बुली बाई ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें 'नीलामी' के लिए अपलोड करने के तीन आरोपियों- विशाल झा, श्वेता सिंह और मयंक अग्रवाल की ज़मानत मंजूर करते हुए मुंबई की एक अदालत ने कहा कि उनकी परीक्षाएं आने वाली हैं और यदि उन्हें जेल में रखा जाएगा तो इसका उनके भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा.
2021 में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हेट क्राइम बढ़े पर मीडिया ख़ामोश रहा. इस साल की शुरुआत और ज़्यादा नफ़रत से हुई, लेकिन इसके ख़िलाफ़ देशभर में आवाज़ उठी. अल्पसंख्यकों और औरतों से नफ़रत के अभियान का निशाना बनने के बाद मैं ख़ुद को सोचने से नहीं रोक पाती कि क्या अब भी कोई उम्मीद बाक़ी है?
‘बुली बाई’ ऐप मामले में गिरफ़्तार एमबीए डिग्री धारी नीरज कुमार सिंह के परिवार के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि उन्हें जांच में मदद के लिए मुंबई ले जाया गया है. इस मामले में इससे पहले गिरफ़्तार किए गए तीन अन्य आरोपियों को ज़मानत देने से अदालत ने इनकार कर दिया है.
मुंबई पुलिस की साइबर शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि कॉल करने वाले ने शिकायतकर्ता को धमकी देते हुए पूछा कि उन्होंने आरोपियों के नामों का ख़ुलासा क्यों किया और एफआईआर दर्ज क्यों करवाई.
मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने के पीछे की साज़िश का उद्देश्य है कि समुदाय को इस क़दर ज़िल्लत दी जाए, उनके आत्मसम्मान को इतनी ठेस पहुंचाई जाए कि थक-हारकर वे ऐसे ‘पराजित समुदाय’ के रूप में अपने अस्तित्व को स्वीकार कर लें, जो केवल बहुसंख्यकों की दया पर रहने को विवश है.
पिछले साल जुलाई में कुछ लोगों ने ‘बुली बाई’ की तरह ‘सुल्ली डील्स’ नामक ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘नीलामी’ के लिए अपलोड कर दी थीं. ‘सुल्ली डील्स’ मामले में इंदौर से गिरफ़्तार 26 वर्षीय ओमकारेश्वर ठाकुर के पिता ने कहा कि सिर्फ़ एक व्यक्ति के बयान के आधार पर बेटे को गिरफ़्तार कर दिल्ली ले जाया गया है. उसे बदनाम किया जा रहा है.
पुणे पुलिस ने बताया कि भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के सोशल मीडिया सेल के समन्वयक जितेन गजारिया के ख़िलाफ़ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे, शरद पवार, अजीत पवार आदि के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक और मानहानिकारक पोस्ट करने का मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कुछ पोस्ट दो समूहों के बीच नफ़रत पैदा करने के उद्देश्य से भी किए हैं.
‘बुली बाई’ ऐप पर नीलामी के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की गईं तस्वीरों को उनकी अनुमति के बिना अपलोड कर दिया गया था. पुलिस ने बताया कि असम के जोरहाट से गिरफ़्तार 21 वर्षीय नीरज बिश्नोई इस मामले का मुख्य साज़िशकर्ता है और उसने ऐप बनाने की बात स्वीकार कर ली है. पुलिस ने इस मामले में नीरज समेत चार लोगों को गिरफ़्तार किया है.
‘बुली बाई’ इस ऐप पर नीलामी के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की गईं तस्वीरों को उनकी अनुमति के बिना अपलोड करने के मामले में गिरफ़्तार चौथे व्यक्ति की पहचान 21 वर्षीय नीरज विश्नोई के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि बिश्नोई ने ही गिटहब प्लेटफॉर्म पर ‘बुली बाई’ ऐप का निर्माण किया था और वह ट्विटर पर ‘बुली बाई’ का मुख्य अकाउंट होल्डर भी है.
मुंबई पुलिस ने बताया कि सिख समुदाय से संबंधित नामों का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया गया कि ये ट्विटर हैंडल उस समुदाय के लोगों द्वारा बनाए गए हैं. ‘बुली बाई’ ऐप के ज़रिये जिन महिलाओं को निशाना बनाया गया, वे मुस्लिम थीं, इसलिए ऐसी संभावना थी कि इससे दो समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा हो सकती थी और सार्वजनिक शांति भंग हो सकती थी.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार मामले में आगे की कार्रवाई के लिए राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है. संदेश सेवा ‘टेलीग्राम’ पर एक ख़ास चैनल को सोशल मीडिया पर कुछ उपयोगकर्ताओं द्वारा चिह्नित किया गया, जिन्होंने बताया कि यह हिंदू महिलाओं को निशाना बना रहा था, उनकी तस्वीरें साझा करने के साथ ही उन्हें अपशब्द कह रहा था.
पिछले साल ‘सुली डील्स’ नामक ऐप की तरह ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने को लेकर मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है. इस सिलसिले में बेंगलुरु से गिरफ़्तार किए गए छात्र को एक स्थानीय अदालत ने 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
दिल्ली पत्रकार संघ और इंडियन वीमेंस प्रेस कॉर्प्स ने ऐप के ज़रिये मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाए जाने पर रोष जताते हुए कहा कि अगर पुलिस ने कुख्यात 'सुल्ली डील' के दोषियों की पहचान कर ली होती, तो यह घटना दोहराई नहीं जाती.
पिछले साल ‘सुली डील्स’ नामक ऐप की तरह ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने को लेकर मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है. पुलिस ने उत्तराखंड से एक महिला को भी हिरासत में लिया है. पुलिस के मुताबिक महिला और बेंगलुरु से गिरफ़्तार छात्र एक दूसरे को जानते हैं.
बेंगलुरू के एक स्थानीय वकील शिशिर रुद्रप्पा ने बेंगलुरू हवाईअड्डे के पास लगे उत्तर प्रदेश सरकार के एक होर्डिंग की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की थी, जिसमें राज्य देश में नंबर होने और चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात कही गई थी.