राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि बीते एक साल में राजस्थान में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों के कथित रूप से 80 हज़ार मामले दर्ज किए हैं. इनमें से 12 हज़ार से अधिक मामले बलात्कार से संबंधित हैं.
राजस्थान के अलवर ज़िले के खेरली पुलिस स्टेशन में अपने पति के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराने गई एक 26 वर्षीय महिला के साथ एक सब-इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर तीन दिनों तक बलात्कार किया. आरोपी पुलिसकर्मी को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले का मामला. पीड़ित की नानी का आरोप है कि उनकी नातिन के साथ बलात्कार करने वाले प्रदीप विश्नोई ने ही उसे ज़िंदा जलाया है. पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी में नज़र आ रहे युवक की पहचान नहीं हो पाई है. विश्नोई की भूमिका की जांच की जा रही है.
ग्राउंड रिपोर्ट: सिलिकोसिस बीमारी की रोकथाम के लिए अक्टूबर 2019 में राजस्थान सरकार ने नीति बनाई थी. इस तहत इस बीमारी से पीड़ित लोगों को मिलने वाली सहायता राशि इनके लिए नाकाफ़ी साबित हो रही है. इलाज के दौरान इससे कहीं ज़्यादा की राशि का इन पर क़र्ज़ हो गया है.
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि किसानों का प्रदर्शन सिर्फ़ पंजाब में ही है. पंजाब में भी ऐसे लोग इसमें शामिल हैं, जो अधिकांशत: कांग्रेस कार्यकर्ता हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगाने का फ़ैसला लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में ‘कोरोना के विरुद्ध जनांदोलन’ के साथ ही सरकार क़ानून बनाकर मास्क को अनिवार्य करने जा रही है.
पिछले हफ़्ते राजस्थान में सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित शिक्षक पदों पर अनुसूचित जनजाति वर्ग की भर्ती के लिए हुआ आंदोलन हिंसा में बदल गया था. हिंसा उदयपुर सहित प्रदेश के चार ज़िलों डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ में फैल गई थी. इस दौरान दो लोगों की मौत भी हुई. क्षेत्र में अभी शांति है, लेकिन तनाव बरक़रार है.
वीडियो: राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट की बग़ावत और गहलोत सरकार के संकट में पड़ने से सवाल उठ रहा है कि अगर चुनी हुईं सरकारों को भय या लालच से गिराया जा सकता है और अपनी मनमर्ज़ी की पार्टी की सरकार को स्थापित किया जा सकता है तो फिर लोकतंत्र में चुनाव के मायने ही क्या रह गए? जाने माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
राजस्थान हाईकोर्ट के महारजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा जारी 15 जून के स्थायी आदेश में कहा गया है कि न्यायिक अधिकारी और अदालत के कर्मचारी सोशल मीडिया पर उन मामलों पर राय व्यक्त करते हैं, जिससे उन्हें कोई मतलब नहीं है.
कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र हुए लॉकडाउन के बाद राजस्थान में खानें भी बंद हो गई थीं. अप्रैल से राज्य सरकार ने खनन कार्य की अनुमति दी थी, लेकिन अधिकतर मज़दूर घर लौट गए हैं या फिर उनके पास खान तक पहुंचने का साधन नहीं है.
बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले ये मज़दूर उदयपुर की जयसमंद झील में मछली पकड़ने का काम करते थे. लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू होने तक किसी तरह की मदद न मिलने पर इन्होंने घर का रुख़ किया. रास्ते में कहीं ट्रकवालों, तो कहीं ग्रामीणों की मदद से ये सभी 13 दिन बाद रविवार को अपने गांव पहुंचे हैं.
आम तौर पर लोक कलाओं से गुलज़ार रहने वाले राजस्थान में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते सन्नाटा पसरा है. ऐसे में ख़ाली बैठे लोक कलाकार आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. उनकी सहायता के लिए शुरू की गई राज्य सरकार की योजना कई विसंगतियों के चलते मददगार साबित नहीं हो रही है.
राजस्थान और यूपी सरकार के इस निर्णय के बाद शुक्रवार को 102 बसें झांसी और 150 बसें आगरा से कोटा गई थीं और रात में ही छात्र और कुछ अभिभावक अपने घरों के लिए रवाना हो गए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह लॉकडाउन के नियम के साथ नाइंसाफी है.
कोचिंग हब माने जाने वाले कोटा में लॉकडाउन के चलते हज़ारों छात्र-छात्राएं फंसे हैं. उनका कहना है कि कोई इम्तिहान या क्लास नहीं है, पर रहने-खाने की परेशानी से लेकर किराये के लिए मकानमालिकों का दबाव झेलना पड़ रहा है क्योंकि सरकार हमें घर नहीं भेज सकती.
कोरोना के चलते हुए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में घुमंतू समुदाय के कई समूह फंसे हुए हैं, न काम है न खाने पीने की कोई व्यवस्था. कुछ आम नागरिकों से मिली मदद के सहारे रह रहे इस समुदाय का कहना है कि सरकार द्वारा ग़रीबों के लिए हुई घोषणाओं में से उन्हें किसी का लाभ नहीं मिला है.