‘हितों के टकराव’ के चलते बुच ने जिन मामलों से ख़ुद को अलग किया, उनकी जानकारी नहीं: सेबी

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने पिछले महीने कहा था कि इसकी अध्यक्ष माधबी बुच ने 'हितों के टकराव' से जुड़े मामलों से ख़ुद को अलग कर लिया था, लेकिन अब एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि जिन मामलों से उन्होंने ख़ुद को अलग किया था, उनकी जानकारी उपलब्ध नहीं है.

केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना के संचालन पर करदाताओं के 14 करोड़ रुपये ख़र्च किए: आरटीआई

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी बताती है कि कुल 30 चरणों में हुई चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर कमीशन के रूप में 12,04,59,043 रुपये का ख़र्च आया और बॉन्ड की छपाई की लागत 1,93,73,604 रुपये रही.

एसबीआई ने चुनाव आयोग को सौंपा चुनावी बॉन्ड का डेटा आरटीआई के तहत देने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते माह भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ा डेटा चुनाव आयोग को सौंपा था, लेकिन अब वही डेटा जब सूचना के अधिकार के तहत मांगा गया तो बैंक ने इसे आरटीआई अधिनियम के तहत छूट प्राप्ट जानकारी बताकर देने से इनकार कर दिया.

चुनावी बॉन्ड: सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुरक्षित रखने के बाद 1,577 करोड़ रुपये से अधिक के बॉन्ड बिके

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना मामले में बीते वर्ष 2 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसके दो दिन बाद ही बॉन्ड बिक्री के अगले चरण की घोषणा कर दी गई. सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इसके बाद हुई 29वें और 30वें चरण की बिक्री में क्रमश: 99% और 94% बॉन्ड 1 करोड़ रुपये मूल्यवर्ग वाले बेचे गए.

जनवरी में 570 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड बिके, 94% राशि 1 करोड़ मूल्य वर्ग वाले बॉन्ड में

सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब से पता चला है कि बीते 2 जनवरी से 11 जनवरी 2024 तक चले चुनावी बॉन्ड बिक्री के नवीनतम चरण में 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, 1 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये के मूल्यवर्ग में बेचे गए 897 बॉन्ड में से 415 या लगभग आधे कोलकाता में बेचे गए हैं.

अब तक 16,000 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बिके, योजना चलाने में करदाताओं के 13.5 करोड़ ख़र्च हुए

स्टेट बैंक ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना आने के बाद से 29 चरणों में 15,956.3096 करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे गए हैं. बताया गया है कि दानदाताओं को बैंक को कोई सेवा शुल्क नहीं देना पड़ता, यहां तक कि बॉन्ड की छपाई लागत का भुगतान भी सरकार या करदाता वहन करते हैं.

चुनावी बॉन्ड योजना में संशोधन, अब विधानसभा चुनाव वर्षों में अतिरिक्त 15 दिन बेचे जाएंगे बॉन्ड

मोदी सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना,2018 में एक संशोधन करते हुए प्रावधान किया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा के चुनावों के वर्ष में बॉन्ड की बिक्री 15 अतिरिक्त दिन और होगी. कई राज्यों में चुनाव से ठीक पहले सरकार के इस क़दम को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.

पारदर्शिता संबंधी चिंताओं के बीच राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड से मिले 10,000 करोड़ रुपये

राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के ज़रिये मिलने वाले चंदे को लेकर 'अपारदर्शिता' संबंधी चिंताओं के बीच आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि हाल में ख़त्म हुए बॉन्ड बिक्री के 21वें चरण तक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड बिक चुके हैं.

कोविड वैक्सीन के उत्पादन के लिए पीएम केयर्स फंड से सौ करोड़ रुपये नहीं दिए गएः आरटीआई

मई 2020 में पीएमओ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कोविड-19 वैक्सीन के डिजाइनर्स और डेवलपर्स की मदद के लिए पीएम केयर्स फंड से सौ करोड़ रुपये देने की बात कही गई थी. अब एक आरटीआई आवेदन के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय बताया कि वैक्सीन उत्पादन के लिए पीएम केयर्स फंड से कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई.