मामला जमशेदपुर ज़िले के राज्य पंजीकृत महिला आश्रयगृह का है, जहां दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर चार सालों से यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस के अनुसार, मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है और आश्रयगृह के बच्चों को स्थानांतरित किया जा रहा है.
आईएलओ और यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में बाल मज़दूरों की संख्या 16 करोड़ हो गई है. यह चेतावनी भी दी गई है कि कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप 2022 के अंत तक वैश्विक स्तर पर 90 लाख और बच्चों को बाल श्रम में धकेल दिए जाने का ख़तरा है.
मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा सिर्फ भारत में नहीं है. यह एक प्रकार की विश्वव्यापी बीमारी है और यह कनाडा में भी पाई जाती है. लेकिन इस हिंसा पर समाज, सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया क्या है, कनाडा और भारत में यही तुलना का संदर्भ है.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान गंगा में बहते शवों को देखकर गुजराती कवियत्री पारुल खक्कर ने एक कविता लिखी थी. गुजरात साहित्य अकादमी के आधिकारिक प्रकाशन में इसे लेकर कहा गया है कि शब्दों का उन ताकतों द्वारा दुरुपयोग किया गया, जो केंद्र और उसकी राष्ट्रवादी विचारधारा की विरोधी हैं.
नेपाल में कोरोनिल किट के वितरण पर रोक के बाद आयुर्वेद और वैकल्पिक चिकित्सा विभाग ने कहा कि कोरोनिल की खरीद के दौरान उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था. साथ ही यह कोरोना वायरस को ख़त्म करने वाली दवाओं के बराबर नहीं है. इससे पहले भूटान ने इस दवा के वितरण पर पाबंदी लगाई थी.
पश्चिम बंगाल के बिष्णुपुर से भाजपा सांसद सौमित्र ख़ान ने कहा है कि जब 42 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई, तब चुप रहना सत्तारूढ़ दल के प्रति समर्थन का संकेत है. क्या आप अपनी पुरानी पार्टी में लौट जाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि आप मंत्री नहीं बन सके.
जेल में बंद असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने वादा किया था कि राज्य में उसकी सरकार बनने पर वह पेपर मिलों को पुनर्जीवित करेगी. हालांकि नगांव पेपर मिल और कछार पेपर मिल की नीलामी के लिए नवीनतम नोटिस सभी वादों के लिए एक गंभीर झटका है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि 35-40 छात्रों का एक समूह पुस्तकालय के बाहर बीते आठ जून को इकट्ठा हुआ था, जो महामारी के कारण छात्रों के लिए बंद है. उन्होंने गेट के सामने विरोध किया और गार्ड से लाइब्रेरी के गेट खोलने को कहा, लेकिन गार्ड ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. छात्रों ने विरोधस्वरूप पुस्तकालय के फाटकों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की.
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गृह मंत्रालय द्वारा बीते 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई थी. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इससे संबंधित दस्तावेज़ देने से मना कर दिया है. ठाकुर ने कहा है कि सरकार द्वारा मनमाने ढंग से उन्हें सेवा से निकाला जाना और अब उनकी जीविका से संबंधित सूचना भी नहीं देना दुखद है तथा सरकार की ग़लत मंशा को दिखाता है.
केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते छह महीनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हुई है, लेकिन गतिरोध बना हुआ है. किसान संगठन तीनों नए कृषि क़ानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले क़ानून की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.
चुनाव आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में भाजपा को कंपनियों और व्यक्तियों से लगभग 750 करोड़ रुपये का चंदा मिला. यह कांग्रेस पार्टी को मिले 139 करोड़ रुपये से कम से कम पांच गुना अधिक है.
संक्रमण और मौतों के आंकड़े छिपाने के आरोप लगने के बाद पिछले महीने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने नीतीश कुमार सरकार से महामारी की दूसरी लहर के दौरान गांवों में कोविड-19 से हुईं मौतों का हिसाब देने को कहा था. न्यायालय ने ज़िलावार मौतों के आंकड़े भी पेश करने को कहा था.
एक आरटीआई आवेदन में कोविड महामारी के दौरान मास्क के प्रभाव से संबंधित जानकारी मांगी गई थी, जिस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया. केंद्रीय सूचना आयोग ने इस आवेदन को व्यापक जनहित वाला बताते हुए कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों ने इसे एक से दूसरी जगह सिर्फ ट्रांसफर करके पोस्ट ऑफिस वाला काम किया है.
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्गति उजागर हो गई. ग़रीब, वंचित और आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएं, इसके लिए स्वास्थ्य तंत्र को मज़बूत बनाना होगा. इसी नाते सरकार से मांग की है कि स्वास्थ्य को संवैधानिक अधिकार का दर्जा दिया जाए. यह समय की ज़रूरत है.
जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. तब उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले की कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ था. उनका भाजपा में शामिल होना उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा