सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा से जुड़े मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सीएम एन. बीरेन सिंह सभी कुकी विधायकों से मिलकर स्थिति शांत करने का प्रयास कर रहे हैं. अब कुकी-ज़ो विधायकों ने कहा है कि मेहता का का दावा झूठा है और अदालत को गुमराह करने के समान है.
मणिपुर के जिरीबाम ज़िले के हमार बहुल गांव में गुरुवार रात हथियारबंद लोगों ने हमला कर 31 वर्षीय महिला को कथित तौर पर गोली मार दी. उनके परिवार का आरोप है कि उनसे बलात्कार कर फिर ज़िंदा जलाया गया. बताया गया है कि गांव के क़रीब 20 घरों में आग लगाई गई.
नगा समूह नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) ने कहा कि कट्टरपंथी मेईतेई संगठन अरामबाई तेंगगोल द्वारा ईसाइयों को परेशान करने और शारीरिक हमले के साथ परेशान करने वाली प्रवृत्ति देखी है, जो शांति और सहिष्णुता के लिए ख़तरा है.
मणिपुर पुलिस ने अपहरण के इन मामलों में एफआईआर दर्ज करके कम से कम 10 लोगों को गिरफ़्तार भी किया है, जिनमें दो लोग प्रभावशाली मेईतेई संगठन अरामबाई तेंग्गोल के सदस्य हैं, जिन पर इंफाल पूर्व के कांगपोकपी जिले से 4 पुलिसकर्मियों के अपहरण का आरोप है.
पिछले 11 महीने से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर की इनर मणिपुर लोकसभा सीट पर मतदान के दौरान हिंसा होने के साथ-साथ बूथ कैप्चरिंग के भी आरोप लग रहे हैं.
इंफाल पूर्वी ज़िले में यह घटना 27 फरवरी की शाम को हुई, जब एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को कथित तौर पर मेईतेई संगठन अरमबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं द्वारा उठा लिया गया था. राज्य में हालिया तनाव बढ़ने के बाद सेना को बुलाया गया है और असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इंफाल पूर्व में तैनात किया गया है.
बीते 8 जुलाई को मणिपुर पुलिस ने मेईतेई लीपुन संगठन के प्रमुख प्रमोत सिंह के ख़िलाफ़ कुकी छात्र संगठन की शिकायत पर एफ़आईआर दर्ज की थी. उन पर आदिवासी कुकी समुदाय के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप है. इस मामले में सिंह को थाने में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया.
घटना इंफाल पूर्व ज़िले में 15 मई की है. मेईतेई महिलाओं के संगठन ‘मीरा पैबिस’ ने एक 18 वर्षीय युवती के साथ मारपीट के बाद उसे चार हथियारबंद पुरुषों को सौंप दिया था, जिन्होंने उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया. राज्य में जारी हिंसा के बीच महिलाओं के साथ बर्बरपूर्ण यौन हिंसा के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
मणिपुर के बी फैनोम गांव में जिस दिन कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का शर्मनाक कृत्य हुआ, उसी दिन इंफाल में दो कुकी महिलाओं के साथ घर में घुसकर बलात्कार किया गया और फिर हत्या कर दी गई. इस मामले में भी ज़ीरो एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन उसे महीनेभर बाद संबंधित थाने में भेजा गया.
देश भर के 550 से अधिक सिविल सोसायटी समूहों और व्यक्तियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए समुदायों के बीच सदियों पुराने जातीय तनाव को बढ़ा रही है. बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने से जारी जातीय हिंसा पर अपनी चुप्पी तोड़ने का आग्रह किया गया है.
मणिपुर में बीते माह 3 मई से भड़की जातीय हिंसा को लेकर मणिपुर ट्राइबल्स फोरम ने कहा है कि एन. बीरेन सिंह सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही राज्य में ध्रुवीकरण की राजनीति देखी जा रही है. संगठन ने मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सनाजाओबा की कथित भूमिका की जांच की अपील की है.