Communalisation

खून बहने तक खून बहाने के प्रचार पर बात न करना ख़ुद को धोखा देना है…

बीते कुछ दिनों से हरियाणा में एक के बाद एक हो रही महापंचायतें मुस्लिम-विरोधी आह्वानों से गूंज रहीं हैं. देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ भाषाई और शारीरिक हिंसा रोज़ हो रही है, लेकिन नफ़रत का यूं खुला आयोजनपूर्वक प्रचार क्या बिना मक़सद किया जा रहा है? क्या जब बड़ी हिंसा होगी, हत्याएं होंगी, तभी हम जागेंगे?

घृणा और हिंसा के प्रति समाज के रवैये से उसकी सभ्यता का स्तर मालूम होता है

मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा सिर्फ भारत में नहीं है. यह एक प्रकार की विश्वव्यापी बीमारी है और यह कनाडा में भी पाई जाती है. लेकिन इस हिंसा पर समाज, सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया क्या है, कनाडा और भारत में यही तुलना का संदर्भ है.

क्या हिंदू समाज हत्यारों का साझीदार हुआ?

यह भारत का सामाजिक स्वभाव बनता जा रहा है कि मुसलमानों को खुलेआम मारा जा सकता है, उनके ख़िलाफ़ हिंसक प्रचार किया जा सकता है और पुलिस-प्रशासन से लेकर राजनीतिक दलों तक कोई भी इसे गंभीर मामला मानने को तैयार नहीं.

मुस्लिमों के उत्पीड़न की वजह अब ध्रुवीकरण नहीं, उन्हें अपमानित ज़िंदगी जीने के लिए मजबूर करना है

देश के नेता विगत कोई बीस सालों के अथक प्रयास से समाज का इतना ध्रुवीकरण पहले ही कर चुके हैं कि आने वाले अनेक वर्षों तक उनकी चुनावी जीत सुनिश्चित है. फिर कुछ लोग अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और उन्हें अपमानित करने के लिए जोशो-ख़रोश से क्यों जुटे हुए हैं?

भारतीय मुसलमानों की विडंबना: हुए अपने ही घर में पराये

जिस तरह देश में सांप्रदायिक वैमनस्य बढ़ रहा है, उससे मुसलमानों के निराश और उससे कहीं ज़्यादा भयग्रस्त होने के अनेकों कारण हैं. समाज एक ‘बाइनरी सिस्टम’ से चलाया जा रहा है. अगर आप बहुसंख्यकवाद से सहमत हैं तो देशभक्त हैं, नहीं तो जिहादी, शहरी नक्सल या देशद्रोही, जिसकी जगह जेल में है या देश से बाहर.

हम अच्छे काम में भरोसा रखते हैं और संविधान के हिसाब से ही काम करते हैं: ज़कात फाउंडेशन प्रमुख

साक्षात्कार: सुदर्शन न्यूज़ के विवादित ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम में ज़कात फाउंडेशन पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं. इस कार्यक्रम, उससे जुड़े विवाद और आरोपों को लेकर ज़कात फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष सैयद ज़फर महमूद से बातचीत.

अभिव्यक्ति की आज़ादी और मानवीय गरिमा में संतुलन को लेकर चिंतित: सुप्रीम कोर्ट

सुदर्शन टीवी के विवादित कार्यक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में अदालत के मीडिया नियमन के प्रस्ताव पर केंद्र ने एक हलफनामे में कहा है कि अगर वे इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लिए दिशानिर्देश देना ज़रूरी समझते हैं, तो समय की दरकार है कि ऐसा पहले डिजिटल मीडिया के लिए किया जाना चाहिए.

मीडिया में संदेश जाना चाहिए कि समुदाय विशेष को निशाना नहीं बनाया जा सकता: जस्टिस चंद्रचूड़

सुदर्शन न्यूज़ के एक कार्यक्रम के विवादित एपिसोड के प्रसारण की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का किसी पर रोक लगाना न्यूक्लियर मिसाइल की तरह है, लेकिन हमें आगे आना पड़ा क्योंकि किसी और द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी.

प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए पर्याप्त नियमन मौजूद, डिजिटल मीडिया का नियमन पहले हो: केंद्र

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि डिजिटल मीडिया के नियमन संबंध में फ़ैसला लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह बहुत तेज़ी से लोगों के बीच पहुंचता है और वॉट्सएप, ट्विटर तथा फेसबुक जैसी ऐप के चलते किसी भी जानकारी के वायरल होने की संभावना रहती है.

सुप्रीम कोर्ट ने ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम को मुस्लिमों को बदनाम करने की कोशिश कहा, लगाई रोक

सुदर्शन न्यूज़ के बिंदास बोल कार्यक्रम के ‘नौकरशाही जिहाद’ एपिसोड के प्रसारण को रोकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत होने के नाते यह कहने की इजाज़त नहीं दे सकते कि मुस्लिम सिविल सेवाओं में घुसपैठ कर रहे हैं. और यह नहीं कहा जा सकता कि पत्रकार को ऐसा करने की पूरी आज़ादी है.

यूपी: भाजपा विधायक ने कहा- किसी को भी मुस्लिमों से सब्जी नहीं खरीदनी चाहिए

उत्तर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती है. पार्टी इस मामले का संज्ञान लेगी और बरहज से विधायक सुरेश तिवारी से पूछेगी कि उन्होंने किन परिस्थितियों में ऐसी टिप्पणी की.

सोनिया गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी और विभाजनकारी बयानों के लिए अर्णब पर कई राज्यों में केस दर्ज

पालघर मॉब लिंचिंग मामले में कथित तौर पर सांप्रदायिकता भड़काने के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और यूथ कांग्रेस नेताओं ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के अलावा कुछ अन्य राज्यों में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई है.

दिल्ली चुनाव: भाजपा उम्मीदवार कपिल मिश्रा को चुनाव आयोग ने 48 घंटे तक प्रचार से प्रतिबंधित किया

दिल्ली विधानसभा में मॉडल टाउन सीट से भाजपा उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा था कि आठ फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान का मुकाबला होगा. इसके बाद एक और ट्वीट में उन्होंने शाहीनबाग में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर ‘मिनी पाकिस्तान’ का जिक्र किया था.

दिल्लीः विवादित ट्वीट को लेकर भाजपा उम्मीदवार कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज

दिल्ली के मॉडल टाउन विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने आठ फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबले जैसा बताकर ट्वीट किया था. ट्विटर ने चुनाव आयोग के निर्देश के बाद यह विवादित ट्वीट हटा दिया है.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi flashes the victory sign as he arrives at the party headquarters to celebrate the party's victory in the 2019 Lok Sabha elections, in New Delhi, Thursday, May 23, 2019. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI5_23_2019_000464B)

यह एक नया भारत है और नरेंद्र मोदी उसकी आवाज़ हैं

नरेंद्र मोदी को वोट देने वालों की सोच यह नहीं है कि वह अपने किए गए वादों को पूरा करेंगे या नहीं, बल्कि उन्होंने मोदी को इसलिए वोट किया क्योंकि उन्हें उनमें अपना ही अक्स दिखाई देता है.