विवादित नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रावधान तैयार करने के लिए गृह मंत्रालय ने सातवीं बार समय विस्तार मांगा है. अधिकारियों के अनुसार, मंत्रालय को राज्यसभा से अगले छह महीनों के लिए मंज़ूरी मिल गई. हालांकि लोकसभा से अनुमति मिलना शेष है.
छत्तीसगढ़ के एक गिरिजाघर पर हाल में हुए हमले की निंदा करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा कि बर्बरता की ऐसी हरकतें तुरंत बंद होनी चाहिए. ईसाई हाशिये पर रहे हैं और राज्य सरकारों को हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करना चाहिए.
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले में सोमवार को भीड़ ने कथित तौर पर धर्मांतरण के आरोप में एक चर्च पर हमला कर दिया और मामले को शांत कराने आई एक पुलिस टीम के साथ भी हिंसा की, जिसमें ज़िला पुलिस अधीक्षक के सिर में चोट आई है और अन्य कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं.
नए साल में असल चिंता का विषय है, भारत में ऐसे हिंदू दिमाग़ का निर्माण जो श्रेष्ठतावाद के नशे में चूर है. मुसलमान मित्रविहीन अवस्था में है. चंद बुद्धिजीवी ही उसके साथ हैं. कश्मीर में मुसलमानों को अधिकार से वंचित किया जा रहा है. असम में उसे कोने में धकेला जा रहा है और पूरे देश में क़ानूनों और ग़ुंडों के गठजोड़ के ज़रिये उसे प्रताड़ित किया जा रहा है.
भागलपुर ज़िले के पीरपैंती से भाजपा विधायक ललन पासवान ने देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान हनुमान पर कथित तौर पर टिप्पणी की. एक वीडियो में वह कथित तौर पर कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि जो समुदाय इन देवी-देवताओं की पूजा नहीं करते, वे भी धन-संपदा और शिक्षा से संपन्न हैं. भाजपा ने विधायक से स्पष्टीकरण मांगा है.
विवादित नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रावधान तैयार करने के लिए राज्यसभा ने गृह मंत्रालय को 31 दिसंबर 2022, जबकि लोकसभा ने नौ जनवरी 2023 तक का समय दिया है. यह सीएए के प्रावधान तैयार करने के लिए गृह मंत्रालय को दिया गया सातवां विस्तार है.
1995 के बाद 2020 में सभी समुदायों में मुस्लिम महिलाओं की प्रजनन दर में सबसे तेज़ गिरावट दर्ज हुई है. नतीजन उनकी जनसंख्या वृद्धि दर भी कम हुई है. एक राजनीतिक साज़िश के तहत मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि की बात कहते हुए भय और अविश्वास पैदा करके हिंदुओं का ध्रुवीकरण किया जा रहा है.
मोहन भागवत ने किसी समुदाय का नाम लिए बिना देश में समुदायों के बीच जनसंख्या के बढ़ते असंतुलन पर चिंता जताई. संघ शुरू से इशारों में ही बात करता रहा है. इससे वह क़ानून से बचा रहता है. साथ ही संकेत भाषा के कारण बुद्धिजीवी भी उनके बचाव में कूद पड़ते हैं, जैसे अभी पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी कर रहे हैं.
गांधी ने लिखा था कि कभी अगर देश की 'विशुद्ध संस्कृति' को हासिल करने का प्रयास हुआ तो उसके लिए इतिहास फिर से लिखना होगा. आज ऐसा हो रहा है. यह साबित करने के लिए कि यह देश सिर्फ़ हिंदुओं का है, हम अपना इतिहास मिटाकर नया ही इतिहास लिखने की कोशिश कर रहे हैं.
आरएसएस को फ़ासीवादी संगठन कहने पर कुछ लोग नाराज़ हो उठते हैं. उनका तर्क है कि वह देशभक्त संगठन है. क्या देश में रहने वाली आबादियों के ख़िलाफ़ घृणा पैदा करते हुए, उनके ख़िलाफ़ हिंसा करते हुए देशभक्ति की जा सकती है?
ग़ैर सरकारी संगठन यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम ने उसकी हेल्पलाइन पर मदद के लिए आईं फोन कॉल्स के हवाले से दावा किया है कि वर्ष 2022 के पहले सात महीनों में देश में ईसाइयों ख़िलाफ़ हुए हमलों में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर और छत्तीसगढ़ दूसरे पायदान पर रहा.
वीडियो: जब अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं और सिखों की रक्षा करने की बात आती है तो मोदी सरकार के शब्दों और कार्यों के बीच के अंतर नज़र आता है. द वायर के साहिल मुरली मेंघानी इस रिपोर्ट में बता रहे हैं कि कैसे भाजपा नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) पर भारतीयों को बेवकूफ़ बना रही है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम देश की धर्म-निरपेक्षता के ख़िलाफ़ है. यहां किसी को भी धर्म के आधार पर नागरिकता तय करने का अधिकार नहीं है. हमारा देश भारत के संविधान में उल्लिखित धर्म-निरपेक्षता के सिद्धांत पर काम करता है. आजकल धर्म-निरपेक्षता को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर एक ख़ास वर्ग के लोग ख़ासे चिंतित हैं.
असम मंत्रिमंडल ने मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यक प्रमाण-पत्र जारी करने का फैसला किया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत ने कहा कि हमारे पास अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं हैं, अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग विभाग है. लेकिन अल्पसंख्यक कौन हैं? कोई पहचान नहीं है. उनकी पहचान करने की ज़रूरत है, ताकि ऐसी योजनाएं उन तक पहुंच सकें.
जो भारत अब तक बना था, जिसे हम यहां की प्रकृति और किताबों में पढ़ते थे ऐसा लगता है कि वह ‘आज़ादी के अमृत काल’ में विष के समुद्र में लगातार धकेला जा रहा है.