जन गण मन की बात की 311वीं कड़ी में विनोद दुआ कॉरपोरेट लोन डिफॉल्टरों और किसानों की क़र्ज़ माफ़ी पर सरकार के रवैये पर चर्चा कर रहे हैं.
देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस रंजन गोगोई. जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल 13 महीने से थोड़ी अधिक अवधि का होगा और वह 17 नवंबर, 2019 को सेवानिवृत होंगे.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा, लोगों को इस बात का एहसास होना चाहिए कि ऐसी घटनाओं पर उन्हें कानून के कोप का सामना करना पड़ेगा.
दंतेवाड़ा के ग्रामीणों ने एक फैक्ट फाइंडिंग टीम को बताया कि बीते दिनों माओवादियों द्वारा उन्हें बुरी तरह पीटा गया और गांव छोड़कर जाने को कहा गया, क्योंकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे.
मौजूदा मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद तीन अक्टूबर को रंजन गोगोई अपना पदभार ग्रहण करेंगे. इस पद पर पहुंचने वाले गोगोई पूर्वोत्तर के पहले शख्स हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए अंतिम अवसर देते हुए एक सप्ताह का वक़्त दिया है.
प्रधान न्यायाधीश के रूप में जस्टिस दीपक मिश्रा का कार्यकाल दो अक्टूबर को पूरा हो जाएगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने जस्टिस रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश की है.
पिछले एक साल में नौ राज्यों में करीब 40 लोगों की हत्या भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जा चुकी है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर कानून बनाने का निर्देश दिया था.
यह एक कठोर हक़ीक़त है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी को बचाए रखने वाले हर क़ानून के अपनी जगह पर होने के बावजूद समाचारपत्रों और टेलीविज़न चैनलों ने बिना प्रतिरोध के आत्मसमर्पण कर दिया है और ऊपर से आदेश लेना शुरू कर दिया है.
शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुए मानसून सत्र के दौरान संसद में लाए गए 17 विधेयकों में से 12 पारित हो गए.
संसद के मानसून सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई है. लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मंजूर हुआ.
सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट ने कहा अगर हमें लगता है कि कहीं मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है, तो ये मौलिक अधिकार अदालत को अधिकार देते हैं कि ऐसे क़ानून को निरस्त किया जाए.
कथित गोरक्षकों और भीड़ द्वारा हो रही हिंसा के ख़िलाफ़ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि डर और अराजकता के माहौल से निपटना सरकार की ज़िम्मेदारी. नागरिक अपने आप में क़ानून नहीं बन सकते.
ब्लैक फ्राइडे, गुलाल और सरकार जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके अभिनेता केके मेनन ने कहा कि आपके अभिनय को चाहे कितना भी सराहा जाए इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता. फिल्म में बड़े नाम न हो तो सिनेमा देखने कम लोग पहुंचते हैं.
बस्तर की एक नाबालिग ने सैन्य बलों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था.