पंजाब के बटाला में किसानों ने रविवार को भाजपा उम्मीदवार दिनेश बब्बू और बरनाला में पार्टी नेता अरविंद खन्ना के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया. इससे पहले फरीदकोट सीट से पार्टी उम्मीदवार हंसराज हंस, अमृतसर से तरनजीत सिंह संधू और पटियाला से परनीत कौर को किसानों की नाराज़गी का सामना करना पड़ा था.
वीडियो: हिमंता बिस्वा शर्मा की अगुवाई वाली असम की भाजपा सरकार पर लगातार सांप्रदायिकता बढ़ाने के आरोप लगते रहे हैं और लोकसभा चुनाव से पहले उनके विभिन्न बयान इसकी तस्दीक करते हैं. उधर, स्थानीय लोग सीएए के नियम अधिसूचित होने के बाद से नाराज़ है और इसके विरोध में सड़कों पर उतरे हैं. वहां चुनाव में कौन-से मुद्दे प्रभावी रहेंगे, इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से बात कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
वीडियो: दिल्ली आबकारी नीति मामले में लोकसभा चुनावों से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ़्तारी को लेकर उनके कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज से बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
साक्षात्कार: डाॅ. रामबहादुर वर्मा जाने-माने राजनीति विज्ञानी, लेखक व स्तंभकार हैं, जो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति के दो टूक विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं. 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र उनसे बातचीत.
लोकसभा चुनावों से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के समर्थन में एकजुट होकर 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं ने निर्वाचन आयोग से संपर्क करते हुए आरोप लगाया कि उनकी गिरफ़्तारी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का घोर और दुस्साहसिक दुरुपयोग, जिसका चुनाव की निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता पर प्रभाव पड़ता है.
भारत राष्ट्र समिति की एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में उनकी गिरफ़्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उनकी याचिका पर सुनवाई करने वाली पीठ को ही केजरीवाल की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर भी सुनवाई करनी थी.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ़्तारी के बाद विपक्ष के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि विपक्ष से लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की बजाय भाजपा जांच एजेंसियों की आड़ से चुनाव लड़ना चाहती है.
दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी द्वारा नौंवी बार तलब किए जाने के बाद गुरुवार रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस कार्रवाई पर कहा कि अहंकारी भाजपा, विपक्ष को हर तरह से चुनाव के पहले ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है.
वीडियो: आम आदमी पार्टी का आरोप है कि अगर कांग्रेस के साथ उसका गठबंधन हुआ तो अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार कर लिया जाएगा. ठीक इसी समय कांग्रेस के बैंक खातों को भी फ्रीज़ करने की ख़बर आई है. क्या यह भाजपा के संयुक्त विपक्षी मोर्चे से डर का संकेत है? द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजॉय आशीर्वाद का नज़रिया.
वीडियो: भाजपा को बड़ा झटका देते हुए बीते 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के कुलदीप कुमार को शहर के नगर निगम का वैध रूप से निर्वाचित मेयर घोषित कर दिया. इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी पर मत-पत्रों में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था.
सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी और भाजपा के चंडीगढ़ अल्पसंख्यक सेल के पूर्व महासचिव अनिल मसीह के ख़िलाफ़ जांच का आदेश दिया, साथ ही कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत में झूठ बोला था. बीते 30 जनवरी को मसीह ने आठ मत-पत्रों को अवैध घोषित कर दिया था और जिससे अब इस्तीफ़ा दे चुके भाजपा से मेयर मनोज सोनकर की जीत हो गई थी.
वोटों में गड़बड़ी के आरोपों के बीच भाजपा के मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत दर्ज की थी. हालांकि मामले की सुनवाई से एक दिन पहने उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया. अब चुनाव के पीठासीन अधिकारी ने मत-पत्रों पर निशान बनाने की बात स्वीकार की, जिसे बाद में उन्होंने अवैध घोषित किया था. सीजेआई ने कहा कि उन पर मुक़दमा चलाया जाना चाहिए.
पिछले महीने मेयर पद पर भाजपा के मनोज सोनकर का चुनाव पीठासीन अधिकारी द्वारा वोट में गड़बड़ी के आरोपों के बीच हुआ था. 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई होनी थी. इधर आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से उसकी कुल संख्या बढ़कर 19 हो गई है, जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन के सिर्फ़ 17 सदस्य रह गए हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित कुल प्राप्त दान (20,000 रुपये से अधिक) की राशि 12,167 चंदों से 850.438 करोड़ रुपये थी, जिसमें से भाजपा को 719.858 करोड़ रुपये मिले. भाजपा को 2022-23 में चुनावी बॉन्ड से 1,294.14 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो कांग्रेस से सात गुना अधिक था.