गिरीश कर्नाड के नाटकों में बेहद सुंदर संतुलन देखने को मिलता है, जहां वह भारत के तथाकथित स्वर्णिम अतीत या पौराणिक मिथक को कच्चे माल की तरह उपयोग तो करते हैं, पर उसके मूल में कोई समसामयिक समस्या या वर्तमान समाज के विरोधाभास ही निहित रहते हैं.
वीडियो: 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की अचानक मृत्यु के बाद कुछ समाचार चैनलों ने इस बारे में स्तरहीन ख़बरें चलाईं, जिसकी काफ़ी आलोचना हुई. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.
वीडियो: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की अचानक मौत के बाद बॉलीवुड में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है और इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद की संस्कृति पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. इस मुद्दे पर द वायर के शेखर तिवारी की अभिनेता जतिन सरना से बातचीत.
ख़्वाजा अहमद अब्बास के सिनेमाई जीवन, उनकी बहुमुखी प्रतिभा के बारे में बहुत-सी बातें कही लिखी जा चुकी हैं, लेकिन आज हिंदुस्तान और चीन के बीच जारी तल्ख माहौल में उनके उपन्यास डॉ. कोटनिस की अमर कहानी की प्रासंगिकता अधिक जान पड़ रही है.
सुशांत सिंह राजपूत ने फिल्म काय पो चे से बॉलीवुड में कदम रखा था और शुद्ध देसी रोमांस, डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी, एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी, केदारनाथ और छिछोरे जैसी फिल्मों में नज़र आ चुके थे.
बासु चटर्जी को सारा आकाश, रजनीगंधा, छोटी-सी बात, उस पार, चितचोर, खट्टा मीठा, बातों बातों में, शौकीन, एक रुका हुआ फैसला और चमेली की शादी जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है. दूरदर्शन पर प्रसारित चर्चित धारावाहिक ब्योमकेश बक्शी और रजनी का निर्देशन भी उन्होंने ही किया था.
कोरोना वायरस के मद्देनज़र लागू लॉकडाउन के बीच अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ सिनेमाघरों की बजाय सीधे ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हो रही है. कुछ और फिल्में हैं, जो अब सीधे इन्हीं प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ होने वाली हैं. ऐसे में बंदी के दौर से गुज़र रहे सिनेमाघरों के सामने ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स ने नया संकट खड़ा कर दिया है.
फारसी भाषा में इसे सिनेमा मशीन कहते हैं. कार पार्किंग में ही एक पर्दा लगा होता है और दर्शकों को फिल्म की आवाज़ उनकी कार में मौजूद एफएम रेडियो स्टेशन के ज़रिये सुनाई देती है. 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद ड्राइव-इन थियेटर की सुविधा ईरान में बंद कर दी गई थी.
इरफ़ान की साथी सुतपा अपने ख़त में लिखती हैं, 'एक कामयाब सफ़र के बाद जहां उन्हें आराम करने के लिए छोड़कर आए हैं, वहां उनका पसंदीदा रात की रानी का पौधा लगाते हुए आंखें नम होंगी. थोड़ा वक्त लगेगा, लेकिन इसकी ख़ुशबू फैलेगी और उन सब तक पहुंचेगी, जिन्हें मैं आने वाले समय में फैन नहीं, बल्कि परिवार मानूंगी.'
साल 2018 में ऋषि कपूर के कैंसर से पीड़ित होने के बारे में पता चला था. इसके बाद वे इलाज के लिए अमेरिका चले गए थे और क़रीब एक साल वहां रहने के बाद पिछले साल सितंबर में मुंबई लौटे थे.
साल 2018 में न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर होने के बाद इरफ़ान ख़ान के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो सका था. इरफ़ान की 95 वर्षीय मां का चार दिन पहले ही जयपुर में इंतकाल हो गया था. लॉकडाउन के कारण वह उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे.
बरसात, आन, दाग, अमर, उड़न खटोला, बसंत बहार, मेरे महबूब आदि निम्मी की यादगार फिल्मों में से एक हैं. निम्मी को हीरोइन के बाद दूसरा सबसे प्रमुख किरदार निभाने के लिए जाना जाता था.
वीडियो: हाल ही में रिलीज़ हुई 'अंग्रेज़ी मीडियम' फिल्म की समीक्षा कर रही हैं दामिनी यादव.
साक्षात्कार: बीते दिनों द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ भाटिया के साथ बातचीत में फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध में चल रहे विरोधी प्रदर्शनों, सांप्रदायिकता के उभार और अहम मसलों पर फिल्म उद्योग के बड़े नामों की चुप्पी समेत कई विषयों पर बात की.
वीडियो: अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों से मिलने के बाद इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. जहां कुछ लोग दीपिका के इस कदम को सराह रहे हैं, वहीं कुछ उनकी आगामी फिल्म 'छपाक' का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.