1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के तौर पर शामिल हुए जस्टिस संजीव खन्ना साल 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में जज बने थे. 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बतौर प्रोन्नत किया गया था. वे 13 मई 2025 तक सीजेआई का पद संभालेंगे.
विश्व हिंदू परिषद के विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित बैठक में केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए, जिसमें वाराणसी और मथुरा के मंदिरों से जुड़े क़ानूनी विवाद, वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक के साथ-साथ धर्मांतरण के मुद्दे पर चर्चा की गई.
केंद्र सरकार ने लोकसभा में चुनावी बॉन्ड पर सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राजनीतिक दलों के फंडिंग के लिए चुनावी बॉन्ड के बारे में कोई क़ानून लाने की उसकी कोई योजना नहीं है. इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक क़रार देते हुए रद्द कर दिया था.
केंद्रीय क़ानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार कुल 6,98,904 अदालती मामलों में पक्षकार है. 57 फीसदी मामले तीन मंत्रालयों- वित्त, रेलवे और रक्षा- से संबंधित हैं.
देश में सभी उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत संख्या 1,114 है, जिसमें 29.4% पद खाली पड़े हैं. केवल पांच उच्च न्यायालयों- इलाहाबाद, पंजाब और हरियाणा, गुजरात, बॉम्बे और कलकत्ता में 1 अप्रैल तक 171 रिक्तियां थीं, जो कुल रिक्तियों का 52% से अधिक है.
बीते एक अप्रैल को वरिष्ठ मलयालम लेखक सी. राधाकृष्णन ने साहित्य अकादमी के एक समारोह में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए इस्तीफ़ा दे दिया. इसके बाद अकादमी ने मेघवाल की लेखकीय उपस्थिति का बचाव किया है.
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नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33%आरक्षण लाने के लिए 128वां संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया है. विधेयक कहता है कि इसके पारित होने के बाद आयोजित पहली जनगणना के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी.
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लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि इस साल 24 जुलाई तक ज़िला और अधीनस्थ अदालतों में 1,01,837 मामले 30 वर्षों से अधिक समय से लंबित थे. इससे पहले उन्होंने राज्यसभा में बताया था कि देश की विभिन्न अदालतों में लंबित मामले पांच करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं.
केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने संसद में बताया कि केंद्र सरकार से जुड़े कुल लंबित मामलों की संख्या 6,36,605 है. इसमें से अकेले वित्त मंत्रालय 1,79,464 मुक़दमों में शामिल है. इन मुक़दमों पर वर्ष 2022-23 में 54.35 करोड़ रुपये ख़र्च किया गया था.
दिलचस्प है कि एक केंद्रीय मंत्री (अर्जुन राम मेघवाल), जो एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के लिए एक बुनियादी मानवधिकार, समलैंगिक सेक्स को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के ख़िलाफ़ थे, को ऐसे समय में क़ानून मंत्री बनाया गया है, जब सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाह को वैध बनाने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.
केंद्र की मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण फेरबदल करते हुए किरेन रिजिजू से क़ानून मंत्रालय का ज़िम्मा ले लिया है. रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय दिया गया है. उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल लेंगे, जिन्हें क़ानून और न्याय मंत्रालय का राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है.
बीते जुलाई महीने में केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अर्जुन मेघवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसमें वे आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ‘भाभी जी’ पापड़ ब्रांड का प्रचार करते हुए दावा कर रहे थे कि इसे खाने से कोरोना से बचाव होगा.
राजस्थान के अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र में शुक्रवार को गो तस्करी के संदेह में एक व्यक्ति की अज्ञात लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी है.