गलगोटिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर जो सवाल उठा, वह किसी एक कैंपस का मामला नहीं है. तमाम सरकारी विश्वविद्यालयों का भी गलगोटियाकरण हो रहा है. इस प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्रसंघ और गलगोटियातुर छात्रों की भूमिका अहम है.
छात्रा ने पहले इस संबंध में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आरोपी सहायक प्रोफेसर के ख़िलाफ़ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. आरोप है कि आरोपी पिछले एक साल से उसे परेशान कर रहा था. छात्रसंघ ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के अलावा सहायक प्रोफेसर को निलंबित करने की मांग की है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन और प्राचीन इतिहास विभाग में सहायक प्रोफेसर विक्रम हरिजन के ख़िलाफ़ विश्व हिंदू परिषद के एक पदाधिकारी ने केस दर्ज कराया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि विक्रम अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर हिंदू देवी-देवताओं को लेकर अपमानजनक और घृणास्पद पोस्ट लिखते रहते हैं.
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह पर एक दलित छात्र पर हमला करने का आरोप है. छात्रों का कहना है कि उन्होंने चीफ प्रॉक्टर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं सुनी.
बीते 11 जुलाई को एक स्नातक छात्र की मौत के एक दिन बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों समेत लोगों के एक समूह ने समय पर इलाज न मिलने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. आरोप है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और महिलाओं समेत शिक्षकों पर लोहे की छड़ से हमला किया. कुछ शिक्षकों ने उनसे नकदी और आभूषण छीनने का भी आरोप लगाया.
छात्रों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा गार्डों ने पहले उन पर लाठीचार्ज किया और गोलियां चलाईं, जिससे हिंसा हुई. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा विश्वविद्यालय गेट का ताला तोड़ने की कोशिश की गई और रोकने पर सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई.
वीडियो: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चार गुना फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ बीते कुछ हफ्तों से छात्र आंदोलन कर रहे हैं. अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदर्शनकारी छात्रों के ख़िलाफ़ दो एफआईआर दर्ज कराई हैं. इस बीच कुछ छात्रों ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की है. इस बारे में विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चार गुना फीस वृद्धि के ख़िलाफ बीते कुछ हफ्तों से छात्र आंदोलन कर रहे हैं. अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदर्शनकारी छात्रों के ख़िलाफ़ दो एफआईआर दर्ज कराई हैं. छात्रों का आरोप है कि जिन छात्रों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ है, पुलिस उनके घर जाकर परिजनों को धमका रही है.
इस बार कई विश्वविद्यालयों ने मई-जून 2022 में समाप्त हो रहे सेमेस्टर के लिए ऑफ़लाइन परीक्षा कराने का फ़ैसला किया है, लेकिन हॉस्टल प्रबंधन, परीक्षा शेड्यूल और हाइब्रिड क्लास टाइमटेबल को लेकर थोड़ी बहुत स्पष्टता के साथ अधिकांश राज्यों में छात्र इस फ़ैसले का विरोध कर रहे हैं.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को जिला प्रशासन की अनुमति के बिना ग़ैर-क़ानूनी रूप से विदेशियों को ठहरने की व्यवस्था करने समेत विभिन्न आरोपों में गिरफ़्तार किया गया है.
पुलिस के अनुसार इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर मार्च के पहले सप्ताह में दिल्ली में हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं में ड्यूटी भी दी. मामला सामने आने के बाद उन्हें परिवार समेत क्वारंटाइन में भेजा गया है.
शिक्षण संस्थानों का जब-जब राजनीतिकरण होगा, उसकी परिणति अक्सर हिंसा के रूप में ही होती है. जेएनयू को लेकर हुए विवाद में आज देश दो धड़े में विभाजित है और यह विभाजन धार्मिक या जातीय नहीं बल्कि वैचारिक है.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतन लाल हंगलू वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर 2016 से निगरानी में थे. उन्हें यौन उत्पीड़न की शिकायतों को उपयुक्त ढंग से नहीं निपटाने और छात्राओं के लिए शिकायत निवारण प्रणाली की कमी को लेकर पिछले सप्ताह राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी तलब किया था.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं. हालांकि छात्रसंघ भवन के सामने इकट्ठा होकर छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.