अयोध्या की सभा असत्य और अधर्म की नींव पर निर्मित हुई है, क्योंकि जिसे इसके दरबारीगण सत्य की विजय कहते हैं, वह दरअसल छल और बल से उपजी है. अदालत के निर्णय का हवाला देते हुए ये दरबारी भूल जाते हैं कि इसी अदालत ने छह दिसंबर के अयोध्या-कांड को अपराध क़रार दिया था.
कांग्रेस ने भाजपा से झारखंड को लंबित कोयला रॉयल्टी और अन्य केंद्रीय निधियों के 1.4 लाख करोड़ रुपये जारी करने में देरी के बारे में स्पष्टीकरण मांगते हुए आरोप लगाया कि वह राज्य से बदला ले रही है, क्योंकि उसने 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को वोट नहीं दिया था.
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखकर एक बहुमंजिला आवासीय परियोजना में सरकारी खजाने को 1,146 करोड़ रुपये के संभावित नुकसान सहित अनियमितताओं का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि राज्य का सामान्य प्रशासन विभाग कैबिनेट की मंज़ूरी के बिना भी इस पर काम कर रहा है. विभाग मुख्यमंत्री शर्मा के अधीन है.
वीडियो: पिछले दस सालों में देश की राजनीति के साथ हिंदी सिनेमा में भी अहम बदलाव देखने को मिले हैं. जहां एक ख़ास तरह के सिनेमा को आसानी से फंडिंग आदि मिल रही है, वहीं उद्योग के कई प्रतिभाशाली लोगों, विशेषकर वो जो भाजपा की विचारधारा से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते, के सामने मुश्किलें आ रही हैं. इस बारे में अभिनेता सुशांत सिंह से बात कर रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि संबंधित धनराशि ज़मीनी स्तर के प्रयासों से जुटाई गई थी, जिसमें युवा कांग्रेस और एनएसयूआई द्वारा क्राउड फंडिंग और सदस्यता अभियान शामिल थे. उन्होंने कहा कि यह घटनाक्रम लोकतंत्र की स्थिति के बारे में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाता है. क्या यह ख़तरे में है? हमारी उम्मीद अब न्यायपालिका पर है.
पंजाब-हरियाणा सीमा स्थित शंभू बैरियर का दृश्य 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन की सटीक पुनरावृत्ति है. किसानों ने कहा कि पिछले आंदोलन के समय हमें एमएसपी पर क़ानून बनाने का आश्वासन दिया था, तो केंद्र सरकार क़रीब तीन साल तक क्यों बैठी रही. मोदी सरकार निश्चित रूप से अपने अहंकार के चरम पर है.
गुजरात विधानसभा में भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बताया कि पिछले दो वर्षों में कुल 29 ज़िलों में 2,38,978 शिक्षित बेरोज़गारों को पंजीकृत किया गया है, जबकि 10,757 आंशिक रूप से शिक्षित बेरोज़गारों को पंजीकृत किया गया है, जिससे शिक्षित बेरोज़गारों की संख्या 2,49,735 हो गई है.
अर्थव्यवस्था पर केंद्र द्वारा लाए गए श्वेत-पत्र पर राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने इसका इस्तेमाल ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया है. इसमें नोटबंदी, बेरोज़गारी, मुद्रास्फीति, किसानों की दिक्कत और अर्थव्यवस्था की स्थिति के मुद्दों को छोड़ दिया गया है.
नीति आयोग के रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2022-23 तक नौ वर्षों में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी ग़रीबी से बाहर आ गए हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार इन लोगों को कल्याणकारी योजनाओं और मुफ्त राशन के सुरक्षा से बाहर करने के लिए साज़िश रच रही है. पार्टी ने कहा कि यह ‘भाजपा के ईको सिस्टम का स्पष्ट झूठ’ है.
असम कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में यह बताए जाने की मांग की है कि पिछले विधानसभा चुनाव के फॉर्म-20 या अंतिम परिणाम पत्र में ऐसे बदलाव क्यों किए गए हैं, जिनमें मतदान केंद्रों के नाम और उन राजनीतिक दलों के नाम नहीं बताए गए हैं, जिनके उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. पार्टी ने चुनाव आयोग द्वारा ऐसी जानकारी को हटाने पर सवाल उठाए हैं.
मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में भाजपा सरकार के कार्यकाल में भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी नीतियों के कारण अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में धार्मिक और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ भेदभावपूर्ण प्रथाओं को उजागर करते हुए कई घटनाओं को सूचीबद्ध किया गया है.
वीडियो: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ समारोह को लेकर हो रही राजनीति और इस मंदिर की पृष्ठभूमि को लेकर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
बीते सोमवार को बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की सज़ामाफ़ी और रिहाई को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गुजरात सरकार के पास दोषियों को समय से पहले रिहा करने का हक़ नहीं है. अदालत ने दोषियों को दो हफ्ते के अंदर वापस जेल में आत्मसमर्पण करने का भी निर्देश दिया था.
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना के तहत ग़रीब और ज़रूरतमंद लोगों को सिर्फ़ 8 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जाता था. बीते 4 जनवरी को राजस्थान की भाजपा सरकार ने पूर्व सरकार के एक बड़े फैसले को पलटते हुए सीबीआई को राज्य में जांच के लिए सामान्य सहमति दे दी थी.
वीडियो: ‘अयोध्या: द डार्क नाइट’ के लेखक-पत्रकार धीरेंद्र के झा और ‘अयोध्या: सिटी ऑफ फेथ, सिटी ऑफ डिस्कॉर्ड’ नामक किताब के लेखक-पत्रकार वलय सिंह से द वायर की संपादक सीमा चिश्ती की बातचीत.