साल 2022 में मोदी सरकार ने बिलक़ीस बानो के बलात्कार के लिए दोषी ठहराए गए सज़ायाफ़्ता अपराधियों की रिहाई को मंज़ूरी दी थी. बिलक़ीस के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने मामला अपने हाथ में लिया और उन हत्यारों और बलात्कारियों को वापस जेल भेजा.
मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद तमिल अभिनेत्री राधिका सरथकुमार ने कहा है कि शीर्ष अभिनेताओं को रिपोर्ट पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और उन महिला कलाकारों के साथ एकजुटता व्यक्त करनी चाहिए, जिनके साथ उद्योग में ग़लत व्यवहार हुआ है.
एडीआर और न्यू इलेक्शन वॉच द्वारा मौजूदा सांसदों और विधायकों के चुनावी हलफ़नामों के विश्लेषण में सामने आया है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के केस का सामना कर रहे जनप्रतिनिधियों में सर्वाधिक नेता भाजपा के हैं. दूसरे और तीसरे स्थान पर कांग्रेस और तेदेपा हैं.
घटना चित्रकूट ज़िले की है, जहां दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने 23 जून को ख़ुदकुशी कर ली थी. परिजनों का आरोप है कि दो लोगों के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न की उनकी शिकायत पर पुलिस की निष्क्रियता से निराश होकर उन्होेंने यह कदम उठाया.
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, 28 मंत्रियों ने अपने हलफ़नामों में उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 19 पर गंभीर अपराधों के आरोप हैं, जिनमें महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध भी शामिल हैं. इसके अलावा, बंगाल के दो भाजपा सांसदों पर हत्या के आरोप हैं.
घटना दो हफ्ते पहले घटित हुई थी, जो सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद प्रकाश में आई. पुलिस ने 5 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा विश्लेषण किए गए हलफ़नामों के अनुसार, 514 मौजूदा लोकसभा सांसदों में से नौ पर हत्या, 28 पर हत्या के प्रयास और 16 पर महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध से जुड़े आरोप हैं, जिनमें बलात्कार के तीन आरोप भी शामिल हैं.
पुलिस ने बताया कि 25 वर्षीय महिला का शव 29 दिसंबर को आगरा में तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल राघवेंद्र सिंह के किराए के कमरे की छत से लटका हुआ मिला था.
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 16,109 शिकायतें दर्ज की गईं. इसके बाद दिल्ली को 2,411, महाराष्ट्र को 1,343 शिकायतें मिलीं. सबसे ज़्यादा शिकायतें गरिमा के अधिकार श्रेणी में प्राप्त हुईं, जिसमें घरेलू हिंसा के अलावा अन्य उत्पीड़न शामिल हैं. इनकी संख्या 8,540 थी.
बाराबंकी ज़िले के देवा इलाके का मामला. पुलिस ने बताया एक दलित महिला अपने घर जा रही थीं, जब चार लोग उन्हें जबरन पकड़कर ले गए और एक सुनसान मकान में ले जाकर कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया. सभी आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
मामला कौशांबी ज़िले का है, जहां पिछले साल एक 20 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार के आरोप में उनके पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति को गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया था. कुछ दिन पहले ज़मानत पर छूटा आरोपी और उसका भाई पीड़िता व उनके परिजनों पर शिकायत वापस लेने और समझौता करने का दबाव बना रहे थे.
उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र का मामला. आटा चक्की में काम करने गई 40 वर्षीय एक दलित महिला की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई और शव को टुकड़ों में काट दिया गया. पुलिस ने बताया कि चक्की मालिक, उनके भाई बउवा शुक्ला और एक अन्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
बिहार के कटिहार ज़िले का मामला. पुलिस ने कहा कि हमने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं. हमें अभी तक मृतक के परिवार से कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है. शिकायत मिलने पर हम मामले की जांच करेंगे.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता फ़ौज़िया ख़ान के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों का ब्योरा मांगा था और सरकार से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे क़दमों पर प्रकाश डालने का आग्रह किया था.
राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उन्हें मिली कुल 30,957 शिकायतों में से 9,710 गरिमा से जीने के अधिकार से संबंधित थीं, इसके बाद 6,970 घरेलू हिंसा और 4,600 शिकायतें दहेज उत्पीड़न से संबंधित थीं. आयोग को मिली लगभग 54.5 प्रतिशत शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई थीं.