पुलवामा हमले और जम्मू कश्मीर की स्थिति को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाने वाले पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की टिप्पणी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि हमसे अपना रास्ता अलग करने के बाद वह आरोप लगा रहे हैं.
‘ओवरसीज़ फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’ संगठन के ऑस्ट्रेलिया विंग के संस्थापकों में से एक बालेश धनखड़ पर बलात्कार के 13 मामले, बलात्कार के इरादे से नशीला पदार्थ देने के छह मामले, सहमति के बिना अंतरंग वीडियो रिकॉर्ड करने के 17 मामले और तीन मामले अभद्र हमले से संबंधित थे.
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खिलाड़ियों ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. बृज भूषण ख़ुद को पाक-साफ़ कह रहे हैं लेकिन उनका आपराधिक गतिविधियों से भरा अतीत एक अलग ही कहानी बताता है.
ठाणे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है. यहां से वे विधायक और उनके बेटे सांसद हैं. एक रिपोर्ट बताती है कि पूर्व सांसद आनंद परांजपे के ख़िलाफ़ शुरू में एक ही अपराध में 11 एफ़आईआर दर्ज की गई थी, जो अंतत: बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा ठाणे पुलिस को फटकार लगाने के बाद घटाकर एक कर दी गई.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि मलिक साहब, आप लड़ते रहे हैं, जो लोग अपने विरोधियों के ख़िलाफ़ सत्ता की शक्ति का उपयोग करते हैं, वे कायर हैं. जिस दिन से पुलवामा हमले से संबंधित तथ्य का खुलासा किया है, उस दिन से आपके ख़िलाफ़ कार्रवाई की संभावना थी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार की राजधानी पटना में एक कार्यक्रम दौरान कहा कि साल 2024 में राज्य की सभी 40 सीटों पर इस फिरंगी शासन का पर्दाफाश करेंगे. बिहार भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राजद के लिए भाजपा को धोखा देने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजनीतिक करिअर को समाप्त करने का समय आ गया है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर अपना पक्ष रखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि मलिक की अंतरात्मा राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल ख़त्म होने के बाद जागी.
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा ज़िले के बीरनपुर गांव में हिंदू समाज के नेताओं द्वारा अंतरधार्मिक विवाहों को लेकर मुसलमानों के सामाजिक बहिष्कार का आह्वान करने के बाद से गांव में तनाव व्याप्त है. अब तक तीन हत्याएं हो चुकी हैं. इसी कड़ी में भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष शुभांकर द्विवेदी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर एक भड़काऊ पोस्ट किया था.
नवी मुंबई के खारघर में बीते 16 अप्रैल को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ था, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी शिरकत की थी. कार्यक्रम के दौरान कई घंटों तक भीषण धूप में बैठे रहने के चलते 13 लोगों की मौत हो गई थी.
सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने एक समन जारी किया है. वह उस समय वहां के राज्यपाल थे. द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू में 2019 के पुलवामा हमले में सरकारी चूक की बात कहने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल उठाने के हफ्तेभर बाद उन्हें यह समन भेजा गया है.
वीडियो: जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि उनसे कहा गया था कि अगर वह अंबानी और आरएसएस से संबद्ध एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंज़ूरी दें तो उन्हें रिश्वत के तौर पर 300 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया था. इस मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने उन्हें समन जारी किया है.
वीडियो: जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए नोटिस भेजे जाने के बाद बीते शनिवार को हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश के सैकड़ों लोग उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए दिल्ली स्थित उनके घर के बाहर जमा हो गए थे. इस मामले को लेकर द वायर की टीम ने इन लोगों से बातचीत की.
सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने एक समन जारी किया है. द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू में राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल उठाने के हफ्तेभर बाद उन्हें यह समन भेजा गया है.
28 अप्रैल को सत्यपाल मलिक से रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के उस प्रस्ताव के बारे में पूछताछ की जाएगी, जिसे उन्होंने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के पद पर रहते हुए रद्द किया था. द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू में राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल उठाने के हफ्तेभर बाद मलिक को यह समन मिला है.
'मुख्यधारा' का मीडिया जहां चुनिंदा मसलों पर चुप्पी का रास्ता अपना रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया यह काम मुखरता से कर रहा है. जिन जटिल और महत्वपूर्ण मुद्दों को बड़े मीडिया संस्थान नज़रअंदाज़ कर देते हैं, वो अब मीम्स, वीडियो क्लिप्स की शक्ल में सरल और चुटीले स्वरूप में व्यापक दर्शकों तक पहुंच रहे हैं.