मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाने के एक दिन पहले राज्य के प्रमुख नेताओं को नज़रबंद कर दिया गया था, जिनमें हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मीरवाइज़ उमर फारूक़ भी थे. हुर्रियत के एक पदाधिकारी ने बताया कि राज्य के अधिकारियों ने उन आरोपों का विवरण देने से इनकार कर दिया है जो मीरवाइज़ पर लगाए गए हैं.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी कश्मीर के कुछ गांवों में ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों पर मारपीट और गंभीर रूप से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं. भारतीय सेना का कहना है कि उन्हें ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है.
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जम्मू कश्मीर के पुलवामा और शोपियां ज़िले में सड़कें सुनसान रहीं, मतदान केंद्र लगभग ख़ाली पड़े रहे. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने वाले आतंकी के गांव में सिर्फ़ 15 वोट डाले गए.
साक्षात्कार: एनकाउंटर में मारे गए आतंकी संगठन हिज़बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के पिता मुज़फ़्फ़र अहमद वानी से बातचीत.
सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ में पिछले साल आठ जुलाई को हिज़बुल मुजाहिद्दीन का आतंकी बुरहान वानी मारा गया था.
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलवामा में त्राल और अनंतनाग ज़िले में खानबल समेत दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों में पथराव की घटनाएं हुई हैं.
इस वक़्त बड़ी चुनौती आतंकियों पर दबाव बनाने की है. इसके लिए समझदारी की ज़रूरत है लेकिन यह सेना प्रमुख के बयान और मोदी सरकार के इससे निपटने के तरीके में कम ही दिखता है.