोबार तब होगा, जब अनाज क़ब्ज़े में होगा.

केंद्र एमएसपी को क़ानूनी मान्यता दे देती है, तो आंदोलनरत किसान मान जाएंगे: सत्यपाल मलिक

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलनरत किसानों का समर्थन करते हुए मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि आज की तारीख़ में किसानों के पक्ष में कोई भी क़ानून लागू नहीं है. इस स्थिति को ठीक करना चाहिए. जिस देश का किसान और जवान असंतुष्ट होगा, वह देश आगे बढ़ ही नहीं सकता. उस देश को कोई बचा नहीं सकता.

गणतंत्र दिवस हिंसा: दिल्ली पुलिस ने जम्मू से एक किसान नेता सहित तीन लोगों को किया गिरफ़्तार

पुलिस ने बताया कि जम्मू एंड कश्मीर यूनाइटेड किसान फ्रंट के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह और जम्मू के गोल गुजराल निवासी मंदीप सिंह को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार इन दोनों ने लाल किले पर हुई हिंसा में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और उसके मुख्य साजिशकर्ता थे. लाल क़िले के गुंबद पर चढ़ने के आरोप में एक अन्य शख़्स को भी पकड़ा गया है.

शाहीन बाग आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रदर्शन का अधिकार कभी भी, कहीं भी नहीं हो सकता

सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में अपने फैसले में सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में तीन महीने से अधिक समय तक हुए प्रदर्शन को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए इसे अस्वीकार्य बताया था, जिसके ख़िलाफ़ कुछ कार्यकर्ताओं ने एक समीक्षा याचिका दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.

शाहीन बाग़ प्रदर्शन: सार्वजनिक स्थलों पर अनिश्चितकाल के लिए कब्ज़ा नहीं कर सकते- सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के ख़िलाफ़ सौ दिन तक चले प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चलते हैं, विरोध और असहमति व्यक्त करने का अधिकार संविधान से मिलता है लेकिन कुछ कर्तव्यों के प्रति ज़िम्मेदारी के साथ.

शाहीन बाग़ की प्रदर्शनकारी महिलाओं को सलाम

वीडियो: कोरोना वायरस के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ 100 दिन से ज्यादा समय तक प्रदर्शन पर बैठीं महिलाओं को मंगलवार को वहां से हटा दिया. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

शाहीन बाग: कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण 101 दिन बाद खाली कराया गया धरना स्थल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस के खिलाफ एहतियात के तौर पर लॉकडाउन की घोषणा की है, जिसके बाद दिल्ली में धारा 144 लागू है. इससे पहले, जामिया के बाहर एक विरोध प्रदर्शन पिछले हफ्ते बंद कर दिया गया था.

जनता कर्फ्यू के दिन शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर पेट्रोल बम फेंका गया

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर जनता द्वारा कर्फ्यू लगाने की मांग का शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने समर्थन किया है.

शाहीन बाग़: ‘हमें कोरोना वायरस से ज्यादा डर डिटेंशन सेंटर से लगता है’

वीडियो: दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनज़र दिल्ली में 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा हो़ने पर पाबंदी लगा दी है. ऐसे में शाहीन बाग के लोग क्या अपना प्रदर्शन ख़त्म करेंगे या विरोध दर्ज कराने का कोई अन्य रास्ता अपनाएंगे? शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.

नागरिकता क़ानून: क्या कहते हैं 20 दिसंबर को मुज़फ़्फ़रनगर में हुई हिंसा के चश्मदीद?

वीडियो: 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर स्थित मीनाक्षी चौक नागरिकता क़ानून को लेकर हुआ प्रदर्शन हिंसक हो गया था. द वायर की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और लोगों से बातचीत की.

ओडिशा: वेदांता प्लांट में नौकरी की मांग पर हिंसा, सुरक्षाकर्मी को ज़िंदा जलाया, दो लोगों की मौत

ओडिशा के कालाहांडी ज़िले में स्थित वेदांता एल्युमिनियम रिफाइनरी के पास हुई हिंसक झड़प. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोग कंपनी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में अपने बच्चों का दाख़िला कराने और रिफाइनरी में युवकों को नौकरी देने की भी मांग कर रहे थे.

यह पेशेवर प्रदर्शनकारियों का ज़माना है: केंद्र सरकार

मध्य दिल्ली में विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए लगी धारा 144 के ख़िलाफ़ जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने केंद्र सरकार की पैरवी करते हुए यह टिप्पणी की.