घटना सिद्धार्थनगर ज़िले की है. पुजारी ने पुलिस को बताया कि दोनों मुस्लिम युवकों का उसके साथ पहले से विवाद चल रहा था, इसलिए उन्हें झूठे आपराधिक मामले में फंसाने के लिए ख़ुद ही मंदिर की प्रतिमा तोड़कर पुलिस से शिकायत कर दी.
हिंदुत्व की पूरी पिच भाजपा की तैयार की हुई है. इस पर हाथ-पांव मारने की बेचैन कोशिश में तात्कालिक लाभ होता दिख सकता है, पर दूरगामी परिणाम देखा जाए तो इसके फायदे के बजाय नुक़सान ही ज़्यादा नज़र आते हैं.
महाराष्ट्र के जलगांव ज़िले के एरंडोल तालुका स्थित जुम्मा मस्जिद वक़्फ़ बोर्ड के तहत पंजीकृत एक संपत्ति है, जिसे लेकर दक्षिणपंथी शिकायतकर्ता का दावा है कि इसका निर्माण हिंदू पूजा स्थल की जगह पर किया गया था. कलेक्टर द्वारा धारा 144 लागू कर परिसर में नमाज़ पढ़ने पर रोक लगाने के आदेश पर सवाल उठ रहे हैं.
बीते कुछ दिनों से हरियाणा में एक के बाद एक हो रही महापंचायतें मुस्लिम-विरोधी आह्वानों से गूंज रहीं हैं. देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ भाषाई और शारीरिक हिंसा रोज़ हो रही है, लेकिन नफ़रत का यूं खुला आयोजनपूर्वक प्रचार क्या बिना मक़सद किया जा रहा है? क्या जब बड़ी हिंसा होगी, हत्याएं होंगी, तभी हम जागेंगे?
मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा सिर्फ भारत में नहीं है. यह एक प्रकार की विश्वव्यापी बीमारी है और यह कनाडा में भी पाई जाती है. लेकिन इस हिंसा पर समाज, सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया क्या है, कनाडा और भारत में यही तुलना का संदर्भ है.
यह भारत का सामाजिक स्वभाव बनता जा रहा है कि मुसलमानों को खुलेआम मारा जा सकता है, उनके ख़िलाफ़ हिंसक प्रचार किया जा सकता है और पुलिस-प्रशासन से लेकर राजनीतिक दलों तक कोई भी इसे गंभीर मामला मानने को तैयार नहीं.
देश के नेता विगत कोई बीस सालों के अथक प्रयास से समाज का इतना ध्रुवीकरण पहले ही कर चुके हैं कि आने वाले अनेक वर्षों तक उनकी चुनावी जीत सुनिश्चित है. फिर कुछ लोग अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और उन्हें अपमानित करने के लिए जोशो-ख़रोश से क्यों जुटे हुए हैं?
जिस तरह देश में सांप्रदायिक वैमनस्य बढ़ रहा है, उससे मुसलमानों के निराश और उससे कहीं ज़्यादा भयग्रस्त होने के अनेकों कारण हैं. समाज एक ‘बाइनरी सिस्टम’ से चलाया जा रहा है. अगर आप बहुसंख्यकवाद से सहमत हैं तो देशभक्त हैं, नहीं तो जिहादी, शहरी नक्सल या देशद्रोही, जिसकी जगह जेल में है या देश से बाहर.
साक्षात्कार: सुदर्शन न्यूज़ के विवादित ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम में ज़कात फाउंडेशन पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं. इस कार्यक्रम, उससे जुड़े विवाद और आरोपों को लेकर ज़कात फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष सैयद ज़फर महमूद से बातचीत.
सुदर्शन टीवी के विवादित कार्यक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में अदालत के मीडिया नियमन के प्रस्ताव पर केंद्र ने एक हलफनामे में कहा है कि अगर वे इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लिए दिशानिर्देश देना ज़रूरी समझते हैं, तो समय की दरकार है कि ऐसा पहले डिजिटल मीडिया के लिए किया जाना चाहिए.
सुदर्शन न्यूज़ के एक कार्यक्रम के विवादित एपिसोड के प्रसारण की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का किसी पर रोक लगाना न्यूक्लियर मिसाइल की तरह है, लेकिन हमें आगे आना पड़ा क्योंकि किसी और द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि डिजिटल मीडिया के नियमन संबंध में फ़ैसला लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह बहुत तेज़ी से लोगों के बीच पहुंचता है और वॉट्सएप, ट्विटर तथा फेसबुक जैसी ऐप के चलते किसी भी जानकारी के वायरल होने की संभावना रहती है.
सुदर्शन न्यूज़ के बिंदास बोल कार्यक्रम के 'नौकरशाही जिहाद' एपिसोड के प्रसारण को रोकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत होने के नाते यह कहने की इजाज़त नहीं दे सकते कि मुस्लिम सिविल सेवाओं में घुसपैठ कर रहे हैं. और यह नहीं कहा जा सकता कि पत्रकार को ऐसा करने की पूरी आज़ादी है.
उत्तर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती है. पार्टी इस मामले का संज्ञान लेगी और बरहज से विधायक सुरेश तिवारी से पूछेगी कि उन्होंने किन परिस्थितियों में ऐसी टिप्पणी की.
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में कथित तौर पर सांप्रदायिकता भड़काने के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और यूथ कांग्रेस नेताओं ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के अलावा कुछ अन्य राज्यों में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई है.