मामला सीतापुर ज़िले का है, जहां पुलिस ने चार लोगों को कथित तौर पर गोहत्या की बात करने को लेकर गोहत्या संरक्षण क़ानून के तहत हिरासत में लिया था. हाईकोर्ट ने एक आरोपी की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर नाराज़गी जताई और पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है.
जेल में बंद असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने वादा किया था कि राज्य में उसकी सरकार बनने पर वह पेपर मिलों को पुनर्जीवित करेगी. हालांकि नगांव पेपर मिल और कछार पेपर मिल की नीलामी के लिए नवीनतम नोटिस सभी वादों के लिए एक गंभीर झटका है.
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बीते 31 मई को कथित तौर पर एक मुठभेड़ में एक 24 वर्षीय आदिवासी महिला की मौत हो गई थी. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला को उसके घर से हिरासत में लिया था और उसके साथ बलात्कार किया गया. उन्होंने दावा किया कि जब उसका शव सौंपा गया तो वह विकृत हो गया था.
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य में इस क़ानून के क्रियान्वयन से लोगों की दुकानों, मकानों, सरकारी कार्यालयों, वाहनों, बसों या किसी अन्य संपत्ति को किसी आंदोलन की आड़ में पहुंचाए गए नुकसान की प्रदर्शनकारियों से भरपाई की जाएगी. इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली का प्रावधान करने वाला विधेयक पारित किया जा चुका है.
वीडियो: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि हमें यह देखने में दिलचस्पी नहीं रखनी चाहिए कि कितने लोगों को कोविड-19 टीका लग चुका है, बल्कि आबादी के कितने प्रतिशत का टीकाकरण हो चुका है, यह महत्वपूर्ण है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने मनमोहन सिंह की आलोचना की है.
विशेष रिपोर्ट: साल 2004 में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने 'नक्सल पीड़ित पुनर्वास योजना’ शुरू करते हुए नक्सल पीड़ित व्यक्तियों/परिवारों व आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और पुनर्वास की बात कही थी. योजना के पात्र व्यक्तियों का कहना है कि इसकी ज़मीनी हक़ीक़त कागज़ों पर हुए वादों से बिल्कुल अलग है.
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों के विरोध करते हुए आरोप लगाया कि विधेयक लाने का निर्णय कृषि क़ानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन से जुड़ा है. राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि विपक्ष कह रहा हैं कि हम इसे किसान आंदोलन के लिए ला रहे हैं, लेकिन इसका आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है.
विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा रखे गए कटौती प्रस्ताव में कहा गया कि 2019-20 में अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ख़र्च किए गए कुल 939 करोड़ रुपये में से जल शक्ति मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में 263 करोड़ और मुख्यमंत्री के क्षेत्र में 181 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र को विकास की सख़्त ज़रूरत थी.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गोधरा में एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि उनकी सरकार एक मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में लव जिहाद के ख़िलाफ़ क़ानून लाना चाहती है, ताकि हिंदू लड़कियों का अपहरण और धर्मांतरण रोका जा सके.
कर्नाटक की विभिन्न अदालतों का यह फ़ैसला राज्य की भाजपा सरकार के 31 अगस्त 2020 के आदेश पर आधारित है. सरकार के क़दम से मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा, हिंदुत्ववादी संगठनों के 206 सदस्यों और 106 मुस्लिमों को राहत मिली है.
बनासकांठा के सरदारकृषिनगर दांतीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय ने 82 पशुओं की नीलामी का एक विज्ञापन दिया था, जिसे बाद में साल 2018 के एक आदेश का हवाला देते हुए अंतिम समय पर रद्द कर दिया गया. किसानों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई, जिसके चलते उनका पैसा और समय दोनों बर्बाद हुए.
नए क़ानून के तहत उल्लंघनकर्ताओं पर सात साल की अधिकतम सज़ा और पांच लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान है. इससे कर्नाटक में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और पशुओं की तस्करी, अवैध परिवहन, गायों पर अत्याचार और पशुवध करने वालों के लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान है.
चार साल पहले महाराष्ट्र द्वारा गोहत्या विरोधी क़ानून बनाने के बाद गोवा पूरी तरह से कर्नाटक पर निर्भर हो गया था. अब कर्नाटक में भी ऐसा ही क़ानून लागू हो गया है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राज्य में बीफ़ की आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वह भी गोमाता को पूजते हैं, लेकिन वहां की 30 फ़ीसदी अल्पसंख्यक जनता की देखभाल की ज़िम्मेदारी भी उनकी है.
बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1976 के तहत पशु की खाल को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए खाल रखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है और इस तरह अपराध का मामला नहीं बनता है.
साल 2010 के विधेयक में संशोधन करते हुए कर्नाटक की मौजूदा बीएस येदियुरप्पा सरकार ने गाय और बछड़ों के अलावा भैंस एवं उनके बच्चों की हत्या को भी प्रतिबंधित किया है. इसके लिए सात साल की सज़ा से लेकर पांच लाख के जुर्माने तक का प्रावधान किया गया है.