इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी करने की अनुमति देने वाले नियमों को ख़ारिज करने का अनुरोध किया है. भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्वेद शिक्षा) नियमन, 2016 में संशोधन कर आयुर्वेदिक पढ़ाई में पीजी कर रहे छात्रों को ऑपरेशन करने का प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र एवं निर्वाचन आयोग से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें आयोग को किसी निर्वाचन क्षेत्र में ‘नोटा’ के लिए सर्वाधिक मत पड़ने पर वहां का चुनाव परिणाम अमान्य करार देकर फिर से चुनाव कराने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने दमोह पुलिस अधीक्षक द्वारा एक न्यायिक अधिकारी के कथित उत्पीड़न और उन्हें धमकी देने के मामले का संज्ञान लिया है. दो साल पहले हुए कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या के मामले में आरोपी बसपा विधायक रमाबाई के पति गोविंद सिंह ठाकुर को अब तक कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका है.
सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठतम जजों में से एक जस्टिस इंदु मल्होत्रा की सेवानिवृत्ति पर आयोजित एक कार्यक्रम में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश की विविधता अदालतों में भी झलकनी चाहिए. वैविध्य भरी न्यायपालिका लोगों में अधिक विश्वास की भावना लाती है.
सुप्रीम कोर्ट ने 20 सप्ताह से ज्यादा अवधि के अवांछित गर्भ के समापन के मामलों में निर्णय लेने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में मेडिकल बोर्ड गठित करने के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम, 1971 की धारा तीन के तहत 20 सप्ताह के बाद गर्भपात कराना प्रतिबंधित है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के बीच तत्कालीन पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने यह क़ानून पारित किया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दूसरे किसी पूजा स्थल पर विवाद नहीं खड़ा हो सके. इसके तहत अयोध्या को छोड़कर सभी धर्म और पूजा स्थलों की स्थिति, अधिकार और मालिकाना हक़ 15 अगस्त 1947 के पहले जैसे ही बरक़रार रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने गोवा सरकार के संबंध में यह आदेश दिया, जहां पिछले साल राज्य के क़ानून सचिव को नगरपालिका परिषद का चुनाव कराने के लिए राज्य का चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. अदालत ने राज्य सरकारों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि राज्य चुनाव आयोग पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष होकर काम करें.
बीते दिनों मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे द्वारा एक बलात्कार के आरोपी से पूछा गया था कि क्या वह पीड़िता से विवाह करना चाहता है. इसे लेकर काफी आलोचना हुई थी और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने उनके इस्तीफ़े की भी मांग की थी. अब सीजेआई बोबडे ने कहा है कि अदालत ने ऐसा आदेश नहीं दिया था, बस पूछा था.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चार अगस्त 2020 के आदेश में परिवर्तन करते हुए यह बात कही हैं. उस आदेश में शीर्ष न्यायालय ने कोरोना वायरस के जोख़िम को देखते हुए बुज़ुर्ग लोगों को भर्ती एवं इलाज में प्राथमिकता देने का निर्देश केवल सरकारी अस्पतालों को दिया था.
वीडियो: एक साल पहले सांप्रदायिक दंगों में उत्तर पूर्वी दिल्ली में जान-माल का काफ़ी नुकसान हुआ था. तब द वायर ने शिव विहार के प्रभावित लोगों से इस विषय पर बात की थी. एक साल बाद उन्हीं लोगों से दोबारा बातचीत कर उनका हाल जाना गया.
वीडियो: भारत के संविधान का अनुच्छेद 13 कहता है कि कोई भी क़ानून, अध्यादेश, आदेश, नियम, प्रथा- जो संविधान के लागू होने से पहले से अस्तित्व में है या बाद में बनाया गया हो- यदि वह भाग तीन में दिए गए मौलिक अधिकारों से किसी भी प्रकार से विरोधाभास दर्शाता है या उनका हनन करता है तो ऐसे क़ानून को अमान्य माना जाएगा.
वीडियो: दिल्ली दंगों के एक साल बाद भी लोग ख़ौफ़ में जी रहे हैं. दंगों में हुए जान-माल के नुकसान की भरपाई हो पाना असंभव है. द वायर ने शिव विहार के लोगों से बातकर उनकी समस्या को जाना.
चार हज़ार से अधिक महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, प्रगतिशील समूहों और नागरिकों ने सीजेआई एसए बोबडे से पद छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि उनके शब्द अदालत की गरिमा पर दाग़ लगा रहे हैं और उस चुप्पी को बढ़ावा दे रहे हैं जिसे तोड़ने के लिए महिलाओं ने कई दशकों तक संघर्ष किया है.
सर्वोच्च न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को बहाल किए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला के बयान का उल्लेख किया गया था. आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला चीन को कश्मीर ‘सौंपने’ की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए उनके ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुक़दमा चलाया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने यह क़दम 25 फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस) नियम 2021 के तहत उठाया है. सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल कोर्ट सुनवाई के लिए एक मार्च से वॉट्सऐप के बजाय संबंधित वकीलों और पक्षकारों के पंजीकृत ईमेल आईडी और पंजीकृत मोबाइल नंबर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिंक भेजे जाएंगे.