मिज़ोरम विधानसभा में समान नागरिक संहिता लागू करने के किसी भी प्रयास का विरोध करने का प्रस्ताव पेश करते हुए गृह मंत्री लालचमलियाना ने कहा कि यूसीसी देश को विघटित कर देगा क्योंकि यह मिज़ो समेत धार्मिक अल्पसंख्यकों की धार्मिक, सामाजिक प्रथाओं, संस्कृतियों व परंपराओं को ख़त्म करने की कोशिश है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि देश के संविधान में बुनियादी अधिकारों में हर व्यक्ति को अपने धर्म पर अमल करने की आज़ादी दी गई है. इसलिए हुकूमत से अपील है कि वह आम नागरिकों की मज़हबी आज़ादी का एहतराम करे, क्योंकि समान नागरिक संहिता लागू करना अलोकतांत्रिक होगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है. लोग अपने मत एवं संप्रदाय का पालन करते हुए संघ के कार्य कर सकते हैं. संघ कठोर नहीं है, बल्कि लचीला है.
नवंबर 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस पर दिए गए भाषण में ज़मानत राशि भरने के लिए पैसे की कमी के कारण ग़रीब आदिवासियों के जेल में बंद होने का ज़िक्र किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे क़ैदियों का ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे.
प्रख्यात न्यायविद् और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री शांति भूषण ने वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्वाचन को रद्द कराने वाले ऐतिहासिक मामले में शामिल थे. वे सार्वजनिक महत्व के कई मामलों में पेश हुए, जिसमें रफाल लड़ाकू विमान सौदा भी शामिल है.
दिल्ली हाईकोर्ट ‘पीएम केयर्स फंड’ को संविधान के अनुच्छेद-12 के तहत ‘सरकारी फंड’ घोषित करने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसे लेकर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया गया था. जुलाई 2022 में केंद्र की ओर से इस बारे में एक पेज का जवाब दाख़िल किया गया था, जिस पर नाराज़ होते हुए अदालत ने विस्तृत जवाब मांगा था.
संस्कृत भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय छात्र सम्मेलन में देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने अदालतों में संस्कृत इस्तेमाल करने की बात करते हुए कहा कि संस्कृत को आधिकारिक भाषा बनाने का किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान की अनदेखी की जा रही है, संवैधानिक निकायों को कमज़ोर किया जा रहा है और न्यायपालिका को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि आज हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत संविधान के बुनियादी सिद्धांतों को सुरक्षित करने की है क्योंकि कुछ लोग हैं, जिन्होंने भारतीय संविधान पर कभी यक़ीन नहीं किया, कभी इसका सम्मान नहीं किया. आज वही लोग हर एक संवैधानिक संस्थान को कमज़ोर करने में जुटे हुए हैं.
तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदराराजन ने तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति सरकार द्वारा परंपराओं के निर्वहन में उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए राज्य के राज्यपाल को आमंत्रित नहीं करना तेलंगाना सरकार द्वारा संविधान का घोर उल्लंघन है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस समारोह में कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि देश आपस में लड़कर ग़ुलाम हो गया, किसी दुश्मन के सामर्थ्य के कारण नहीं. हम आपस में लड़ते रहे, इसलिए गुलाम हुए.. हमारा बंधुवाद समाप्त हो गया. स्वतंत्रता और समता एक साथ लानी है तो बंधुभाव लाना चाहिए.
राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल की यह टिप्पणी केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू के उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार और न्यायपालिका में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि दोनों एक-दूसरे पर हमले कर रहे हों और उनके बीच ‘महाभारत’ चल रहा हो.
केंद्र और न्यायापालिका के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर चल रही खींचतान के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश की सभी स्वतंत्र संस्थाओं पर ग़ैर-क़ानूनी रूप से क़ब्ज़ा करने के बाद अब ये लोग न्यायपालिका पर क़ब्ज़ा करना चाहते हैं. जनता ऐसा कभी नहीं होने देगी.
क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ‘महाभारत’ हो रही है. वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस सोढ़ी ने क़ानून मंत्री द्वारा कॉलेजियम पर उनके बयान के समर्थन के बाद कहा कि उनके कंधे पर बंदूक रखकर चलाने की बजाय सरकार और न्यायपालिका को इस मुद्दे पर परिपक्व बहस करनी चाहिए.
केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस आरएस सोढ़ी के विचारों का समर्थन किया है. जस्टिस सोढ़ी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार संविधान का अपहरण कर लिया. इसके बाद कहा कि वह न्यायाधीशों की नियुक्ति ख़ुद करेगा और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी.