मेटा के बारे में हमारी कवरेज को लेकर उठाई गई शंकाओं के मद्देनज़र हम इन रिपोर्ट्स के लिए इस्तेमाल किए गए सभी दस्तावेज़ों, स्रोतों से मिली सामग्री और स्रोतों की आंतरिक समीक्षा कर रहे हैं.
बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों की सज़ा माफ़ी और रिहाई के निर्णय का बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि 'जो भी हुआ है, क़ानून के अनुसार हुआ है.' वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुजरात सरकार द्वारा दायर जवाब को 'बोझिल' बताते हुए कहा कि इसमें तथ्यात्मक बयान गुम हैं.
इलेक्टोरल ट्रस्टों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट बताती हैं कि सबसे अमीर चुनावी ट्रस्ट प्रूडेंट ने 26 किश्तों में भाजपा को कुल 336.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि कांग्रेस को 16.5 करोड़ रुपये दिए, जो क्षेत्रीय दलों को दी गई राशि से भी कम है.
गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों की सज़ा माफ़ी के लिए केंद्र सरकार ने मंज़ूरी दी थी. इसे लेकर कांग्रेस ने कहा कि क्या मोदी सरकार ने सभी बलात्कारियों से ऐसे ही बर्ताव करने का निर्णय लिया है? क्या रेप मामलों में यह नया मानक तय किया गया है?
सुप्रीम कोर्ट में बिलक़ीस बानो मामले के 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई के ख़िलाफ़ याचिका के जवाब में गुजरात सरकार ने कहा है कि इस क़दम को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंज़ूरी दी थी. सरकार के हलफ़नामे के अनुसार, सीबीआई, स्पेशल क्राइम ब्रांच, मुंबई और सीबीआई की अदालत ने सज़ा माफ़ी का विरोध किया था.
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के ‘नौकरी के लिए हिंदी भाषा की जानकारी होने’ संबंधी प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि यह प्रस्ताव संविधान के संघीय सिद्धांतों के ख़िलाफ़ जाता है.
मेटा ने द वायर द्वारा सार्वजनिक किए गए सबूतों के बारे में बेबुनियाद दावे किए हैं, शायद इस उम्मीद में कि हम आगे की जानकारी को खोजने और प्रकाशित करने के लिए बाध्य महसूस करेंगे जिससे वे और आसानी से स्रोत के बारे में जान सकें. पर हम इस खेल को खेलने के लिए तैयार नहीं हैं.
एक्सक्लूसिव: भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के मेटा के विशिष्ट 'क्रॉसचेक' प्रोग्राम में शामिल होने को लेकर की गईं द वायर की रिपोर्ट्स को लेकर मेटा द्वारा जारी किए गए बयान में हम पर कई सवाल उठाए गए हैं. द वायर ने इन सभी सवालों का उचित सबूतों के साथ जवाब दिया है.
उत्तर प्रदेश के बाग़पत ज़िले में बीते 2 सितंबर को 20-22 लोगों की भीड़ ने विनयपुर में रहने वाले दाऊद अली त्यागी पर हमला कर दिया था. कार्यकर्ताओं का दावा है कि त्यागी की हत्या से पहले इलाके में एक बैठक हुई थी, जहां क्षेत्र के मुसलमानों को डराने की योजना बनाई गई थी. पुलिस ने भी बैठक और साज़िश की बात स्वीकारी है.
सवर्ण समाज झूठ बोलता रहा है कि वह समानता के उसूल को मानता है. उसने किसी भी स्तर पर दलितों के साथ साझेदारी से इनकार किया. दलितों का हिंदू बने रहना मात्र एक जगह उपयोगी है- कि ‘मुसलमान, ईसाई’ के प्रति द्वेष और घृणा पर आधारित राजनीति के लिए ऐसे हिंदुओं की संख्या बढ़ती रहनी चाहिए.
उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह एक वायरल वीडियो में कथित तौर पर मीडिया से बात करते हुए यह कहते हुए देखे जा सकते हैं कि बाढ़ के प्रति मैंने अपने जीवन में इतना ख़राब इंतज़ाम पहले कभी नहीं देखा है. लेकिन, बोलना बंद है. बोलोगे तो बागी कहलाओगे.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने पर्यटन मंत्री आनंद सिंह, जल संसाधन मंत्री गोविंद करजोल और अन्य भाजपा नेताओं के साथ बीते 12 अक्टूबर को विजयनगर ज़िले के कमलापुरा में एक दलित व्यक्ति के घर में नाश्ता किया था. आरोप है कि अधिकारियों ने दलित परिवार को सिर्फ़ ब्रांडेड सामग्री का उपयोग करने के लिए कहा था.
शीर्ष अदालत एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा कुछ अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा चुनावी बॉन्ड के ज़रिये राजनीतिक दलों को चंदा मिलने के प्रावधान वाले क़ानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
संघ की स्वतंत्रतापूर्व भूमिकाओं की याद दिलाते रहना पर्याप्त नहीं है- उसके उन कृत्यों की पोल खोलना भी ज़रूरी है, जो उसने तथाकथित प्राचीन हिंदू गौरव के नाम पर आज़ादी के साझा संघर्ष से अर्जित और संविधान द्वारा अंगीकृत समता, बहुलता व बंधुत्व के मूल्यों को अपने कुटिल मंसूबे से बदलने के लिए बीते 75 वर्षों में किए हैं.
जम्मू प्रशासन ने मंगलवार को अधिकृत तहसीलदारों को एक वर्ष से अधिक समय से शीतकालीन राजधानी में रहने वाले लोगों को आवासीय प्रमाणपत्र जारी कर ख़ुद को मतदाता के तौर पर रजिस्टर कराने का अधिकार दिया था. भाजपा को छोड़कर सूबे के सभी दलों ने इसका विरोध किया था.