झारखंड: सरना धर्म संहिता की मांग को लेकर आदिवासियों का प्रदर्शन

‘आदिवासी सेंगेल अभियान’ ने सरना धर्म संहिता और जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कॉलम की मांग को लेकर कहा कि यदि केंद्र 20 नवंबर तक ऐसा न करने की वजह बताने में विफल रहा तो ओडिशा, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल के पचास ज़िलों में आदिवासियों को 30 नवंबर से ‘चक्का जाम’ करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

छत्तीसगढ़: वन संरक्षण क़ानून के संशोधन रद्द करने की मांग को लेकर आदिवासियों ने मार्च निकाला

छत्तीसगढ़ के विभिन्न ज़िलों के हज़ारों आदिवासी केंद्र द्वारा लाए गए वन संरक्षण नियमों के साथ ही राज्य सरकार के पेसा नियमों को वापस लेने और राज्य में 32 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं.  

रक्षा कर्मचारियों के संघों का प्रदर्शन, एनपीएस ख़त्म कर पुरानी पेंशन योजना शुरू करने की मांग

रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली विभिन्न यूनियनों के एक संयुक्त संगठन एआईडीईएफ के बैनर तले करीब 3,000 असैन्य रक्षाकर्मियों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की और कहा कि उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत बहुत ही कम पेंशन मिल रही है.

छत्तीसगढ़: कोर्ट ने नौकरी, कॉलेज दाखिलों में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण को असंवैधानिक क़रार दिया

वर्ष 2012 में राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा सरकारी नियुक्तियों, मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य कॉलेजों में दाखिले में कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 58 प्रतिशत कर दिया गया था. हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के विरुद्ध है.

भारत में इस साल जुलाई तक ईसाइयों पर 300 से अधिक हमले हुए: एनजीओ

ग़ैर सरकारी संगठन यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम ने उसकी हेल्पलाइन पर मदद के लिए आईं फोन कॉल्स के हवाले से दावा किया है कि वर्ष 2022 के पहले सात महीनों में देश में ईसाइयों ख़िलाफ़ हुए हमलों में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर और छत्तीसगढ़ दूसरे पायदान पर रहा.

छत्तीसगढ़ मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय न्याय और बंधुत्व के सिद्धांत के उलट लगता है

छत्तीसगढ़ पुलिस ने ग्रामीणों की हत्या पर एफआईआर तब दर्ज की थी, जब उनके परिजनों ने याचिका दायर की, फिर उसने विसंगतियों से भरी जानकारियां दीं, याचिकाकर्ताओं को गवाही दर्ज होने से पहले हिरासत में लिया गया, फिर भी सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर विश्वास करते हुए न्याय के लिए उस तक पहुंचे लोगों को दंडित करने का फैसला दिया.

गुजरात और छत्तीसगढ़ संबंधी फैसलों पर पीपुल्स ट्रिब्यूनल ने कहा- बेहद अन्यायपूर्ण

वीडियो: बीते दिनों 2002 के गुजरात दंगों और 2009 में छत्तीसगढ़ में हुए गोमपाड नरसंहार मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की रोशनी में सामाजिक कार्यकर्ताओं और न्यायिक समुदाय ने 'नागरिक स्वतंत्रता पर न्यायिक हमले' नामक पीपुल्स ट्रिब्यूनल का आयोजन किया गया था. इस बारे में सुमेधा पाल की रिपोर्ट.

भुगतान में देरी को लेकर मनरेगा मज़दूरों का दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के 15 राज्यों के सैकड़ों मज़दूर दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब वे समय पर मज़दूरी की मांग करते हैं तो उन्हें काम नहीं मिलता. साथ ही कार्यस्थल पर किसी मज़दूर के घायल हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने पर मुआवज़ा तक नहीं दिया जाता.

छत्तीसगढ़: भूपेश बघेल सरकार ने गोमूत्र ख़रीद की शुरुआत की

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो पशुपालक ग्रामीणों से दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर गोबर खरीदने के बाद अब चार रुपये लीटर में गोमूत्र ख़रीद रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 28 जुलाई को गोमूत्र खरीद की शुरुआत करते हुए कहा कि जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का उपयोग करने से खेती की लागत में कमी आएगी. खाद्यान्न की गुणवत्ता बेहतर होगी, जिससे जन-जीवन का स्वास्थ्य बेहतर होगा.

अपराध रोकने के लिए शराब के विकल्प के तौर पर गांजा-भांग के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए: भाजपा विधायक

छत्तीसगढ़ के मस्तूरी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने दावा किया कि भांग और गांजा का नशा करने वाले व्यक्ति बलात्कार, हत्या और डकैती जैसे अपराध नहीं के बराबर करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि लोग नशा करना चाहते हैं तो उन्हें उस तरह की चीज़ें परोसी जानी चाहिए, जिनका सेवन करने के बाद हत्या, बलात्कार या अन्य अपराध नहीं किए जाते हैं.

छत्तीसगढ़: 2017 के बुरकापाल नक्सली हमले में गिरफ़्तार 121 आदिवासियों को अदालत ने किया बरी

छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में बुरकापाल गांव के क़रीब 24 अप्रैल 2017 को नक्सलियों ने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के एक दल पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें 25 जवानों की मौत हो गई थी. आदिवासियों की वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया ने सवाल उठाया कि उन्होंने जो अपराध नहीं किया, उसके लिए उन्हें इतने साल जेल में क्यों बिताने पड़े. इसकी भरपाई कौन करेगा.

‘ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के बदलते चरित्र का सबूत है, मैं जुर्माना नहीं दूंगा, जेल जाऊंगा’

वीडियो: सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार और अन्य ने एक याचिका में 2009 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए एक नक्सल विरोधी अभियान में क़रीब एक दर्जन ग्रामीणों के मारे जाने का दावा करते हुए जांच की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कुमार पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है और छत्तीसगढ़ सरकार से उन पर कार्रवाई करने को भी कहा है.

छत्तीसगढ़: नक्सल विरोधी अभियान की जांच की मांग करने पर कोर्ट ने कार्यकर्ता पर जुर्माना लगाया

सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार और अन्य ने एक याचिका में 2009 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए एक नक्सल विरोधी अभियान में क़रीब एक दर्जन ग्रामीणों के मारे जाने का दावा करते हुए जांच की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कुमार पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है और छत्तीसगढ़ सरकार से उन पर कार्रवाई करने को भी कहा है.

छत्तीसगढ़: कोर्ट ने कहा- क़ैदी को तय सज़ा से अधिक समय ज़ेल में रखने पर मुआवज़ा दे सरकार

छत्तीसगढ़ में बलात्कार के एक आरोपी को ट्रायल कोर्ट ने 12 साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने घटाकर सात साल कर दिया था. इसके बावजूद अपराधी को 10 साल 3 महीने तक ज़ेल में रखा गया. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर जेल अधीक्षक ने हाईकोर्ट के फ़ैसले पर अनभिज्ञता ज़ाहिर की, जिस पर अदालत ने राज्य सरकार पर जुर्माना लगाते हुए उसे अपने अधिकारी के इस कृत्य के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर ज़िम्मेदार माना

हिरासत में लेने से कुछ मिनट पहले ही यूपी पुलिस ने रोहित रंजन पर एफ़आईआर दर्ज की थी: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट बताती है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान को ‘ग़लत संदर्भ’ में प्रसारित करने के मामले में  ज़ी न्यूज़ के दो पूर्व कर्मचारियों के ख़िलाफ़ दर्ज एक एफ़आईआर में यूपी पुलिस ने उसी सुबह एंकर रोहित रंजन का नाम जोड़ा था, जिस दिन उन्हें हिरासत में लिया गया था और उसी दिन उनकी ज़मानत भी हो गई थी.

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