आर्य समाज मंदिर द्वारा जारी प्रमाण पत्र से कोई विवाह वैध नहीं हो जाता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अकेले आर्य समाज सोसाइटी द्वारा जारी प्रमाण पत्र से कोई विवाह वैध साबित नहीं हो जाता, उसे पंजीकृत कराना भी ज़रूरी है.

उत्तर प्रदेश: 18 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की अधिसूचना रद्द

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की श्रेणी में शामिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2016 और 2019 में जारी अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली याचिका को स्‍वीकार करते हुए उन्हें रद्द कर दिया. याचिका डॉ. बीआर आंबेडकर ग्रंथालय एवं जन कल्याण, गोरखपुर और अन्य ने दायर की थी.  

हाथरस गैंगरेप और हत्या: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई से मामले की प्रगति रिपोर्ट मांगी

14 सितंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित तौर पर ऊंची जाति के युवकों ने 19 साल की एक दलित युवती का बलात्कार किया था. उनके साथ बुरी तरह मारपीट भी की गई थी. 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराया गया

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 में रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था. न्यायालय ने कहा था कि ज़िले के अधिकारियों की सांठगांठ के साथ भवन नियमों का उल्लंघन किया गया.

2007 हेट स्पीच मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की याचिका ख़ारिज की

साल 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2007 में गोरखपुर और आसपास के ज़िलों में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने के आरोप में अपने ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.

योगी आदित्यनाथ से जुड़े नफ़रती भाषण मामले में शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा

वर्ष 2007 में दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोपों को लेकर तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और अन्य लोगों के ख़िलाफ़ गोरखपुर के एक थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई थी. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुक़दमा चलाने से इनकार के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी के ख़िलाफ़ याचिका को ख़ारिज कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

हाथरस मामला: पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के साथ गिरफ़्तार कैब ड्राइवर को ज़मानत मिली

अक्टूबर 2020 में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली के कैब ड्राइवर मोहम्मद आलम के साथ हाथरस जा रहे थे, जब कप्पन के साथ आलम को भी रास्ते में गिरफ़्तार कर लिया गया था.

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने हत्या मामले की याचिका इलाहाबाद पीठ स्थानांतरित करने की मांग की

लखीमपुर खीरी में वर्ष 2000 में एक 24 वर्षीय युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ अजय मिश्रा उर्फ टेनी भी नामजद थे. मामले में उनकी दोषमुक्ति के ख़िलाफ़ दाखिल एक याचिका को उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ से इलाहाबाद पीठ स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है.

यूपी: हाईकोर्ट ने कलेक्टर की मानहानि के मामले में पत्रकारों की दोषसिद्धि को बरक़रार रखा

मामला 1994 का है. मुज़फ़्फ़रनगर के तत्कालीन कलेक्टर अनंत कुमार सिंह का एक साक्षात्कार ‘द पायनियर’ और ‘स्वतंत्र भारत’ अख़बार में प्रकाशित हुआ था, जिसमें महिलाओं के साथ बलात्कार के संबंध में उनके हवाले से एक आपत्तिजनक टिप्पणी छापी गई थी. अदालत ने फैसला सुनाने के बाद आरोपियों को प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट के तहत रिहा कर दिया.

हाथरस गैंगरेप और हत्या: पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को इलाहाबाद हाईकोर्ट का ज़मानत देने से इनकार

5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस का आरोप है कि आरोपी क़ानून-व्यवस्था ख़राब करने के लिए हाथरस जा रहा था. कप्पन पर पीएफआई से जुड़े होने का भी आरोप है.

संसद और विधानसभाओं में अपराधियों की ख़तरनाक संख्या सभी के लिए चेतावनी है: हाईकोर्ट

बसपा सांसद अतुल राय की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि यह संसद की सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि अपराधिक छवि वाले लोगों को राजनीति में आने से रोके और लोकतंत्र बचाए. चूंकि संसद और निर्वाचन आयोग ज़रूरी क़दम नहीं उठा रहे हैं, इसलिए देश का लोकतंत्र अपराधियों, ठगों और क़ानून तोड़ने वालों के हाथों में जा रहा है.

एडिटर्स गिल्ड की ज़ुबैर की रिहाई की मांग, कहा- दुष्प्रचार करने वाले ऑल्ट न्यूज़ के ख़िलाफ़

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने की निंदा करते हुए एडिटर्स गिल्ड ने उनकी फ़ौरन रिहाई की मांग की है. वहीं, ऑनलाइन प्रकाशकों के संगठन डिजिपब ने पत्रकारों के ख़िलाफ़ क़ानून के इस तरह इस्तेमाल को अनुचित बताते हुए पुलिस से मामला वापस लेने का आग्रह किया है.

ऑल्ट न्यूज़ वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया

ऑल्ट न्यूज़ के एक अन्य सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद ज़ुबैर को 2020 में दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन शाम को बताया गया कि उन्हें एक अन्य मामले में ​दर्ज एफ़आईआर के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि गिरफ़्तारी हिंदू धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के मामले में हुई है.

यूपी सरकार की तोड़फोड़ पूरी तरह अवैध, मुआवज़ा मिलना चाहिए: हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस

द वायर के साथ बातचीत में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस गोविंद माथुर ने कहा कि जैसा उत्तर प्रदेश में चल रहा है, ऐसा ही चलता रहा तो क़ानून या पुलिस की ज़रूरत ही नहीं रहेगी. जो भी हो रहा है वो मनमाना है.

हिंदुत्ववादी नेताओं को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहने वाले पत्रकार पर दर्ज केस रद्द करने से इनकार

ट्विटर पर तीन हिंदू संतों- यति नरसिंहानंद, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को कथित नफ़रत फैलाने वाला कहने पर ‘आल्ट न्यूज़’ वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के ख़ैराबाद थाने में बीते एक जून को मामला दर्ज किया गया था. केस रद्द करने से इनकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पहली नज़र में प्रतीत होता है कि ज़ुबैर ने अपराध किया है और मामले की जांच करने की ज़रूरत है.

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