सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, क्या किसानों के आंदोलन से तबलीग़ी जमात जैसी ‘दिक्कत’ पेश आएगी

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस के मद्देनज़र कृषि क़ानूनों के विरोध में बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या प्रदर्शनकारियों को कोविड-19 से बचाने के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं.

पंजाबी गीतों में सुनाई दे रही है किसान आंदोलन की गूंज

नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बैठे किसानों को पंजाब के गायकों का भी व्यापक समर्थन मिल रहा है. नवंबर के अंत से जनवरी के पहले सप्ताह तक विभिन्न गायकों के दो सौ अधिक ऐसे गीत आ चुके हैं, जो किसानों के आंदोलन पर आधारित हैं.

कृषि क़ानूनों में संशोधन को तैयार होकर केंद्र ने माना कि उसमें कमियां थीं: भारतीय किसान यूनियन

केंद्र सरकार के तीन विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान बीते 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) प्रमुख जोगिंदर सिंह का कहना है कि हम स्पष्टता के साथ आए हैं कि ये संघर्ष लंबे समय तक चलेगा.

मास्क नहीं पहनने वालों से सामुदायिक सेवा कराने के गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर रोक

गुजरात हाईकोर्ट ने दो दिसंबर को मास्क नहीं पहनने वालों को कोविड-19 केयर सेंटर पर अनिवार्य सामुदायिक सेवा का आदेश देते हुए इस संबंध में राज्य सरकार को एक अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं करने पर जताया ऐतराज़

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने संबंधी दिशानिर्देशों का लगभग सभी राज्यों में पालन नहीं किया जा रहा. राजनीतिक, धार्मिक सहित समारोहों में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं. नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उचित तंत्र नहीं है.

कोरोना संक्रमण बढ़ने के के मद्देनजर नए दिशानिर्देश जारी, 31 दिसंबर तक लागू रहेंगे नए नियम

केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, राज्यों को अपने यहां के हालात के हिसाब से नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने के अधिकार होंगे, लेकिन केंद्र से चर्चा किए बग़ैर वे कंटेनमेंट ज़ोन से बाहर लॉकडाउन का फैसला नहीं ले पाएंगे.

तबलीगी जमात पर मीडिया रिपोर्टिंग को संतुलित बताने के केंद्र के जवाब से सुप्रीम कोर्ट असंतुष्ट

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक याचिका में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने देश में कोरोना वायरस की शुरुआत में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए फैलाई फेक न्यूज़ रोकने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं किया. इसके जवाब में केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि अधिकांश प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों ने ‘मोटे तौर पर तथ्यात्मक रिपोर्ट ’ प्रकाशित की थीं और मीडिया के सिर्फ एक छोटे-से वर्ग ने ही ऐसा किया था.

कार्यकाल विस्तार पाने वाले ईडी निदेशक विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ कई मामलों की जांच कर रहे हैं

वित्त मंत्रालय ने एक अप्रत्याशित आदेश में ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा को एक साल का कार्यकाल विस्तार दिया है. बीते समय में विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ बढ़े ईडी मामलों के चलते आलोचकों का कहना है चूंकि सीबीआई को लंबी जांच प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है, इसलिए राजनीतिक लाभ के लिए विपक्ष को प्रताड़ित करने का काम अब ईडी को सौंप दिया गया है.

पंजाब में भी अब सीबीआई बिना राज्य सरकार की अनुमति के जांच नहीं कर सकेगी

इससे पहले झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों ने जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली थी. पिछले दो महीनों में पंजाब चौथा राज्य है, जिसने ऐसा किया है.

फिल्म गुंजन सक्सेना के सिनेमाघरों में रिलीज़ पर अंतरिम रोक लगाने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

केंद्र ने आरोप लगाया है कि ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ फिल्म में भारतीय वायुसेना की छवि सही ढंग से प्रस्तुत नहीं की गई है और यह बल की छवि को प्रभावित करती है. केंद्र ने याचिका में फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने से रोकने और डिजिटल प्लेटफॉर्म से हटाने का अनुरोध किया है.

जीएसटी गतिरोध: अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राज्यों की ओर से केंद्र को क़र्ज़ लेना चाहिए

भारतीय अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए फंड का का इंतज़ाम करना एक राष्ट्रीय समस्या है. ऐसे समय में, ख़ासकर जब देश की अर्थव्यवस्था बाकी कई देशों के मुक़ाबले अधिक ख़राब है, तब केंद्र और राज्यों का क़र्ज़ लेने को लेकर उलझना अनुचित है.

महिला सुरक्षा पर केंद्र का राज्यों को परामर्श: बलात्कार के मामले में दो महीने में पूरी हो जांच

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी यह परामर्श हाथरस में एक ​दलित युवती के कथित गैंगरेप और मौत मामले में राष्ट्रव्यापी रोष के बाद आई है. परामर्श में कहा गया है​​ कि बलात्कार के मामलों में मौत के समय दिए गए बयान को केवल इसलिए ख़ारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज नहीं किया गया.

तबलीग़ी जमात केस: अदालत ने कहा, बोलने की आज़ादी के अधिकार का सर्वाधिक दुरुपयोग हुआ

सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के समय तबलीग़ी जमात के आयोजन को लेकर मीडिया का एक वर्ग मुस्लिमों के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक वैमनस्य फैला रहा था. मीडिया का बचाव करते हुए केंद्र की ओर से कहा गया है कि याचिकाकर्ता बोलने और अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलना चाहते हैं.

अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए पर प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे झूठ बोला: फ़ारूक़ अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला का कहना है कि वे अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को दोबारा लागू करवाने और जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए आख़िरी सांस तक शांतिपूर्ण ढंग से लड़ेंगे.

आरटीआई की पहली और दूसरी अपील पर जवाब देने के लिए समयसीमा निर्धारित होः मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने सरकार के अधिवक्ता को यह भी कहा है कि वे बताएं कि क्या एक ऐसी ईमेल आईडी बना सकते हैं जो कम से कम समय के भीतर 'जीवन और स्वतंत्रता' से जुड़े मामलों का निपटारा कर सके.

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