दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर झूठ फैलाने और कथित शराब घोटाले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फंसाने के लिए ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. जेल में बंद सिसोदिया को बीते मार्च महीने में इस मामले में गिरफ़्तार किया था.
पंजाब सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब उसे सूचित किया गया कि कई महिला सरपंचों के परिवार के पुरुष सदस्य उनकी जगह आधिकारिक बैठकों में शामिल हो रहे हैं और कम से कम तीन पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के पति, देवर और ससुर को आधिकारिक शपथ दिलाई गई है.
अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ‘ज़ेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किए जाने की पेशकश ठुकराते हुए कहा कि इससे सिख धर्म के प्रसार के लिए लोगों के साथ उनकी मुलाकात में बाधा आएगी. पंजाब में बीते 29 मई को गायक सिद्धू मूसेवाला की अज्ञात बदमाशों ने गोलीमार हत्या कर दी थी. यह घटना गायक को मिली सुरक्षा पंजाब सरकार द्वारा वापस लेने के एक दिन बाद हुई थी.
अदालत ने मामले में आप के दो विधायकों- अमानतुल्ला ख़ान और प्रकाश जरवाल के ख़िलाफ़ आरोप तय करने का आदेश दिया है. 2018 में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें घर बुलाया और अपने विधायकों के साथ मारपीट की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा आप के 11 विधायकों पर केस दर्ज किया गया था. हालांकि केजरीवाल और विधायकों ने आरोपों से इनकार किया था.
दक्षिण मुंबई की जुमा मस्जिद ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका में ट्रस्ट की एक मस्जिद में पांच वक़्त की नमाज़ अदा करने की इजाज़त मांगी गई थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि धार्मिक रीति-रिवाज़ों को मनाना या उनका पालन करना महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण लोक व्यवस्था और लोगों की सुरक्षा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र और दिल्ली पुलिस के इस दावे को ख़ारिज कर दिया कि रमज़ान के लिए निज़ामुद्दीन मरकज़ में 200 लोगों की पुलिस-सत्यापित सूची में से केवल 20 लोगों को प्रार्थना के लिए परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा सकती है.
दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन मरकज़ को दोबारा खोलने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई है. इससे पहले अदालत ने केंद्र, आप सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर स्थिति रिपोर्ट दाख़िल करने के लिए कहा था. पिछले साल मार्च में निज़ामुद्दीन मरकज़ कोरोना हॉटस्पॉट बनकर उभरा था.
दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा से पास हो गया. इस विधेयक में दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में ‘सरकार’ का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा. राज्यसभा में कम से कम 12 दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है.
दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक को लोकसभा में मिली मंज़ूरी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे 'जनता का अपमान' कहा, वहीं विपक्ष ने केंद्र पर दिल्ली में पिछले दरवाजे से शासन चलाने का आरोप लगाया है.
वीडियो: साल 2020 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज कर ये साबित कर दिया था कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से कोई नहीं जीत सकता, लेकिन 16 मार्च, 2021 को भाजपा ने राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक, 2021 लाकर केजरीवाल सरकार को सत्ता में होकर भी सत्ता से दूर कर दिया है.
वीडियो: हाल ही में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने बजट पेश किया और उसमें उन्होंने कई दावे किए जैसे घर-घर बिजली, पानी और मेडिकल सुविधाएं आदि. केजरीवाल के दावों में कितनी सच्चाई है यह जानने के लिए द वायर के पत्रकार याक़ूत अली और इस्मत आरा ने दिल्ली के दौराला गांव के लोगों का हाल जाना.
वीडियो: आम आदमी पार्टी ने बजट पेश किया है जिसे देशभक्ति बजट कहा जा रहा है. जिसमें दिल्ली में जगह-जगह तिरंगा लगाने से लेकर बच्चों को देशभक्ति का पाठ्यक्रम पढ़ाने की बात हो रही है. इस विषय पर प्रोफेसर व शिक्षाविद अनीता रामपाल से दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद की बातचीत.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधेयक को संविधान पीठ के फैसले के विपरीत बताते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि वह उनकी चुनी हुई सरकार की शक्तियों को बहुत कम करना चाहती है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली चुनाव में बुरी तरह हराने के बाद भाजपा अब पिछले दरवाज़े से दिल्ली पर शासन करने की कोशिश कर रही है.
पिछले साल मार्च में दिल्ली का निज़ामुद्दीन मरकज़ कोरोना हॉटस्पॉट बनकर उभरा था. तबलीग़ी जमात के एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाले कई लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद 31 मार्च, 2020 से ही यह बंद है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि वह मिड-डे मील योजना के तहत हर महीने प्रत्येक बच्चे को 540 रुपये का भुगतान करती है, लेकिन इस साल मार्च में उसके ख़ुद के हलफ़नामे में कहा गया कि उसने पंजीकृत 8.21 लाख बच्चों को क़रीब सात करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो प्रति बच्चा 100 रुपये से भी कम है.