वीडियो: उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले के नगीना कस्बे में बीते 20 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शनों के संबंध में पुलिस ने 21 नाबालिगों को भी गिरफ़्तार किया था. आरोप है कि इनमें कई बच्चों को पुलिस ने हिरासत में बर्बर तरीके से पीटा है. द वायर ने पीड़ितों में से कुछ नाबालिगों से बातचीत की.
वीडियो: मीडिया बोल की में उर्मिलेश नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में देश भर में हो रहे प्रदर्शन पर सरकार और मीडिया के रवैये पर वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा, एनआर मोहंती और वकील अब्दुल रहमान से चर्चा कर रहे हैं.
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव का यह बयान उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन प्रदर्शन के दौरान हिंसा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से 'बदला' लेने की बात कही थी.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर नागरिकता क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शन हिंसक झड़प में तब्दील हो गए थे. 20 दिसंबर को बिजनौर के नहटौर कस्बे में पुलिस फायरिंग के दौरान दो मौतें हुईं, मरने वाले थे यूपीएससी की तैयारी कर रहे 21 वर्षीय सुलेमान और मजदूरी करके घर चलाने वाले 23 वर्षीय अनस. मृतकों के परिवार से अविचल दुबे की बातचीत.
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर द्वारा जारी किए गए एक नोटिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन करने वाले आयोजकों को कार्यक्रम की जानकारी, वक्ताओं की सूची, प्रतिभागियों की अपेक्षित संख्या जैसी अन्य जानकारियां प्रस्तुत करनी होगी.
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश से ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें पुलिसकर्मी कथित तौर पर हिंसा, तोड़फोड़ और आगज़नी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इन पर भी वैसी ही कार्रवाई होनी चाहिए जैसी वीडियो फुटेज में आने वाले अन्य लोगों पर की जा रही है.
ग्राउंड रिपोर्ट: गोरखपुर में 20 दिसंबर को नागरिकता क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ़्तार किया था. इनमें से कई के परिजनों का कहना है कि गिरफ़्तार किए लोग प्रदर्शन में मौजूद नहीं थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और बेरहमी से मारपीट की गई.
पुलिस ने बताया कि किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं की गई है और कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने वाले लोगों की पहचान की जा रही है.
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बीते 26 दिसंबर को नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों की आलोचना की थी. उनके इस बयान को पूर्व सैन्य कर्मियों और विपक्षी पार्टियों ने रक्षा कर्मियों के लिए तय आचार संहिता का उल्लंघन बताया था.
वीडियो: 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर स्थित मीनाक्षी चौक नागरिकता क़ानून को लेकर हुआ प्रदर्शन हिंसक हो गया था. द वायर की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और लोगों से बातचीत की.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मेरठ में बीते 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में कई लोगों की जान चली गई. हिंसा के बाद मेरठ के लोगों से अविचल दुबे की बातचीत.
सीएए और एनआरसी को लेकर हो रहे राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन और व्यापक स्तर पर संविधान की बुनियाद पर हमले को लेकर बनी समझ भारतीय राजनीति को एक महत्वपूर्ण बिंदु पर ले आए हैं. इस पृष्ठभूमि में क्षेत्रीय और उप-राष्ट्रीय अस्मिताओं की बढ़ती मुखरता नई राजनीति के लिए एक मज़बूत ज़मीन तैयार कर रही है. तमाम संसाधनों और हिंदू वोट बैंक के बावजूद मोदी और शाह इसे हल्के में नहीं ले सकते.
उत्तर प्रदेश के मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के प्रदर्शन के दौरान स्थानीय निवासियों को धमकी देते हुए कहा था कि ये जो काली और पीली पट्टी बांधे हुए हैं, इनसे कह दो पाकिस्तान चले जाओ…खाओगे यहां का, गाओगे कहीं और का.
बिजनौर हिंसा मामले में मारे गए मोहम्मद सुलेमान के भाई शोएब द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में नहटौर पुलिस थाने के तत्कालीन एसएचओ राजेश सिंह सोलंकी के अलावा स्थानीय आउटपोस्ट प्रभारी आशीष तोमर, कॉन्स्टेबल मोहित कुमार और तीन अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के नाम हैं.
एक साक्षात्कार में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनपीआर आंकड़ों का इस्तेमाल कभी भी एनआरसी के लिए नहीं किया जा सकता है. यहां तक कि कानून भी अलग-अलग हैं…मैं सभी लोगों, खासकर अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनपीआर का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं किया जाएगा. यह एक अफवाह है.