अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा है कि यह अंबानी के व्यक्तिगत क़र्ज़ से जुड़ा मामला नहीं बल्कि रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल द्वारा लिए गए कॉरपोरेट ऋण से संबंधित है. स्टेट बैंक के आवेदन पर जवाब देने के लिए अंबानी को हफ़्ते भर का समय दिया गया है.
यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा ग्लोबल फाइनेंसिंग के लिए 2012 में लिए गए कर्ज पर दी गई कथित व्यक्तिगत गारंटी से संबंधित है.
ब्रिटेन की एक अदालत ने 10 करोड़ डॉलर की राशि जमा करने के लिए रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को छह सप्ताह का समय दिया है. अंबानी के बचाव में उनके वकीलों ने दलील दी थी कि उनकी नेटवर्थ लगभग शून्य है और उनका परिवार संकट की स्थिति में उनकी मदद नहीं करेगा, जिसे अदालत ने मानने से इनकार कर दिया.
अंबानी के साथ ही छाया विरानी, रायना करानी, मंजरी काकर, सुरेश रंगाचर ने आरकॉम के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है. रिलायंस कम्युनिकेशंस फिलहाल दिवाला प्रक्रिया में है.
अनिल अंबानी की क़र्ज़ में डूबी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस की सहयोगी कंपनी जीसीएक्स लिमिटेड ने 35 करोड़ डॉलर का भुगतान कर पाने में असफल रहने के बाद यह क़दम उठाया है.
एचएसबीसी डेजी कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण में रिलायंस ग्रुप की कंपनी के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दायर की है.
दोनों आरोपी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व कर्मचारी हैं. उन्होंने कोर्ट की वेबसाइट पर कथित रूप से एक आदेश अपलोड किया था, जिसके अनुसार कोर्ट की अवमानना मामले में अंबानी को उपस्थिति से छूट की बात कही गई जबकि अदालत ने आदेश दिया था कि अगली सुनवाई के दौरान वह मौजूद रहें.
बीएसएनएल भुगतान में चूक के लिए आरकॉम द्वारा जमा की गई करीब 100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को पहले ही भुना चुका है.
कोर्ट ने अनिल अंबानी को कहा है कि वे चार हफ़्ते के भीतर एरिक्सन इंडिया को 453 करोड़ रुपये चुकाए और ऐसा नहीं करने पर उन्हें तीन महीने की जेल होगी. अंबानी के अलावा कंपनी के दो डायरेक्टरों को भी अवमानना का दोषी पाया गया है. कोर्ट ने प्रत्येक पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
पैंतालीस हज़ार करोड़ रुपये के क़रीब क़र्ज़ को चुकाने में असफल रही रिलायंस कम्युनिकेशनंस ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत दिवालिया होने की अपील की है.
नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने बताया कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस नेवल इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ गश्ती नौकाओं के एक सौदे में हुई देरी के चलते दंडात्मक कार्रवाई करते हुए नौसेना द्वारा कंपनी द्वारा दी गई बैंक गारंटी को भुना लिया गया है.