भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात के दौरान बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन ने लॉकडाउन के कारण प्रभावित बांग्लादेश के तबलीग सदस्यों और 25 बांग्लादेशी मछुआरों की जल्द वापसी का अनुरोध किया.
किंग्स कॉलेज लंदन और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों के एक अध्ययन में कहा गया है कि मध्यम आय वर्ग वाले विकासशील देशों में ग़रीबी बढ़ेगी जो वैश्विक स्तर पर ग़रीबी को बढ़ाएगा. दक्षिण एशिया का इलाका ग़रीबी की मार झेलने वाला दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र होगा.
बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान की उनके परिवार सहित 15 अगस्त 1975 को हत्या कर दी गई थी. इस हमले में उनकी दोनों बेटियां बच गई थीं. देश की मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना उनकी बेटी हैं और हमले के समय वे जर्मनी में अपनी बहन के साथ थीं.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख ख़ालिदा ज़िया भ्रष्टाचार के दो मामलों में 17 साल की सज़ा काट रही हैं. उन्हें आठ फरवरी 2018 को जेल भेज दिया गया था. उधर, प्रिंस चार्ल्स की पत्नी कैमिला की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है.
बांग्लादेश में पढ़ने वाले इन मेडिकल छात्र-छात्राओं में अधिकतर जम्मू कश्मीर से हैं. कोरोना संक्रमण के चलते कॉलेज और हॉस्टल बंद होने के बाद वे घर लौट रहे थे.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी साल 2020 के विश्व खुशहाली रिपोर्ट में फिनलैंड लगातार तीसरे साल शीर्ष पर रहा.
बांग्लादेश में कोरोना वायरस के तीन मामलों की पुष्टि के बाद शेख मुजीबुर रहमान की जयंती पर होने वाले शताब्दी समारोह को टाल दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में मुख्य अतिथि थे.
नागरिकता संशोधन कानून के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने के फैसले के खिलाफ बोलते हुए पूर्व अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि भारत को सभी अफगानियों के साथ बराबर का व्यवहार करना चाहिए.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सीएए और एनआरसी पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है. उन्होंने कहा कि भारत से पलटकर कोई प्रवासी नहीं आ रहे लेकिन भारत के अंदर लोग कई मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
नागरिकता क़ानून को लेकर 2003 और उसके बाद हुई बहस में न केवल कांग्रेस और वाम बल्कि भाजपा नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने भी धार्मिक रूप से प्रताड़ित शरणार्थियों को लेकर धर्म के आधार पर भेदभाव न करने की पैरवी की थी.
जो लोग जेएनयू गेट पर लाठियां लेकर खड़े थे और भीतर जो लोग लाठियां लेकर शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की लिंचिंग पर उतारू थे, उनकी मंशा को समझना क्या इतना मुश्किल है?
इस मौत के साथ ही अब तक असम स्थित डिटेंशन सेंटरों में रखे गए लोगों की होने वाली मौतों की संख्या 29 पहुंच चुकी है. इन डिटेंशन सेंटरों में करीब 1000 लोगों को रखा गया है.
एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया है कि यह निर्णय इस चिंता से लिया गया है कि भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून लागू होने के बाद भारतीय मुसलमान बांग्लादेश में प्रवेश कर सकते हैं.
अगर नागरिकता संशोधन क़ानून दूसरे देशों के मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है, तो एनआरसी भारत के मौजूदा नागरिकों के प्रति शत्रुतापूर्ण है, जिसके कारण यह कहीं ज़्यादा ख़तरनाक है.
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ शुरू हुए आंदोलन का हासिल यह है कि आज हर कोई यह सवाल कर रहा कि आख़िर इस क़ानून की ज़रूरत क्या थी, एनआरसी क्यों लाई जाएगी. इस पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि अगर वोटर कार्ड है, आधार है तो अब रजिस्ट्रेशन किस बात का.