राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख सुभाष वेलिंगकर द्वारा गोवा के संरक्षक संत माने जाने वाले सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवेशेषों की डीएनए जांच की मांग करने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ ने उनकी गिरफ़्तारी की मांग करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
उत्तर प्रदेश के बरेली की एक अदालत ने किसी दबाव में एक निराधार, मनगढ़ंत और काल्पनिक कहानी के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के लिए तत्कालीन स्टेशन हाउस ऑफिसर, मामले के दो जांच अधिकारियों और सर्कल ऑफिसर के ख़िलाफ़ उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
हिंदुत्ववादी संगठन ‘कुटुंब सुरक्षा परिषद’ द्वारा जारी अल्टीमेटम में यीशु और मैरी की प्रतिमाओं और तस्वीरों के साथ-साथ स्कूल परिसरों में स्थित चर्चों को भी हटाना शामिल है. संगठन ने दावा किया है कि इस क़दम का उद्देश्य ‘ईसाई मिशनरियों को धर्मांतरण गतिविधियों के लिए स्कूलों का उपयोग करने से रोकना’ है.
राम मंदिर आयोजन की चकाचौंध में ग्राहम स्टेंस की बर्बर हत्या और उसके निहितार्थों को याद करना भी मुनासिब नहीं समझा गया. जबकि इस बर्बर हत्याकांड में वह तमाम संकेत मिलते हैं, जिन्हें 21वीं सदी की बहुसंख्यकवादी राजनीति में भरपूर प्रयोग में लाया गया.
छत्तीसगढ़ का नारायणपुर ज़िला राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में मिशनरियों द्वारा ‘जबरन धर्मांतरण’ के भाजपा के दावों का केंद्र बनकर उभरा है. नए साल की शुरुआत पर हालात तब बिगड़ गए थे, जब यहां के विश्वदीप्ति हाई स्कूल के अंदर स्थित सेक्रेड हार्ट चर्च में भीड़ द्वारा तोड़फोड़ की गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक भाजपा नेता द्वारा धर्मांतरण रोधी क़ानून के तहत दर्ज कराए गए केस को रद्द करते हुए कहा कि पवित्र बाइबिल बांटने और अच्छी शिक्षा देने को इस अधिनियम के तहत ‘धर्म परिवर्तन का प्रलोभन’ नहीं कहा जा सकता.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति और एक प्रशासनिक अधिकारी पर धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक स्कूल की पूर्व महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि दूसरों को ईसाई धर्म में परिवर्तन कराने में मदद करने के लिए कुलपति उन पर दबाव बना रहे थे.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्वाचन क्षेत्र पाटन स्थित एक घर में रविवार की प्रार्थना कर रहे ईसाई समुदाय के लोगों पर बजरंग दल के सदस्यों ने जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लगाकर कथित तौर पर हमला किया. आरोप है कि पुलिस ने हमलावरों को जाने दिया और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को हिरासत में ले लिया.
तमिलनाडु के अरियालुर ज़िले का मामला. पादरी ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि विहिप नेता मुथुवेल ने उनसे 25 लाख रुपये की मांग की थी. पादरी के अनुसार, ऐसा न करने पर मुथुवेल ने उन्हें स्कूली बच्चों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर बदनाम करने की धमकी दी थी.
मध्य प्रदेश के मंडला ज़िले का मामला. पुलिस ने इस संबंध में छात्रावास अधीक्षक को भी गिरफ़्तार किया है. स्थानीय बाल कल्याण समिति की एक रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
वीडियो: भारत में ईसाइयों पर हमले बढ़ रहे हैं, कई बार चर्चों पर हमले की ख़बरें भी देखने को मिली हैं. बीते दिनों पूर्व नौकरशाहों ने भी इसे लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए चिंता जताई थी. आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल देश में ऐसे सर्वाधिक हमले उत्तर प्रदेश में हुए. इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं याक़ूत अली.
घटना 19 फरवरी को सिद्धार्थनगर ज़िले के हिमालयन इवेंजेलिकल मिशन में हुई. पादरी के अनुसार, 50-60 लोगों के गुट ने चर्च में तोड़फोड़ करते हुए प्रार्थना करने वालों से मारपीट की. उनका कहना है कि घटना के बाद से वे सब डर के साये में जी रहे हैं क्योंकि सिद्धार्थनगर पुलिस ने बजरंग दल के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया है.
ईसाई समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा और भेदभाव की घटनाओं के संदर्भ में कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप के बैनर तले पूर्व सिविल सेवकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वे ईसाई समुदाय के लोगों को आश्वस्त करें कि उनके साथ कार्यपालिका और कानून समान और निष्पक्ष व्यवहार करेंगे.
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में विश्व पुस्तक मेले में एक ईसाई संगठन ‘द गिडियंस इंटरनेशनल’ के स्टॉल पर लोगों को ‘जय श्री राम’, ‘हर हर महादेव’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है. प्रदर्शनकारियों ने ‘मुफ्त बाइबिल बांटना बंद करो’ के नारे भी लगाए और स्टॉल पर लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का आरोप लगाया.
नए साल में असल चिंता का विषय है, भारत में ऐसे हिंदू दिमाग़ का निर्माण जो श्रेष्ठतावाद के नशे में चूर है. मुसलमान मित्रविहीन अवस्था में है. चंद बुद्धिजीवी ही उसके साथ हैं. कश्मीर में मुसलमानों को अधिकार से वंचित किया जा रहा है. असम में उसे कोने में धकेला जा रहा है और पूरे देश में क़ानूनों और ग़ुंडों के गठजोड़ के ज़रिये उसे प्रताड़ित किया जा रहा है.