द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मणिपुर में लूटे गए और अब तक गायब बड़ी संख्या में हथियार चिंता का एक बड़ा कारण है. अगर ये हथियार वापस नहीं आते हैं, तो ये गलत हाथों में हैं. उनमें से कई विद्रोहियों के पास जा सकते हैं. मणिपुर हिंसा छह महीने बाद भी लूटे गए हथियारों में केवल एक चौथाई हथियार और 5 प्रतिशत से भी कम गोला-बारूद बरामद हो पाए हैं.
म्यांमार सीमा से लगे मणिपुर के तेंगनौपाल ज़िले के मोरेह शहर में आदिवासी महिलाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है. कई आदिवासी संगठनों ने दावा किया कि शहर में इंफाल घाटी से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात करने के प्रयास चल रहे हैं, इससे शांति भंग हो सकती है. उनके अनुसार, अतिरिक्त मेइतेई पुलिस की तैनाती गंभीर चिंता का विषय है.
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच असम राइफल्स ने राज्य पुलिस को पत्र लिखकर कहा है कि कुछ मेईतेई उपद्रवियों ने इस्तेमाल किए हुए ट्रक खरीदकर उनका रंग-रोगन करके, उन पर असम राइफल्स का चिह्न लगाकर सैन्य वाहनों के समान बनाया है. ऐसा असम राइफल्स की छवि ख़राब करने के लिए किया जा रहा है.
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वीडियो: 2 सितंबर को असम राइफल्स के जवानों और मणिपुर पुलिस की एक टीम इंफाल के न्यू लैंबूलेन इलाके में रहने वाले कुछ कुकी परिवारों को जबरन निकालने के लिए पहुंची थी, जो शहर में बचे समुदाय के कुछ आख़िरी परिवार थे. अब उन्हें राजधानी से 25 किलोमीटर दूर कांगपोकपी ज़िले के एक गांव में भेजा गया है.
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असम राइफल्स ने अपने नोटिस में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता महेश्वर थौनाओजम द्वारा 30 जून को दिल्ली में एक शोकसभा के दौरान दिए गए बयानों का हवाला दिया है. थौनाओजम ने मणिपुर हिंसा में असम राइफल्स की भूमिका को लेकर सवाल उठाए थे.
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हिंसा प्रभावित मणिपुर के 40 मेईतेई विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन देकर कहा है कि राज्य में तैनात असम राइफल्स के जवानों को वापस बुलाया जाना चाहिए और कुछ 'भरोसेमंद' केंद्रीय बलों को तैनात किया जाना चाहिए.
मणिपुर पुलिस ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया है कि जब वह तीन हत्याओं के आरोपी सशस्त्र बदमाशों का पीछा कर रही थी तो असम राइफल्स ने उसे रास्ते में रोक लिया था, जिसके चलते आरोपी भागने में सफल हुए. सेना ने एक बयान जारी करके इसे उसकी छवि ख़राब करने का प्रयास बताया है.
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मणिपुर में मेईतेई महिलाओं के संगठन मीरा पाइबीस ने असम राइफल्स के जवानों पर बिष्णुपुर ज़िले में मेईतेई लोगों के एक प्रदर्शन के दौरान क्रूरता बरतने का आरोप लगाया है और सरकार से मांग की है कि वह असम राइफल्स को घाटी से हटाए.
गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा को सूचित किया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में मनोरोग से जूझ रहे रोगियों की कुल संख्या 2020 के 3,584 से बढ़कर साल 2022 में 4,940 हो गई. आंकड़े बताते हैं कि 2018 से 2022 तक 658 जवानों ने आत्महत्या की.