जम्मू कश्मीर: अनुच्छेद 370 हटने के तीन साल बाद भी हुर्रियत नेता मीरवाइज़ उमर नज़रबंदी में हैं

मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाने के एक दिन पहले राज्य के प्रमुख नेताओं को नज़रबंद कर दिया गया था, जिनमें हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मीरवाइज़ उमर फारूक़ भी थे. हुर्रियत के एक पदाधिकारी ने बताया कि राज्य के अधिकारियों ने उन आरोपों का विवरण देने से इनकार कर दिया है जो मीरवाइज़ पर लगाए गए हैं.

कश्मीर में सेना पर ग्रामीणों को प्रताड़ित करने का आरोप, सेना का इनकार

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी कश्मीर के कुछ गांवों में ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों पर मारपीट और गंभीर रूप से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं. भारतीय सेना का कहना है कि उन्हें ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है.

द वायर बुलेटिन: सीजेआई को क्लीनचिट मिलने के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन, कई कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए

चुनाव आयोग द्वारा दो और मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट देने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट

जम्मू कश्मीर: बुरहान वानी के गांव और पुलवामा-शोपियां ज़िले के 320 केंद्रों पर एक भी वोट नहीं पड़ा

जम्मू कश्मीर के पुलवामा और शोपियां ज़िले में सड़कें सुनसान रहीं, मतदान केंद्र लगभग ख़ाली पड़े रहे. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने वाले आतंकी के गांव में सिर्फ़ 15 वोट डाले गए.

कश्मीर से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘अब यहां मरने से कोई नहीं डरता’

साक्षात्कार: एनकाउंटर में मारे गए आतंकी संगठन हिज़बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के पिता मुज़फ़्फ़र अहमद वानी से बातचीत.

सेना से मुठभेड़ में बुरहान वानी का उत्तराधिकारी सबज़ार अहमद मारा गया

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलवामा में त्राल और अनंतनाग ज़िले में खानबल समेत दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों में पथराव की घटनाएं हुई हैं.

यह समझने की ज़रूरत है कि घाटी में आतंकियों के प्रति समर्थन क्यों बढ़ रहा है?

इस वक़्त बड़ी चुनौती आतंकियों पर दबाव बनाने की है. इसके लिए समझदारी की ज़रूरत है लेकिन यह सेना प्रमुख के बयान और मोदी सरकार के इससे निपटने के तरीके में कम ही दिखता है.