दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुए दंगों के बाद कई परिवारों के सदस्य गुमशुदा हैं. परिजनों का आरोप है कि पुलिस इसे लेकर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है और सरकार से भी उन्हें ज़रूरी मदद नहीं मिल रही है.
बीते 27 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने भाजपा नेताओं व अन्य के नफरती भाषणों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की याचिका पर सुनवाई को 13 अप्रैल तक स्थगित कर दिया था.
ब्रिटिश सिख लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा कि दिल्ली की हिंसा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की दुखद यादों को ताजा कर दिया है, जब वह भारत में पढ़ रहे थे और उनकी साथी सांसद प्रीत कौर गिल ने भी 1984 दंगों का संदर्भ दिया.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश भर में कड़ा विरोध हुआ है. कई राज्यों ने सीएए के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया है और एनआरसी लागू न करने की बात कही है. लेकिन बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनआरसी-एनपीआर से इनकार कर रहे हैं, पर सीएए के समर्थन में हैं. इस बारे में जदयू के पूर्व महासचिव पवन वर्मा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
उत्तर पूर्वी दिल्ली के शिव विहार में बीते दिनों हुए दंगे के बाद सैकड़ों मुस्लिम परिवारों ने मुस्तफाबाद ने शरण ली है. पीड़ितों को डर है कि अगर वे वापस जाएंगे, तो हिंदुत्व संगठन के लोग उन पर हमला कर सकते हैं
जन स्वास्थ्य अभियान नाम की संस्था की ओर से जारी एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली हिंसा के दौरान सरकार पीड़ितों को समुचित इलाज मुहैया कराने में असमर्थ रही और कई जगह मरीज़ों को भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा को कथित तौर पर भड़काने वाले नफरती भाषणों के लिए नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली एक याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग को ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मामले को सुनने की बात कही.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के मामले में अब तक 33 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस सूत्रों ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दंगे में संलिप्त लोगों को हिरासत में लेना आसान है लेकिन हत्या के मामलों में इतनी सरलता से लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता.
दिल्ली दंगों पर आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया देने वाला ईरान चौथा मुस्लिम-बहुल देश बन गया है. इससे पहले इंडोनेशिया, तुर्की और पाकिस्तान पिछले हफ्ते दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हुई हिंसा के खिलाफ टिप्पणी कर चुके हैं.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान मुस्तफ़ाबाद इलाके में पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता भी डर से अछूते नहीं थे. एक ऐसे ही कार्यकर्ता की आपबीती.
वीडियो: 23 फरवरी से दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की आग में अब तक 48 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हैं. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश इस बारे में द वायर के डिप्टी एडिटर अजय आशीर्वाद, सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और जनचौक वेबसाइट के संवाददाता सुशील मानव से चर्चा कर रहे हैं.
साक्षात्कार: बीते रविवार से दिल्ली में शुरू हुए दंगे की आग में अब तक 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर दिल्ली पुलिस तक पूरा प्रशासनिक महकमा मूकदर्शक बना रहा. दंगा रोकने में नाकाम रही दिल्ली पुलिस पिछले कुछ समय से अपनी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवालों के घेरे में है. सांप्रदायिकता, दंगा और पुलिस की भूमिका पर
पुलिस की यह तैनाती तब की गई है जब दक्षिणपंथी समूह हिंदू सेना ने एक मार्च को शाहीन बाग रोड खाली कराने का आह्वान किया. हालांकि शनिवार को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने शाहीन बाग में सीएए विरोधी आंदोलन के खिलाफ अपना प्रस्तावित प्रदर्शन वापस ले लिया.
शिलांग में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध और इनर लाइन परमिट के समर्थन में हुई बैठक के दौरान खासी स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्यों और गैर आदिवासियों के बीच झड़प हुई. इस दौरान दस लोगों को चाकू मारा गया था.
शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के चलते सात मार्च तक स्कूल बंद रहेंगे क्योंकि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है. सीबीएसई ने साफ किया कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं तय कार्यक्रम के मुताबिक दो मार्च से होंगी.