उत्तर पूर्व दिल्ली दंगे से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने पाया कि मामले के चार आरोपियों में से एक के ख़िलाफ़ सबूत के तौर मौजूद वीडियो पुलिस ने जांच के लिए एफएसएल लैब भेजा था, लेकिन वह चल नहीं रहा था. पुलिस ने दोबारा सही वीडियो भेजने के बजाय अदालत में पूरक आरोप-पत्र दायर कर दिया था.
माकपा नेता वृंदा करात और केएम तिवारी द्वारा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ हेट स्पीच पर एफ़आईआर दर्ज करने के अनुरोध वाली याचिका निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ख़ारिज कर चुके हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने एक आदेश जारी कर पुलिस कर्मचारियों को एफ़आईआर, डायरी या चार्जशीट दर्ज करते समय जटिल उर्दू और फ़ारसी शब्दों की जगह सरल शब्दों का प्रयोग करने के लिए कहा है. कहा गया है कि निर्देशों का पालन न करने को गंभीरता से लिया जाएगा और उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो: दिल्ली के उत्तम नगर, नज़फ़गढ़ और द्वारका सहित दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के कुछ हिस्सों में ट्रैफिक सिग्नल पर पैसे मांगकर आजीविका चलाने वाले ट्रांसजेंडर लोगों का आरोप है कि जी-20 सम्मलेन की सुरक्षा तैयारियों के बहाने पिछले एक हफ्ते से पुलिस ने उनमें से कई को मनमाने तरीके से गिरफ़्तार किया है और उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया.
वर्ष 2020 की शुरुआत में पूर्वोत्तर दिल्ली के जाफ़राबाद में हुए दंगों के दौरान हुई झड़पों में कथित संलिप्तता के लिए दिल्ली पुलिस ने तीन साल पहले 9 अप्रैल को गुलफ़िशा फ़ातिमा को गिरफ़्तार किया था. 13 मई 2020 को जब मामले में उन्हें ज़मानत मिल गई तो उन पर एक नई एफआईआर दर्ज कर ली गई.
करावल नगर में रविवार को आयोजित 'हिंदू राष्ट्र पंचायत' में भाजपा नेता और यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने क्षेत्र में मुस्लिमों को घर न बेचने और उनके साथ कारोबार न करने का आह्वान करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य पूर्वोत्तर दिल्ली को पहला 'हिंदू राष्ट्र ज़िला' बनाना है. पुलिस ने आयोजन के लिए अनुमति न लिए जाने को लेकर केस दर्ज किया है.
वीडियो: 2022 में हनुमान जयंती के मौक़े पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में निकली शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद कई दिनों तक तनाव रहा था. ऐसा फिर न हो, इसलिए इस साल सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे. इसके बावजूद जहांगीरपुरी में निराशा देखने को मिली.
बीते 4 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी के जामिया नगर हिंसा मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, सफ़ूरा जरगर और आसिफ़ इक़बाल तनहा सहित 11 लोगों को आरोपमुक्त करते हुए कहा था कि चूंकि पुलिस वास्तविक अपराधियों को पकड़ पाने में असमर्थ रही, इसलिए उसने इन आरोपियों को बलि का बकरा बना दिया.
वीडियो: आम आदमी पार्टी की ओर कथित तौर पर लगाए गए ‘मोदी हटाओ देश बचाओ’ पोस्टर के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा लगभग 100 एफ़आईआर दर्ज किया गया है. इसके अलावा लगाए गए पोस्टर भी हटा दिए गए थे. इसके ख़िलाफ़ पार्टी ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया.
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ लोग देश को तानाशाही की तरफ लेकर जा रहे हैं. हमें मिलकर देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाना है, हमें देश को बचाना है. वहीं, पटलवार में भाजपा की ओर से ‘अरविंद केजरीवाल हटाओ, दिल्ली बचाओ’ के पोस्टर लगाए गए हैं.
वीडियो: क्या नरेंद्र मोदी के अमृतकाल में लोगों का अपनी बात कहना 'विष' के समान है? राहुल गांधी लोकसभा में कुछ बोल नहीं सकते, जो लंदन में बोल आए हैं उसके लिए भी माफ़ी की मांग की जा रही है. वहीं, यूपी में एक पत्रकार मंत्री से सवाल पूछने के बाद गिरफ़्तार हो गए. इन मसलों को लेकर प्रोफेसर अपूर्वानंद और सिद्धार्थ वरदराजन की बातचीत.
कश्मीर में मीडिया ब्लैकआउट और राज्य के दमन पर चर्चा करने के लिए बीते 15 मार्च को गांधी पीस फाउंडेशन में एक सेमिनार आयोजित किया जाने वाला था. कुछ दिन पहले ही भारत में फासीवाद विषय पर सेमिनार को भी पुलिस ने अनुमति नहीं दी, आयोजकों ने इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी तो पुलिस के आदेश को रद्द कर दिया गया था.
आयोजकों ने दिल्ली हाईकोर्ट में तर्क प्रस्तुत किया कि ‘वर्तमान भारत के संदर्भ में फासीवाद को समझना’ विषय पर होने वाले सेमिनार के लिए उन्होंने दिल्ली पुलिस को क़रीब डेढ़ महीने पहले आवेदन दिया था, लेकिन उसने उसे लटकाए रखा और आयोजन के महज 36 घंटे पहले अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: विनोद जी की आधुनिकता रोज़मर्रा के निम्न-मध्यवर्गीय जीवन में रसी-बसी रही है. उनके यहां जो स्थानीयता आकार पाती है वह मानवीय उपस्थिति, मानवीय विडंबना और मानवीय ऊष्मा की एक त्रयी को चरितार्थ, उत्कट और सघन करती है.
सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट के पूर्व जज वाली फैक्ट-फाइंडिंग समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गृह मंत्रालय की लापरवाह प्रतिक्रिया, हिंसा में दिल्ली पुलिस की मिलीभगत, मीडिया की विभाजनकारी रिपोर्टिंग और सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ भाजपा का घृणा अभियान दिल्ली दंगों के लिए ज़िम्मेदार थे.