असम: हिंदूवादी संगठनों के विरोध के बाद टीवी शो पर दो महीने का प्रतिबंध

असम के रेंगोनी चैनल पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘बेग़म जान’ पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. चैनल की ओर से कहा गया है कि धारावाहिक का लव जिहाद से कोई लेना-देना नहीं है. इसमें ऐसा कुछ नहीं दिखाया जा रहा, जो किसी धर्म के लिए अपमानजनक हो.

दिल्ली दंगे की चश्मदीद ने पुलिस पर लगाया धमकाने का आरोप, बच्चों के लिए मांगी सुरक्षा

दिल्ली के चांदबाग इलाके की रहने वाली दंगा पीड़ित महिला का आरोप है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई थी, इसलिए पुलिस अब बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है.

प्रेमचंद के विचारों को उनके जन्म के सौ साल बाद याद करने की ज़रूरत क्यों है…

विशेष: प्रेमचंद अगर आज के हालात, ख़ासकर तथाकथित संस्कृति बचाने वालों को देखते, तो शायद अवसाद में चले जाते. उन्हें संस्कृति राजनीतिक स्वार्थ-सिद्धि के लिए इस्तेमाल होने वाला महज़ साधन लगती थी और उनके अनुसार यही तथाकथित संस्कृति, सांप्रदायिकता को भी स्वार्थ पूरे करने के अवसर देती थी.

मैं बोलूं क्या और आप सुनें कैसे?

बात कैसे करें कि सब सुन सकें और वह जो कहा जा रहा है, वही सुनें? सुनने का अर्थ क्या है? बोलने में उम्मीद है कि जो कहा जा रहा है, उसे सुना जाएगा, ऐसा होता नहीं. गले के साथ कानों का पर्याप्त प्रशिक्षण हुआ नहीं. सुनना भी बोलने की तरह ही आपकी नैतिक मान्यताओं से जुड़ा है.

बिहार: मुस्लिम युवक का आरोप, जय श्री राम का नारा न लगाने पर बेरहमी से पीटा गया

पूर्वी चंपारण ज़िले के मेहसी थाना क्षेत्र के एक युवक मोहम्मद इजराइल का आरोप है कि दो जून को पड़ोस के एक गांव में अपने दोस्त से मिलने जाने के दौरान एक समूह ने उन्हें रोककर जय श्री राम का नारा लगाने को कहा. ऐसा न करने पर गाली-गलौज करते हुए बुरी तरह मारपीट की गई. उनका कहना है कि हमलावर बजरंग दल से संबद्ध हैं.

बिहार: मृत किशोर के पिता बोले, ‘मैं हिंदू-मुसलमान नहीं करना चाहता, मुझे सिर्फ़ इंसाफ़ चाहिए’

विशेष रिपोर्ट: बिहार के गोपालगंज ज़िले के एक गांव में बीते मार्च महीने में एक किशोर का शव पास की नदी से बरामद हुआ था. परिवार ने हत्या किए जाने का आरोप लगाया है. हालांकि कुछ समाचार वेबसाइट्स द्वारा मस्जिद में किशोर की बलि दिए जाने की भ्रामक ख़बरें प्रकाशित करने के बाद इस मामले ने सांप्रदायिक रंग ले लिया. पुलिस ने इस संबंध में ‘ऑपइंडिया’ और ‘ख़बर तक’ नाम की वेबसाइट के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है.

कोरोना वायरस महामारी ने समाज की बीमारियों को उघाड़कर रख दिया है

जिस तरह कोरोना वायरस इंसान की देह में घुसकर वहां पहले से मौजूद बीमारियों के असर को बढ़ा देता है, ठीक उसी तरह इसने अलग-अलग देशों और समाजों में पहुंचकर उनकी दुर्बलताओं को उजागर किया है.

कोरोना: इंदौर के गांव में मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध का पोस्टर लगा, केस दर्ज

मध्य प्रदेश में इंदौर ज़िले के पेमलपुर गांव का मामला. पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर गांव से पोस्टर हटा दिया है. घटना को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य की पुलिस और मुख्यमंत्री की आलोचना की है.

सोशल मीडिया पर ‘इस्लामोफोबिक’ पोस्ट डालने को लेकर यूएई में तीन और भारतीयों को नौकरी से हटाया गया

बीते 20 अप्रैल को संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत पवन वर्मा ने भारतीय प्रवासियों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश डालने वाले व्यवहार के खिलाफ चेताया था.

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो पुजारियों की हत्या, एक गिरफ़्तार

यह घटना बुलंदशहर के पगोना गांव की है. आरोप है कि मंदिर से पुजारियों का चिमटा चुराए जाने पर हुए विवाद के बाद आरोपी ने तलवार से दोनों की हत्या कर दी.

भारत में पनपते इस्लामोफोबिया पर खाड़ी देशों में उठे सवाल

वीडियो: भारत में कोरोनावायरस संक्रमण को सांप्रदायिक रंग दिए जाने के बाद खाड़ी के देशों में काम करने वाले भारतीयों द्वारा सोशल मीडिया पर इसी तरह के पोस्ट लिखने पर इन देशों के पत्रकारों, वकीलों और शाही परिवार के लोगों ने विरोध जताया है. इस बारे में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से गल्फ़ न्यूज़ के संपादक बॉबी नक़वी की बातचीत.

कोरोना वायरस जाति-धर्म नहीं देखता, इससे निपटने के लिए एकता और भाईचारा ज़रूरी: नरेंद्र मोदी

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई के दौरान कुछ लोग जान-बूझकर धर्मनिरपेक्षता-सांप्रदायिकता की बातें उठा रहे हैं. भारत एकजुट है और हम सब एक हैं. सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है.

कोरोना संकट: जंग की ललकार की नहीं, दोस्ती की पुकार की घड़ी

युद्ध असाधारण परिस्थिति उत्पन्न करता है, जहां समाचार, विचार और सामाजिक आचार सिर्फ सरकारें तय कर सकती हैं. युद्ध में सरकार से सवाल जुर्म होता है और सैनिक से बलिदान की अपेक्षा की जाती है. ऐसे में अगर डॉक्टर ख़ुद को संक्रमण से बचाने की सामग्री की मांग करते हुए काम रोक दें तो वही जनता, जो इनके लिए करतल ध्वनि के कोलाहल का उत्सव मना रही थी, इनके लिए सज़ा की मांग करेगी.

यह महामारी एक नई दुनिया में क़दम रखने का मौक़ा है

महामारियों ने हमेशा से ही इंसान को अतीत से नाता तोड़कर एक नए भविष्य की कल्पना करने के लिए मजबूर किया है. यह महामारी भी नए और पुराने के बीच एक दरवाज़ा है और यह हम पर है कि हम पूर्वाग्रह, नफ़रत, लोभ आदि के कंकाल ढोते हुए आगे बढ़ें या बिना ऐसे बोझों के एक नई और बेहतर दुनिया की कल्पना के साथ आगे निकलें.

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