केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि डिजिटल मीडिया के नियमन संबंध में फ़ैसला लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह बहुत तेज़ी से लोगों के बीच पहुंचता है और वॉट्सएप, ट्विटर तथा फेसबुक जैसी ऐप के चलते किसी भी जानकारी के वायरल होने की संभावना रहती है.
सुदर्शन न्यूज़ के बिंदास बोल कार्यक्रम के 'नौकरशाही जिहाद' एपिसोड के प्रसारण को रोकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत होने के नाते यह कहने की इजाज़त नहीं दे सकते कि मुस्लिम सिविल सेवाओं में घुसपैठ कर रहे हैं. और यह नहीं कहा जा सकता कि पत्रकार को ऐसा करने की पूरी आज़ादी है.
असम के रेंगोनी चैनल पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘बेग़म जान’ पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर दो महीने का प्रतिबंध लगा दिया था. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि दूसरे पक्ष को सुने बिना एकपक्षीय रूप से यह प्रतिबंध लगाया गया था.
असम के रेंगोनी चैनल पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘बेग़म जान’ पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. चैनल की ओर से कहा गया है कि धारावाहिक का लव जिहाद से कोई लेना-देना नहीं है. इसमें ऐसा कुछ नहीं दिखाया जा रहा, जो किसी धर्म के लिए अपमानजनक हो.
दिल्ली के चांदबाग इलाके की रहने वाली दंगा पीड़ित महिला का आरोप है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई थी, इसलिए पुलिस अब बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है.
विशेष: प्रेमचंद अगर आज के हालात, ख़ासकर तथाकथित संस्कृति बचाने वालों को देखते, तो शायद अवसाद में चले जाते. उन्हें संस्कृति राजनीतिक स्वार्थ-सिद्धि के लिए इस्तेमाल होने वाला महज़ साधन लगती थी और उनके अनुसार यही तथाकथित संस्कृति, सांप्रदायिकता को भी स्वार्थ पूरे करने के अवसर देती थी.
बात कैसे करें कि सब सुन सकें और वह जो कहा जा रहा है, वही सुनें? सुनने का अर्थ क्या है? बोलने में उम्मीद है कि जो कहा जा रहा है, उसे सुना जाएगा, ऐसा होता नहीं. गले के साथ कानों का पर्याप्त प्रशिक्षण हुआ नहीं. सुनना भी बोलने की तरह ही आपकी नैतिक मान्यताओं से जुड़ा है.
पूर्वी चंपारण ज़िले के मेहसी थाना क्षेत्र के एक युवक मोहम्मद इजराइल का आरोप है कि दो जून को पड़ोस के एक गांव में अपने दोस्त से मिलने जाने के दौरान एक समूह ने उन्हें रोककर जय श्री राम का नारा लगाने को कहा. ऐसा न करने पर गाली-गलौज करते हुए बुरी तरह मारपीट की गई. उनका कहना है कि हमलावर बजरंग दल से संबद्ध हैं.
विशेष रिपोर्ट: बिहार के गोपालगंज ज़िले के एक गांव में बीते मार्च महीने में एक किशोर का शव पास की नदी से बरामद हुआ था. परिवार ने हत्या किए जाने का आरोप लगाया है. हालांकि कुछ समाचार वेबसाइट्स द्वारा मस्जिद में किशोर की बलि दिए जाने की भ्रामक ख़बरें प्रकाशित करने के बाद इस मामले ने सांप्रदायिक रंग ले लिया. पुलिस ने इस संबंध में ‘ऑपइंडिया’ और ‘ख़बर तक’ नाम की वेबसाइट के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है.
जिस तरह कोरोना वायरस इंसान की देह में घुसकर वहां पहले से मौजूद बीमारियों के असर को बढ़ा देता है, ठीक उसी तरह इसने अलग-अलग देशों और समाजों में पहुंचकर उनकी दुर्बलताओं को उजागर किया है.
ट्विटर द्वारा लुमेन डेटाबेस को भेजे गए एक नोटिस से संकेत मिलता है कि आईटी मंत्रालय ने कर्नाटक के दक्षिणी बेंगलुरु से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा साल 2015 में किए गए एक ट्वीट सहित 100 से अधिक ट्वीट को भारत में देखे जाने से प्रतिबंधित करने के लिए कहा था.
मध्य प्रदेश में इंदौर ज़िले के पेमलपुर गांव का मामला. पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर गांव से पोस्टर हटा दिया है. घटना को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य की पुलिस और मुख्यमंत्री की आलोचना की है.
बीते 20 अप्रैल को संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत पवन वर्मा ने भारतीय प्रवासियों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश डालने वाले व्यवहार के खिलाफ चेताया था.
यह घटना बुलंदशहर के पगोना गांव की है. आरोप है कि मंदिर से पुजारियों का चिमटा चुराए जाने पर हुए विवाद के बाद आरोपी ने तलवार से दोनों की हत्या कर दी.
वीडियो: भारत में कोरोनावायरस संक्रमण को सांप्रदायिक रंग दिए जाने के बाद खाड़ी के देशों में काम करने वाले भारतीयों द्वारा सोशल मीडिया पर इसी तरह के पोस्ट लिखने पर इन देशों के पत्रकारों, वकीलों और शाही परिवार के लोगों ने विरोध जताया है. इस बारे में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से गल्फ़ न्यूज़ के संपादक बॉबी नक़वी की बातचीत.