भाजपा की मिज़ोरम इकाई ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को भेजे पत्र में दावा किया है कि राज्य के ऊर्जा मंत्री एफ. रोडिंगलियाना के आधिकारिक दौरे के दौरान की उनकी गाड़ी और काफ़िले को असम राइफल्स द्वारा तीन बार रोका गया. अर्धसैनिक बल ने इन आरोपों को भ्रामक कहा है.
हिंसाग्रस्त मणिपुर में छात्रों द्वारा डीजीपी और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांगों को लेकर इंफाल में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के साथ झड़पों में 40 से अधिक छात्र घायल हुए हैं. पुलिस का कहना है कि राज्य में बुधवार को स्थिति तनावपूर्ण, मगर नियंत्रण में है.
इस बीच, कुकी-ज़ो समुदाय के एक सेवानिवृत्त सैन्य जवान को रविवार रात इंफाल पश्चिम ज़िले में बुरी तरह पीटा गया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. घटना तब हुई जब वह अनजाने में एक मेईतेई बहुल इलाके में प्रवेश कर गए थे.
केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त मणिपुर में संवेदनशील ज़िले में असम राइफल्स की जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की तैनाती करने का फैसला किया है. इसके ख़िलाफ़ चूड़ाचांदपुर ज़िले में व्यापक विरोध प्रदर्शन देखा गया और कई स्थानीय संगठनों ने केंद्र से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
मेईतेई नागरिक समाज संगठनों ने 28 मई 2023 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मणिपुर दौरे से कुछ घंटे पहले 13 मेईतेई गांवों पर हुए हमलों को याद किया और सवाल उठाया कि राज्य में हिंसा को इतने लंबे समय तक जारी रहने की अनुमति क्यों दी गई.
मणिपुर में बीते 27 जनवरी को कुकी समुदाय के कम से कम दो लोगों की हत्या कर दी गई और खमेनलोक क्षेत्र में कई घर और चर्च जला दिए गए. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने आरोप लगाया कि दोनों मृतक अपने गांव की सुरक्षा कर रहे थे और कथित तौर पर असम राइफल्स द्वारा उन पर गोलीबारी की गई.
यह घटना 24 जनवरी सुबह दक्षिण मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा पर हुई. असम राइफल्स ने एक बयान में कहा है कि घटना में घायल सभी छह जवान ग़ैर-मणिपुरी हैं. उन्हें इलाज के लिए सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. बयान में कहा गया गोलीबारी की इस घटना का राज्य की जातीय हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है.
मणिपुर में हिंसा की हालिया घटनाओं के बाद राज्य के कुल 60 में से 32 विधायकों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि राज्य में असम राइफल्स के बदले कोई और बल तैनात किया जाए, साथ ही कुकी उग्रवादी समूहों के साथ जारी समझौते (सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस) को विस्तार न दिया जाए.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि 2019 और 2023 के बीच पांच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स के 46,930 कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का विकल्प चुना. इनमें सबसे अधिक संख्या (21,860) बीएसएफ कर्मियों की थी.
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मणिपुर में लूटे गए और अब तक गायब बड़ी संख्या में हथियार चिंता का एक बड़ा कारण है. अगर ये हथियार वापस नहीं आते हैं, तो ये गलत हाथों में हैं. उनमें से कई विद्रोहियों के पास जा सकते हैं. मणिपुर हिंसा छह महीने बाद भी लूटे गए हथियारों में केवल एक चौथाई हथियार और 5 प्रतिशत से भी कम गोला-बारूद बरामद हो पाए हैं.
म्यांमार सीमा से लगे मणिपुर के तेंगनौपाल ज़िले के मोरेह शहर में आदिवासी महिलाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है. कई आदिवासी संगठनों ने दावा किया कि शहर में इंफाल घाटी से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात करने के प्रयास चल रहे हैं, इससे शांति भंग हो सकती है. उनके अनुसार, अतिरिक्त मेइतेई पुलिस की तैनाती गंभीर चिंता का विषय है.
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच असम राइफल्स ने राज्य पुलिस को पत्र लिखकर कहा है कि कुछ मेईतेई उपद्रवियों ने इस्तेमाल किए हुए ट्रक खरीदकर उनका रंग-रोगन करके, उन पर असम राइफल्स का चिह्न लगाकर सैन्य वाहनों के समान बनाया है. ऐसा असम राइफल्स की छवि ख़राब करने के लिए किया जा रहा है.
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वीडियो: 2 सितंबर को असम राइफल्स के जवानों और मणिपुर पुलिस की एक टीम इंफाल के न्यू लैंबूलेन इलाके में रहने वाले कुछ कुकी परिवारों को जबरन निकालने के लिए पहुंची थी, जो शहर में बचे समुदाय के कुछ आख़िरी परिवार थे. अब उन्हें राजधानी से 25 किलोमीटर दूर कांगपोकपी ज़िले के एक गांव में भेजा गया है.