सितंबर 2016 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और फ्रांस के रक्षा मंत्री के बीच राफेल क़रार पर दस्तख़त हुए थे, उसके ठीक पहले रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राफेल लड़ाकू विमानों की कीमतों को लेकर सवाल उठाए थे और इसे फाइल में दर्ज किया था.
राफेल विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए फ्रांस के वर्तमान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, 'यह सरकार का सरकार के साथ हुआ क़रार था. उस वक़्त मैं पद पर नहीं था. मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि हमारे नियम स्पष्ट थे.’
जन गण मन की बात की 309वीं कड़ी में विनोद दुआ राफेल सौदे को लेकर उठ रहे सवालों पर नरेंद्र मोदी की चुप्पी और सिक्किम एयरपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री के दावे पर चर्चा कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 68वीं कड़ी में उर्मिलेश राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार पर उठ रहे सवाल और इसकी मीडिया कवरेज पर पूर्व पत्रकार आशुतोष और डिफेंस कॉरेस्पॉन्डेंट रंजीत कुमार से चर्चा कर रहे हैं.
वीडियो: राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान, संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम में मोहन भागवत के बयान और मीडिया की भूमिका पर वरिष्ठ नेता अरुण शौरी से द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने राफेल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच कराने की अपील करते हुए कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर लोगों के पैसे को लूटा गया है.
अमित शाह ने दिल्ली में कहा है कि सौ करोड़ घुसपैठिये घुस गए हैं. जल्दी ही अमित शाह हर किसी को घुसपैठिया बता देंगे. जनता पूछेगी भी नहीं कि अमित भाई, बांग्लादेशी भगा रहे हैं या गुजरात को बदनाम करने वाले जतिन मेहता, नितिन संदेसरा, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को.
कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे को शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला बताया. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे पर वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री को सामने करने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए.
राफेल सौदे को लेकर एक फेसबुक पोस्ट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है रिलायंस डिफेंस चुनने में भारत और फ्रांस दोनों ही सरकारों की कोई भूमिका नहीं है.
23 नवंबर 2015 को सीबीआई को ये जानकारी दी गई थी कि विजय माल्या 24 नवंबर को दिल्ली आ रहे हैं और 24 नवंबर को ही सीबीआई ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर कहा कि माल्या को हिरासत में न लिया जाए.
केंद्र सरकार का कहना है कि यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत बढ़ाने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के लिए लिया गया है.
विजय माल्या दो मार्च 2016 को देश से भाग गया था जबकि बैंकों के समूह ने इसके चार दिन बाद उच्चतम न्यायालय से अपील की थी कि माल्या को देश से भागने से रोका जाए.
विजय माल्या ने हर दल की मदद से खुद को राज्यसभा में पहुंचाकर भारत की संसदीय परंपरा को उपकृत किया. मैं माल्या के इस योगदान का सम्मान करता हूं. इस मामले में प्रो-माल्या हूं. क्या माल्या बहुत बड़े राजनीतिक विचारक थे? जिन-जिन लोगों ने उन्हें संसद में पहुंचाया वो सामने आकर बोले तों. वन सेंटेंस में!
विजय माल्या के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर को ‘हिरासत’ से बदलकर आवागमन के बारे में केवल 'सूचना' देने पर सीबीआई सूत्र ने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उस समय पर्याप्त सबूत नहीं थे.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह भी सवाल किया कि जेटली ने माल्या को ख़ुद के स्तर पर भागने देने का फैसला किया या फिर मोदी जी कहने पर ऐसा किया?