रामपुर के मिलक कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का मामला. बताया गया है कि गांव में एक सरकारी भूखंड पर बीआर आंबेडकर की तस्वीर वाला बोर्ड लगाने को लेकर हुई झड़प में 17 वर्षीय दलित युवक की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए. रामपुर डीएम ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.
दलित समुदाय के 60 सदस्य ने 24 दिसंबर को तिरुपुर ज़िले के मदाथुकुलम तालुक के राजावुर गांव में पहली बार जूते पहनकर उस सड़क पर निकले, जहां उन्हें जाने की मनाही थी. ऐसा करते हुए उन्होंने कथित ऊंची जातियों के उस अनकहे नियम को तोड़ दिया, जो दलितों को सड़क पर चप्पल-जूते पहनकर चलने से रोकता था.
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने राज्य के डीएम और कमिश्नरों को भेजे पत्र में कहा है कि वे पूरे राज्य में राम, हनुमान और वाल्मिकी मंदिरों में राम कथा, रामायण पाठ और भजन-कीर्तन आयोजित कराएं. ये सांस्कृतिक कार्यक्रम 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से हफ्ते भर पहले मकर संक्रांति के अवसर पर शुरू होंगे.
घटना कानपुर की है, जहां घाटमपुर के एक गांव में बौद्ध कथा कार्यक्रम में कथित तौर पर हथियारों से लैस 'उच्च जाति' के एक समूह ने हमला किया. बताया गया है कि उन्होंने गोलियां चलाईं, तोड़फोड़ की और संत रविदास की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी. आठ आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज होने के बाद पांच को गिरफ़्तार किया गया है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह पर एक दलित छात्र पर हमला करने का आरोप है. छात्रों का कहना है कि उन्होंने चीफ प्रॉक्टर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं सुनी.
गुजरात के अमरेली ज़िले के एक सरकारी स्कूल का मामला. प्रिंसिपल को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गांव के सरपंच और शिक्षकों सहित पांच के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. एक वीडियो में प्रिंसिपल ने आरोप लगाया था कि सरपंच अक्सर उन्हें धमकी देते थे और स्कूल को मिलने वाला अनुदान उन्हें सौंपने के लिए कहते थे.
कर्नाटक के मांड्या ज़िले का मामला. आरोप है कि ऊंची जाति के एक परिवार ने दलितों के घरों की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया है. ग्रामीणों ने ज़िला प्रशासन से हस्तक्षेप करने और ऊंची जाति के परिवार द्वारा अतिक्रमण की गई सड़क को खाली कराने का आग्रह किया है.
गुजरात के अहमदाबाद ज़िले का मामला. ज़िले के ढोलका का रहने वाला परिवार एक साल पहले बेटी के प्रेम विवाह कर लेने से नाराज़ था. उन्होंने अपनी बेटी से नाता तोड़ लिया था. दोनों परिवार दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. आरोप है कि बेटी के ससुरालवाले मामले का सुलझाने के लिए पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहे थे.
घटना मध्य प्रदेश के छतरपुर की है. दलित समुदाय के एक युवक की बीते 28 जून को शादी थी, लेकिन उसे अपनी बारात में घोड़ी पर बैठने के लिए स्थानीय पुलिस की मदद के लिए आवेदन देना पड़ा था, जिसमें बारात में बाधा डालने की धमकियों को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी.
महाराष्ट्र के नांदेड़ ज़िले के बोंदर हवेली गांव में रहने वाले आंबेडकरवादी युवक अक्षय भालेराव ने गांव में बीते 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती मनाने के लिए ग्रामीणों को पुलिस से अनुमति दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी, जिससे गांव का बहुसंख्यक मराठा समुदाय उनसे चिढ़ा हुआ था.
घटना बीते 4 मई की शाम उत्तर प्रदेश के आगरा में सोहल्ला जाटव बस्ती में तब हुई, जब दलित दूल्हे की बारात वहां से गुज़र रही थी. आरोप है कि उच्च जाति के लोगों का कहना था कि उनके गांव में दलित दूल्हे घोड़ी पर सवार होकर अपनी शादी में नहीं जाते. इसी बात पर दूल्हे और अन्य लोगों की कथित तौर पिटाई की गई.
दलित ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स नेटवर्क ने सात राज्यों में जाति आधारित 'ऑनर किलिंग' के मामलों का अध्ययन किया और पाया कि किसी विशेष क़ानून के अभाव में इस अपराध की वास्तविक स्थिति पता लगाना असंभव है.
मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले के दो मंदिरों का मामला. सनावद थाने के तहत आने वाले छापरा गांव स्थित मंदिर में प्रवेश को लेकर दो पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव कर दिया था, जिसमें लगभग 19 लोग घायल हैं. वहीं, छोटी कसरावद स्थित एक अन्य मंदिर में प्रवेश को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी. यहां हिंसा की सूचना नहीं है.
ऊटी गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज की एक प्रोफेसर ने फरवरी में एक अन्य शिक्षक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. कॉलेज की आंतरिक समिति ने शिक्षक को दोषी पाया. हालांकि महिला का आरोप है कि प्रिंसिपल ने कार्रवाई के नाम पर लीपापोती की क्योंकि आरोपी उनका सजातीय है.
ओडिशा के ढिंकिया गांव में जिंदल समूह 65,000 करोड़ की लागत से स्टील प्लांट लगाने जा रहा है. ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि 22 अक्टूबर को कंपनी के कुछ अधिकारियों ने स्थानीय गुंडों और पुलिस की मदद से क़रीब 20 घरों को गिरा दिया. ग्रामीणों का कहना है वे यहां 20 साल से रह रहे हैं.