‘अदालत की अवमानना और बोलने की आज़ादी के बीच सामंजस्य ज़रूरी, मीडिया सीमा से बाहर जा रहा है’

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के ख़िलाफ़ अवमानना के एक मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि टीवी चैनल आरोपियों के निजी वॉट्सऐप चैट को प्रसारित कर रहे हैं, यह न्यायिक व्यवस्था के लिए बेहद ख़तरनाक है.

हाथरस पीड़िता का शव आधी रात में जलाना मानवाधिकार का उल्लंघन था: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस के तत्कालीन एसपी के ख़िलाफ़ कार्रवाई किए जाने और डीएम को बख़्श देने पर सवाल खड़े किए हैं. कोर्ट ने एक मेडिकल रिपोर्ट के हवाले से युवती के साथ बलात्कार न होने का दावा करने वाले अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार को फटकार लगाते हुए बलात्कार की परिभाषा में हुए बदलावों की जानकारी मांगी.

हाथरस गैंगरेप: सीबीआई ने पूछताछ शुरू की, पीड़िता के भाई को मौक़ा-ए-वारदात पर लेकर गए

उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले में सीबीआई की टीम मंगलवार को उसके गांव पहुंची. टीम ने कथित बलात्कार और अंतिम संस्कार वाली वाली जगहों से सबूत जुटाए.

हाथरस: पीड़ित परिवार ने अदालत को बताया- हमारी सहमति के बिना अंतिम संस्कार किया गया

आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट करने के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया था. 29 सितंबर को इलाज के दौरान युवती ने दम तोड़ दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने आनन-फानन में देर रात उनका अंतिम संस्कार कर दिया था.

लोकतंत्र बचा सकने वाली अकेली संस्था ही इसका गला घोंटने में मदद कर रही है

भारत में अक्सर न्यायिक आज़ादी के रास्ते में कार्यपालिका और कभी-कभी विधायिका द्वारा बाधा डालने की संभावनाएं देखी जाती हैं, लेकिन जब न्यायपालिका के भीतर के लोग ही अन्य शाखाओं के सामने झुक जाते हैं, तो स्थिति बिल्कुल अलग हो जाती है.

हाथरस गैंगरेप: इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने पेश हुआ युवती का परिवार, 2 नवंबर को अगली सुनवाई

उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार की शिकार 19 वर्षीय दलित महिला के परिवार के साथ हाथरस के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में उपस्थित हुए.

कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने पंजाब में प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को बातचीत के लिए 14 अक्टूबर को दिल्ली बुलाया है.

आरे से मेट्रो कार शेड हटाया जाएगा, प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ दर्ज केस वापस होंगे: उद्धव ठाकरे

सितंबर 2019 में बीएमसी ट्री अथॉरिटी ने मुंबई मेट्रो रेल के लिए प्रस्तावित कार शेड के निर्माण के लिए आरे जंगल में 2,700 पेड़ों की कटाई और प्रत्यारोपण के लिए मंज़ूरी दे दी थी. इसका पर्यावरणविद् और स्थानीय लोगों ने विरोध किया था. तब कई लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आरआर दर्ज की गई थी.

हाथरस गैंगरेप: सीबीआई ने आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर जांच शुरू की

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 19 वर्षीय दलित महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और बाद में उसकी मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा स्वत: संज्ञान लिया था. हाथरस के उच्चाधिकारियों के साथ पीड़ित युवती के परिजन हाईकोर्ट में सोमवार को पेश होंगे.

हाथरस की रेप पीड़िता के गांव में कैसे जीते हैं दलित

वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्ष की दलित युवती की कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने पीड़िता के परिजनों व अन्य लोगों से इस संबंध में बात की.

असम: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ज़िला जेलों में बने डिटेंशन सेंटर को कहीं और बनाने को कहा

गौहाटी उच्च न्यायालय ने जेलों में डिटेंशन सेंटर चलाने के लिए असम सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे केंद्र बनाने के बारे में दिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों में भी कहा गया है कि इन्हें जेल परिसर के बाहर बनाया जाना चाहिए.

पायल तड़वी आत्महत्या: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी डॉक्टरों को पढ़ाई पूरी करने की अनुमति दी

डॉ. पायल तड़वी की आत्महत्या मामले में आरोपी तीन डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी पढ़ाई पूरी करने की अनुमति मांगते हुए याचिका दायर की थी. अदालत ने कड़ी शर्तों पर उन्हें इसकी अनुमति दी. इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने उनकी याचिका का विरोध किया था.

तबलीग़ी जमात केस: अदालत ने कहा, बोलने की आज़ादी के अधिकार का सर्वाधिक दुरुपयोग हुआ

सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के समय तबलीग़ी जमात के आयोजन को लेकर मीडिया का एक वर्ग मुस्लिमों के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक वैमनस्य फैला रहा था. मीडिया का बचाव करते हुए केंद्र की ओर से कहा गया है कि याचिकाकर्ता बोलने और अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलना चाहते हैं.

शाहीन बाग़ प्रदर्शन: सार्वजनिक स्थलों पर अनिश्चितकाल के लिए कब्ज़ा नहीं कर सकते- सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के ख़िलाफ़ सौ दिन तक चले प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चलते हैं, विरोध और असहमति व्यक्त करने का अधिकार संविधान से मिलता है लेकिन कुछ कर्तव्यों के प्रति ज़िम्मेदारी के साथ.

आरोपी सांसदों और विधायकों को गिरफ़्तार करने में पुलिस की अनिच्छा गंभीर मामला: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ मामले लंबित हैं, क्योंकि पुलिस अधिकारी कभी-कभी ऐसे जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते क़ानून का अनुपालन नहीं कर पाते हैं.

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