प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है. इसी माह के मध्य में पश्चिमी तट ने चक्रवात ताउते का प्रकोप झेला. ताउते अति भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में गुजरात तट से टकराया और उसने कई राज्यों में तबाही मचाई और क़रीब 50 लोगों की जान चली गई थी.
पटना हाईकोर्ट ने ने बिहार सरकार को लॉकडाउन उल्लंघन के नाम पर पुलिस की कथित बर्बरता को तुरंत रोकने का निर्देश दिया. अदालत ने पुलिस द्वारा की गई कथित ज़्यादती पर चिंता जताने के साथ ही संबंधित अधिकारियों को इसकी जांच करने का निर्देश दिया है.
मामला गाज़ियाबाद का है, जहां राजस्व विभाग के एक लिपिक ने वॉट्सऐप स्टेटस पर उत्तर प्रदेश और बिहार में ‘जंगल राज’ होने का आरोप लगाते हुए लिखा था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पूर्ववर्ती केआर नारायणन की तरह ठोस फैसले क्यों नहीं ले रहे हैं. ज़िला प्रशासन ने उनके ख़िलाफ़ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं.
वीडियो: कोरोना वायरस महामारी और ब्लैक फंगस से जूझ रहे देश में ह्वाइट फंगस ने दस्तक दे दी है. जानकारों का कहना है कि यह ब्लैक फंगस से भी ख़तरनाक है. ह्वाइट फंगस के पहले चार मामले बिहार के राजधानी पटना में सामने आए हैं.
गंगा में बहे शवों को देखकर व्यथित हुई गुजराती कवियत्री पारुल खक्कर ने अपने दुख को चौदह पंक्तियों की की कविता की शक्ल दी, जिसे लेखकों के साथ-साथ आमजनों ने भी पसंद किया. हालांकि इसके बाद मूल रूप से गैऱ राजनीतिक पारुल सत्तारूढ़ भाजपा की ट्रोल आर्मी के निशाने गईं.
केंद्र ने कहा कि हाल ही में गंगा और इसकी सहायक नदियों में शवों, आंशिक रूप से जले और क्षत-विक्षत शव प्रवाहित करने के कई मामले सामने आए हैं. यह अनुचित और बेहद चिंताजनक है. नमामि गंगे मिशन राज्यों को इस पर रोक लगाने और शवों का सुरक्षित और सम्मानजनक निस्तारण सुनिश्चित करने का निर्देश देता है.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 900 से अधिक शवों को नदी के किनारे दफनाया गया था. इसी तरह कन्नौज में यह संख्या 350, कानपुर में 400 और गाजीपुर में 280 है.
बीते महीने बिहार के दरभंगा ज़िले की अदलपुर पंचायत में मुस्लिमों के अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आने वाले और अमूमन सामाजिक उपेक्षा का शिकार रहे 'फ़कीर' समुदाय के दो बच्चे हाईस्कूल की दहलीज़ तक पहुंचे, वहीं गांव के ही दो दलित बच्चों ने पहली बार मैट्रिक पास किया है.
हाईकोर्ट ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार से ज़िलावार मौतों का आंकड़ा पेश करने को कहा है. साथ ही सरकार से पहली लहर के दौरान गांवों में लौटे लगभग 40 लाख प्रवासियों की स्थिति रिपोर्ट के अलावा बक्सर में गंगा नदी में तैरती पाई गईं संदिग्ध कोरोना संक्रमित लाशों पर जवाब दाख़िल करने को कहा है.
बिहार के सारण से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के सांसद निधि से ख़रीदे गए दर्जनों एंबुलेंस के कोरोना महामारी के बावजूद इस्तेमाल नहीं किए जाने के मामले को उजागर करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव को पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन के संबंध में हिरासत में लेने के बाद 32 साल पुराने लंबित मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. राज्य सरकार के इस क़दम की राजग में शामिल नेताओं ने अलोचना की है.
बक्सर ज़िले में चौसा के पास गंगा नदी से मिले दर्जनों संदिग्ध कोविड-19 संक्रमित अज्ञात शवों को पोस्टमार्टम व डीएनए टेस्ट के लिए नमूने लिए जाने के बाद प्रशासन द्वारा दफना दिया गया. कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के चलते विशेषज्ञ शवों को ऐसे नदी में बहाए जाने को बेहद चिंताजनक बता रहे हैं.
बक्सर पुलिस ने बताया कि इसमें से कुछ शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है और कुछ की अभी कोरोना टेस्टिंग की जानी है. ज़िला प्रशासन के अधिकारियों ने ये भी कहा कि ऐसा हो सकता है कि ये शव पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी और इलाहाबाद जैसे शहरों से बहकर आए हों. उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में यमुना नदी में भी शव मिले हैं. प्रशासन ने कहा कि मौतें कोविड से नहीं हुई हैं.
बिहार में पूर्व सांसद पप्पू यादव ने एक स्थान पर सारण से लोकसभा सांसद राजीव प्रताप रूडी के कोष से खरीदी गई दो दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस बिना इस्तेमाल के रखे होने का दावा किया है. रूडी के एक समर्थक ने यादव पर परिसर में जबरन घुसने और एंबुलेंस में तोड़फोड़ करने के आरोप में मामला दर्ज करवाया है.
सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के तीन विभिन्न मामलों में दिसंबर 2017 से जेल में बंद राजद प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को न्यायिक हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है. 73 वर्षीय लालू यादव वर्तमान में दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं.
बिहार में कोविड मामलों की वर्तमान वृद्धि को रोकने के लिए राज्य सरकार की किसी भी व्यापक कार्य योजना के अभाव पर नाराज़गी जताते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि अगर अदालत इस नतीजे पर पहुंचती है कि कोविड रोगियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण मरने दिया जा रहा है, तो वह न्यायिक समीक्षा की अपनी शक्ति का प्रयोग करेगी.