संतोष यादव को सितंबर 2015 में बस्तर पुलिस ने नक्सल समर्थक होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. करीब डेढ़ साल बाद उन्हें ज़मानत मिली. संतोष से अजय आशीर्वाद महाप्रशस्त से बातचीत.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 'आधिकारिक भाषाओं पर बनी संसदीय समिति' की छह साल पहले की गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है.
उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में अवैध बूचड़खानों के ख़िलाफ़ मुहिम शुरू किए जाने के बीच आरटीआई से पता चला है कि देश में केवल 1,707 बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत हैं.
‘राष्ट्रवादी पाकिस्तानी वकीलों’ को लगता है कि यही वह अवसर है जब वे अपने देश से अपने वास्तविक प्रेम का इज़हार कर दें और कुलभूषण जाधव का मुक़दमा कोई वकील न लड़ पाए. दक्षिण एशिया में ऐसी न्यायिक देशभक्ति नई नहीं है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि बिना शरई कारणों के तीन तलाक देने वाले मर्दों का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए.
समिति ने गृह मंत्रालय से पठानकोट और उड़ी हमलों की जांच जल्द से जल्द पूरी करने के लिए एनआईए को आदेश देने की सिफारिश की.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए कश्मीर के वीडियो में दिख रहे फ़ारूक़ अहमद डार ने बताया कि उन्हें बंदूक के बट से पीटा गया और सेना द्वारा 5 घंटे तक जीप पर बांधकर घुमाया गया.
श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में मात्र 6.5 फ़ीसदी वोट पड़े. तीन साल पहले तक चुनावों में हुर्रियत के बहिष्कार की अपील को ठुकरा कर बड़ी संख्या में मतदान करने वाले लोग आज जनाज़ों के पीछे भारत-विरोधी नारों के साथ क्यों हैं?
दंगा संबंधी मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए फर्ज़ी लेकिन भड़काऊ वीडियो के मामले में भाजपा विधायक संगीत सोम को क्लीन चिट दे दी है.
उत्तर प्रदेश में निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में आरक्षण ख़त्म करने की झूठी ख़बर को मीडिया ने योगी के भ्रष्टाचार विरोधी कड़े कदम के रूप में प्रचारित किया.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन से गौरव विवेक भटनागर की बातचीत.
वह समय आ चुका है जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को गंभीरता से विचार-विमर्श करके इन दस्तावेजों की विस्तृत जांच के लिए कोई रास्ता निकालने के बारे में सोचना चाहिए.
पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव के समर्थन में एआईआर की ओर से प्रसारित कार्यक्रम में पाकिस्तानी श्रोताओं को बताया जा रहा है कि इस्लाम में मुसाफिर की हत्या करना गुनाह है.
अगर बेग़म जान या पाकिस्तान के बाहर विभाजन पर बनी कोई भी फिल्म सरकार को इतना डरा देती है कि उसे बैन करने से पहले देखना तक ज़रूरी नहीं समझा जाता, तो यह दिखाता है कि ये मुल्क किस कदर असुरक्षा और डर में जी रहा है.
जिन-जिन चीज़ों के बाबा साहब सख़्त ख़िलाफ़ थे, वो सारे पाखंड किए जा रहे हैं. बाबा साहब को अवतार कहा जा रहा है. यहां तक कि उन्हें ब्रह्मा, विष्णु, महेश तक बताया जा रहा है.