सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने केंद्र की दलीलों को दरकिनार करते हुए 12 ऐसे नामों को दोहराया है, जिस पर मोदी सरकार ने पूर्व में आपत्ति जताई थी. नियम के मुताबिक यदि कॉलेजियम किसी सिफ़ारिश को दोहराती है तो केंद्र सरकार को हर हाल में उसकी नियुक्ति सुनिश्चित करनी होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन दोनों टावरों का निर्माण सुपरटेक और नोएडा प्राधिकरण की सांठगांठ से अवैध तरीके से किया गया. अदालत ने सुपरटेक से इन टावरों में फ्लैट बुक कर चुके खरीददारों का पैसा बुकिंग के समय से 12 फीसदी ब्याज सहित लौटाने का निर्देश दिया है. इन दोनों टावर में लगभग 1,000 फ्लैट हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्जिकॉन मेडिक्विप प्राइवेट लिमिटेड के स्वंतत्र निदेशक पंकज ग्रोवर की अग्रिम ज़मानत याचिका को ख़ारिज कर दी, जिन पर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के कोष में घोटाले को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम क़ानून के तहत मामला दर्ज है. अदालत ने कहा कि इस तरह के अपराधी प्रभावशाली होते हैं. वे हमेशा ऐसी स्थिति में होते हैं कि विवेचना, साक्ष्य और गवाहों को प्रभावित कर सकें.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1997 में एक व्यक्ति की हिरासत में मौत के मामले में पुलिसकर्मी को ज़मानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 28 दिसंबर, 1997 को कुछ पुलिसकर्मी उनके घर आए और उनके पिता को अपने साथ ले गए. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पिता को बेरहमी से पीटा गया, जिसकी वजह से थाने में ही उनकी मृत्यु हो गई.
शीर्ष अदालत ने हत्या के एक मामले में प्राथमिकी रद्द करने की याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध अपील पर सुनते हुए यह टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि इस बारे में दिए उनके आदेश के बावजूद इलाहाबाद और उत्तराखंड हाईकोर्ट ‘विवेक का इस्तेमाल किए बगैर’ ही एक के बाद एक ऐसे आदेश दे रहे हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने दाढ़ी न रखने के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर अयोध्या के एक पुलिस कॉन्स्टेबल मोहम्मद फ़रमान को निलंबित कर दिया था, जिसे चुनौती देते हुए उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थीं. हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि पुलिसबल में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं है.
इलाहाबाद के टीबी सप्रू अस्पताल का मामला. कोरोना के एक मरीज़ अस्पताल से बीते आठ मई से लापता हैं. हाईकोर्ट की पीठ ने ज़िला प्रशासन की खिंचाई करते हुए कहा कि न तो ज़िला प्रशासन, न ही पुलिस और न ही अस्पताल प्रशासन मरीज़ के लापता होने पर गंभीर दिखाई दे रहे हैं, जबकि उनकी लापता रिपोर्ट दर्ज हुए तीन महीने से अधिक समय हो गया है.
शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. हाईकोर्ट ने एक मामले में अग्रिम ज़मानत का अनुरोध करने वाली याचिका ख़ारिज कर दी थी. इस मामले में सात साल पहले प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर नियमित तौर पर गिरफ़्तारी की जाती है तो यह किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा एवं आत्मसम्मान को ‘बेहिसाब नुकसान’ पहुंचा सकती है.
झुंझुनू ज़िले में पति से अलग रहने वाली एक महिला और अविवाहित शख़्स ने संयुक्त रूप से हाईकोर्ट में याचिका दायर कहा था कि उनके लिव-इन संबंध में रहने की वजह से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं इसलिए उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाए. अदालत ने इससे इनकार कर दिया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 161 (3) के प्रावधानों के तहत बलात्कार और यौन शोषण पीड़िताओं के बयान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ऑडियो-वीडियो के माध्यम से दर्ज करना अनिवार्य है और अधिकांश मामलों में ऐसा नहीं होता. अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव (गृह) को दो महीने के भीतर सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुपालन संबंधी दिशानिर्देश जारी करने को कहा है.
मामला बरेली का है और 1990 में संपत्ति विवाद में हुई एक दंपति की मौत से जुड़ा है. मृतकों की बेटी का आरोप था कि घटना के दिन चार-पांच लोग चाकुओं-डंडों के साथ उनके घर में घुसे और उनके माता-पिता की हत्या कर दी. जांच में उत्तराखंड की मंत्री रेखा आर्य के पति गिरधारी लाल साहू सहित 11 लोगों के ख़िलाफ़ आरोप तय किए गए थे.
साल 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से एक सप्ताह के भीतर 60 से ज़्यादा बच्चों की मौत मामले में डॉ. क़फ़ील ख़ान को निलंबित कर दिया गया था और वह लगभग नौ महीने तक जेल में भी रहे थे. ख़ान ने एक याचिका दायर कर बच्चों की मौत के संबंध में 22 अगस्त, 2017 को उनके निलंबन के आदेश को चुनौती दी है.
एक सोशल मीडिया पोस्ट में विहिप नेता चंपत राय पर ज़मीन हड़पने के आरोप लगाने वाले पत्रकार विनीत नारायण और अन्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है. इस संबंध में दायर हलफनामे में लापरवाही का उल्लेख करते हुए अदालत ने पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि इससे पुलिस विभाग, विशेष रूप से उच्च अधिकारियों में गिरते मानकों का पता चलता है.
डॉ. कफ़ील ख़ान 2017 में उस समय सुर्खियों में आए थे, जब गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक सप्ताह के भीतर 60 से ज़्यादा बच्चों की मौत कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से हो गई थी. इस घटना के बाद इंसेफेलाइटिस वार्ड में तैनात डॉ. ख़ान को निलंबित कर दिया गया था. वह लगभग नौ महीने तक जेल में भी रहे थे.
उत्तर प्रदेश की महराजगंज पुलिस का आरोप है कि ज़िले के सोनौली क़स्बे में नेपाल जा रहे ट्रक चालकों से रंगदारी वसूलने के चलते पत्रकार के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है. पत्रकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि चूंकि उन्होंने पुलिस द्वारा ट्रक ड्राइवरों से जबरन वसूली करते हुए उनका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया था, इसलिए उन पर ये कार्रवाई हुई है.