यूपी: निजी विश्वविद्यालय के कुलपति पर धर्म परिवर्तन, कर्मचारी पर यौन उत्पीड़न के आरोप में केस

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति और एक प्रशासनिक अधिकारी पर धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक स्कूल की पूर्व महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि दूसरों को ईसाई धर्म में परिवर्तन कराने में मदद करने के लिए कुलपति उन पर दबाव बना रहे थे.

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(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ambuj/Flickr, CC BY 2.0)

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति और एक प्रशासनिक अधिकारी पर धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक स्कूल की पूर्व महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि दूसरों को ईसाई धर्म में परिवर्तन कराने में मदद करने के लिए कुलपति उन पर दबाव बना रहे थे.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ambuj/Flickr, CC BY 2.0)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति और एक प्रशासनिक अधिकारी पर धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक स्कूल के सुपरवाइजर पर 44 वर्षीय पूर्व महिला कर्मचारी की शिकायत के बाद यौन उत्पीड़न का केस दर्ज हुआ है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया है कि जिस स्कूल में वह पहले काम करती थीं, उसके सुपरवाइजर और तीन अज्ञात लोग 22 अगस्त को नशे की हालत में उनके घर आए और उनके तथा उनकी नाबालिग बेटियों के यौन उत्पीड़न की कोशिश की.

उनका आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वह दूसरों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मनाने में मदद करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति के दबाव का विरोध कर रही थीं.

जिस पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है, उसके प्रभारी ने कहा कि महिला और उनके पति ने कुलपति द्वारा भेजे गए पादरियों की ओर से विश्वविद्यालय में नौकरी और एक घर का वादा किए जाने के बाद 2011 में हिंदू धर्म से ईसाई धर्म अपना लिया था.

अधिकारी ने कहा, ‘धर्मांतरण के बाद महिला और उनके पति को विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक स्कूल में नौकरी दी गई. उन्हें स्कूल परिसर के अंदर एक घर भी दिया गया था. 2020 में उनके पति की मौत हो गई. महिला ने पति की मौत के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों को दोषी ठहराया. आरोप लगाया कि अस्वस्थ होने पर भी उनसे काम कराया जाता था.’

अधिकारी ने आगे कहा, ‘शिकायतकर्ता महिला के अनुसार, उसके पति की मौत के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उस पर अन्य व्यक्तियों को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए मनाने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया. जब उन्होंने विरोध किया, तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया और घर भी खाली करने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने हमें बताया कि उनकी दो बेटियों के नाम भी स्कूल से काट दिए गए हैं.’

उनकी शिकायत के आधार पर उनकी शिकायत के आधार पर विश्वविद्यालय के दो शीर्ष अधिकारियों सहित चार लोगों और तीन अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुपरवाइजर और तीन अज्ञात व्यक्तियों पर आईपीसी की धारा 452 (चोट पहुंचाने, हमला करने या गलत तरीके से रोकने के लिए घर में घुसना), 354बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग) और 506 (आपराधिक धमकी) और यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम अधिनियम (पॉक्सो) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

अधिकारी ने कहा कि कुलपति और दो अन्य पर उत्तर प्रदेश गैर-कानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

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