मीडिया बोल की 60वीं कड़ी में उर्मिलेश बिहार में मुज़फ़्फ़रपुर के एक बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों से बलात्कार के मामले पर हुई मीडिया कवरेज पर पत्रकार अलका रंजन और सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार शीतल प्रसाद सिंह से चर्चा कर रहे हैं.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर शहर स्थित सरकारी बालिका गृह को सेवा संकल्प एवं विकास समिति की ओर से संचालित किया जाता था. सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथों में ली.
बलात्कार मामले के गिरफ़्तार एक आरोपी की पत्नी ने समाज कल्याण मंत्री के पति पर मुज़फ़्फ़रपुर स्थित बालिका गृह में आने-जाने का आरोप लगाया. मंत्री ने आरोपों को ख़ारिज किया.
मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के एक बालिका गृह से पिछले माह यौन उत्पीड़न की शिकार 50 बच्चियों को आज़ाद कराया गया था. पूछताछ में पता चला कि स्टाफ के साथ असहमति जताने पर एक बच्ची को मारकर ज़मीन में गाड़ दिया गया था. पुलिस ने आश्रय गृह की खुदाई शुरू की है.
14 साल के नाबालिग के परिवार का आरोप था कि पुलिस ने मुफ़्त सब्ज़ी न देने के चलते उनके बेटे को झूठे मामले में गिरफ़्तार किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मामले की जांच के आदेश के बाद हुई पुलिस जांच में सामने आया कि एफआईआर में थीं गड़बड़ियां. पुलिस के नाबालिग पर लगाए आरोपों का कोई प्रमाण नहीं.
बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष राज्य में 18 वर्ष से कम आयु के 6139 बच्चे लापता हुए. जिनमें से 2546 का आज तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
रोहतास जिले में ईद की पूर्व संध्या पर कथित देश विरोधी गाना बजाने को लेकर हुई एफआईआर. आरोपियों के परिजनों ने कहा बच्चे गाने का मतलब तक नहीं जानते.
पुलिस के मुताबिक, मृतक सुरेंद्र साह पूर्वी चंपारण ज़िले का रहने वाला था. उसे 17 जून को शराब पीने के चलते उसके गांव से गिरफ़्तार करके जेल में डाला गया था. वह गिरफ़्तारी के बाद से ही बीमार रह रहा था.
पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि निर्देशानुसार गंभीर अपराधों के लंबित मामलों में प्रतिदिन कम से कम एक गिरफ़्तारी होनी चाहिए, लेकिन हफ़्ते में एक गिरफ़्तारी भी नहीं हो रही.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में युवक का कथित तौर पर अपहरण कर ज़बरन शादी कराने के मामले में पुलिस पर दुल्हन और उसकी बहन की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगा है.
मीडिया में आई रिपोर्ट के आधार पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने डीजी पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए हैं.