विहिप नेता चंपत राय के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक पोस्ट के आरोप में तीन लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले में नगीना थाना प्रभारी कृष्ण मुरारी दोहरे ने रविवार बताया कि संजय बंसल ने स्वयं को चंपत राय बंसल का भाई बताते हुए तहरीर दी है. उन्होंने बताया कि एक महिला सहित तीन लोगों के विरुद्ध आईपीसी की धाराओं और आईटी क़ानून के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के लिए चंदे में मिले क़रीब पंद्रह हज़ार बैंक चेक बाउंस

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए न्यास ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ की एक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार विहिप द्वारा एकत्र किए चंदे में से 22 करोड़ रुपये के चेक बाउंस हो गए हैं.

उपासना स्थलों पर 1991 के क़ानून के ख़िलाफ़ याचिका के विरोध में याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर उपासना स्थल अधिनियम, 1991 को चुनौती दी है, जिसके तहत राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को छोड़कर अन्य धार्मिक स्थल से संबद्ध ऐसे किसी भी विवाद को अदालत नहीं लाया जा सकता. लखनऊ की 350 साल पुरानी टीलेवाली मस्जिद से जुड़े वसीफ़ हसन ने इसे चुनौती दी है.

मुज़फ़्फ़रनगर दंगा: अदालत ने संगीत सोम के ख़िलाफ़ एसआईटी की ‘क्लोज़र रिपोर्ट’ स्वीकार की

उत्तर प्रदेश के सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम पर साल 2013 में मुज़फ़्फ़रनगर में हुए सांप्रदायिक दंगे के पहले सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो अपलोड करने का मामला दर्ज किया था. एसआईटी ने विशेष अदालत में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि सोम के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला.

अंग्रेज़ गांधी को ‘आंदोलनजीवी’ बताकर मज़ाक उड़ाते, तो क्या हम आज़ाद होते

काश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बातें बनाने के बजाय समझते कि आंदोलन तो होते ही सत्ताओं की निरंकुशता पर लगाम लगाने के लिए हैं और उन्हें ख़त्म करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि ख़ुद पर उनका अंकुश हमेशा महसूस किया जाता रहे.

अयोध्या: मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने के उद्देश्य से यूपी सरकार के विभाग ने बैंक खाता खोला

उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दान प्राप्त करने के उद्देश्य से एक बैंक खाता खोला है. यह कदम संविधान के उस प्रावधान का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि सरकार किसी विशेष धर्म के नाम पर टैक्स या धन एकत्र नहीं कर सकता है.

क्या भारत कट्टरता के मामले में पाकिस्तान बनने की राह पर है?

बहुत साल पहले पाकिस्तान की कवियित्री फ़हमीदा रियाज़ ने लिखा था कि 'तुम बिल्कुल हम जैसे निकले, अब तक कहां छुपे थे भाई. वो मूरखता वो घामड़पन, जिसमें हमने सदी गंवाई, आख़िर पहुंची द्वार तुम्हारे... देश के आज के हालात में ये पंक्तियां सच के काफ़ी क़रीब नज़र आती हैं.

मुज़फ़्फ़रनगर दंगा: यूपी सरकार ने तीन भाजपा विधायकों के ख़िलाफ़ केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की

इन आरोपियों में भाजपा विधायक संगीत सोम, सुरेश राणा, कपिल देव शामिल हैं. दंगे से पहले जाट समुदाय के लोगों द्वारा बुलाई के गई महापंचायत के संबंध में ये केस दर्ज किया गया था. भाजपा विधायकों पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है.

अयोध्या: नये राम मंदिर के लिए ढहाया गया तीन सौ साल पुराना ऐतिहासिक राम जन्मस्थान मंदिर

300 साल पुराना जन्मस्थान मंदिर 1980 के दशक में शुरू हुए रामजन्मभूमि आंदोलन के पहले राम के जन्म से जुड़ा था और एक मुस्लिम ज़मींदार द्वारा दान दी गई ज़मीन पर बनाया गया था. यह राम की सह-अस्तित्व वाली उस अयोध्या का प्रतीक था, जिसका नामो-निशान अब नज़र नहीं आता.

हम भी भारत: एक थी बाबरी मस्जिद

वीडियो: 6 दिसंबर 2019 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के 27 साल पूरे हो गए. हम भी भारत की इस कड़ी में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की इस बारे में सामजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर और वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली से बातचीत कर रही हैं.

बाबरी मस्जिद विध्वंस: साहित्य में दर्ज हुए कुछ अनकहे-अनसुने बयान

6 दिसंबर 1992 को सिर्फ एक मस्जिद नहीं गिरायी गई थी, उस दिन संविधान की बुनियाद पर खड़ी लोकतंत्र की इमारत पर भी चोट की गई थी. अतीत में जो कुछ हुआ उसे फिर से उलट-पलट कर देखने का मौका साहित्‍य देता है. हिंदी साहित्‍य में यह घटना भी कई रूपों में दर्ज है.

बाबरी विध्वंस: आज़ाद भारत का ख़त्म न होने वाला शर्मनाक अध्याय

इस अपराध की साज़िश रचने वालों ने खूब तरक्की की है और आज वे सत्ता में हैं. एक हिंदू वोट बैंक की कल्पना को साकार करने का अभियान उतनी ही शिद्दत से जारी है.

अयोध्या: इंसाफ के बजाय इंसाफ से फासला बढ़ाने वाला फ़ैसला

सुप्रीम कोर्ट भी विवादित भूमि रामलला को देते हुए यह नहीं सोचा कि उसका फ़ैसला न सिर्फ छह दिसंबर, 1992 के ध्वंस बल्कि 22-23 दिसंबर, 1949 की रात मस्जिद में मूर्तियां रखने वालों की भी जीत होगी. ऐसे में अदालत का इन दोनों कृत्यों को ग़ैर-क़ानूनी मानने का क्या हासिल है?

क्या अयोध्या मामले में न्याय को तरजीह नहीं दी गई?

बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि ज़मीन विवाद में ‘सार्वजनिक शांति और सौहार्द’ बनाए रखने के लिए विवादित ज़मीन को न बांटने का जजों का निर्णय बहुसंख्यक दबाव से प्रभावित लगता है, जिसमें मुस्लिम पक्षकारों के क़ानूनी दावे को नज़रअंदाज़ कर दिया गया.

…जब प्रधानमंत्री नेहरू के बार-बार कहने के बाद भी बाबरी मस्जिद में रखी मूर्तियां नहीं हटाई गईं

पुस्तक अंश: अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद में वर्ष 1949 में मूर्ति रखने के बाद की घटनाएं यह प्रमाणित करती हैं कि कम-से-कम फ़ैज़ाबाद के तत्कालीन ज़िलाधीश केकेके नायर तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत यदि मूर्ति स्थापित करने के षड्यंत्र में शामिल न भी रहे हों, तब भी मूर्ति को हटाने में उनकी दिलचस्पी नहीं थी.

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