कर्नाटक के बगलकोट ज़िले के केरुर शहर में छेड़खानी को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इस दौरान आगज़नी और तोड़फोड़ शुरू हो गई, जिससे शहर का मुख्य बाजार क्षेत्र बंद करना पड़ा.
सेवानिवृत्त नौकरशाह, कलाकार और शिक्षाविदों के एक समूह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लिखे पत्र में कहा है कि हाल में मुस्लिम, ईसाई और दलित समुदायों पर विभिन्न प्रकार के हमलों ने राज्य के समावेशी स्वभाव पर गर्व करने वालों को झकझोर कर रख दिया है. समूह ने कहा कि इससे प्रगति में बाधा उत्पन्न होगी, उद्यमियों और निवेशकों का विश्वास कम होगा तथा नागरिकों में असुरक्षा, संदेह, भय और आक्रोश बढ़ेगा.
कर्नाटक के मंगलुरु स्थित कॉलेज में हिजाब पर रोक का विरोध करने वाली दो मुस्लिम छात्राओं को अन्य कॉलेज में नामांकन के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) दिया गया है, जबकि एक को ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी किया गया है. तीन छात्राओं में से दो ने प्रेस वार्ता कर विश्वविद्यालय परिसर में यूनिफॉर्म नियम को सख़्ती से लागू करने के फैसले पर सवाल उठाया था.
राज्य सरकार द्वारा गठित एक समिति ने हाल ही में कक्षा 6 से 10 तक की सामाजिक विज्ञान और कक्षा 1 से 10 तक की कन्नड़ भाषा की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन करते हिए भगत सिंह, टीपू सुल्तान, पेरियार आदि से संबंधित अध्यायों को कथित तौर पर पाठ्यक्रम से हटाया या संक्षिप्त कर दिया है. वहीं, दसवीं की एक किताब में संघ संस्थापक केबी हेडगेवार का एक भाषण शामिल किया गया है.
शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने की बीते 28 मई को मांग करने वाली 12 छात्राएं फिर से सोमवार को भी यूनिवर्सिटी कॉलेज आईं, लेकिन अधिकारियों ने उनके प्रवेश पर रोक लगा दी. ज़िले के उपायुक्त ने कहा कि विश्वविद्यालय के सिंडिकेट ने हिजाब या भगवा स्कार्फ या ऐसा कोई कपड़ा जो शांति भंग कर सकता हो, उसकी अनुमति नहीं देने का फैसला किया है.
कर्नाटक के बागलकोट ज़िले के टेराडल स्थित सरकारी डिग्री कॉलेज का मामला. घटना इसी साल 18 फरवरी की है. 19 वर्षीय छात्र नवीद हसन साब थरथारी ने आरोप लगाया है कि वह टोपी पहनकर कॉलेज गए थे, लेकिन प्रिंसिपल ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया. पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की और उनकी आस्था को लेकर उनका अपमान किया. इस मामले में एक स्थानीय अदालत के निर्देश पर केस दर्ज किया गया है.
हिजाब का मुद्दा फिर से सामने आने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने जोर देकर कहा है कि सभी को हाईकोर्ट और सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए. इस मुद्दे के ख़त्म हो जाने का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से ऐसे मुद्दों में पड़ने के बजाय शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.
कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार विधेयक, 2021 के अनुसार, इसके तहत दोषी पाए जाने पर उसे तीन साल की क़ैद, जो बढ़ाकर पांच साल तक की जा सकती है और उसे 25,000 रुपये का जुर्माना भी भरना होगा. सामूहिक धर्मांतरण के संबंध में तीन साल की जेल की सज़ा का प्रावधान है, जो दस साल तक बढ़ सकती है और जुर्माना एक लाख रुपये तक हो सकता है.
दोनों मुस्लिम छात्राओं की ओर से कहा गया है कि उन्हें हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन कॉलेज के अधिकारियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें परीक्षा कक्ष में प्रवेश देने से इनकार कर दिया. इसके बाद दोनों घर लौट गईं.
यह आरोप ऐसे समय आया है जब 12 अप्रैल को उडुपी के एक होटल में एक ठेकेदार ने मंत्री और भाजपा नेता केएस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद ईश्वरप्पा ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. इस आरोप पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उनकी सरकार संत के आरोपों को बहुत गंभीरता से ले रही है.
दिल्ली, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड से हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. बताया जा रहा है कि कर्नाटक के हुबली शहर में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पुलिसकर्मियों, एक अस्पताल और एक मंदिर पर हमला किया. इससे 12 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं. मामले में लगभग 40 लोग गिरफ़्तार किए गए हैं.
कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर सरकारी ठेके में 40 प्रतिशत का कमीशन लेने का आरोप लगाने वाले एक ठेकेदार की मौत को लेकर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. मृतक का परिवार और विपक्ष ईश्वरप्पा की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं.
ठेकेदार संतोष पाटिल ने चार करोड़ रुपये की एक परियोजना में निवेश किया था. कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर आरोप है कि वे परियोजना से संबंधित भुगतान को मंजूरी देने के एवज में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे.
कर्नाटक के धारवाड़ स्थित एक मंदिर में शनिवार को श्री राम सेना के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम फल विक्रेताओं के ठेलों में तोड़फोड़ करने के साथ-साथ उनमें लदे फलों को भी सड़क पर फेंककर नष्ट कर दिया था. इस पर स्थानीय भाजपा विधायक अरविंद बेल्लाड का कहना है कि हिंदू मंदिर में मुसलमानों का पहनावा देखकर हिंदू भक्त कैसा महसूस करते होंगे.
कर्नाटक के दक्षिणपंथी समूह भारत रक्षा वेदिके ने बेंगलुरु सहित राज्य के कई हिस्सों में घर-घर जाकर लोगों से मुस्लिम कैब ड्राइवरों की सेवाएं नहीं लेने को कहा है, विशेष रूप से हिंदू मंदिर या तीर्थयात्रा के दौरान ऐसा नहीं करने की अपील की गई है. राज्य में बीते कुछ हफ्तों में दक्षिणपंथी समूहों ने मुस्लिमों और उनकी आजीविका को निशाना बनाया है.