दिल्ली दंगा: पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही आरोपी बनाया, अदालत ने जांच को नकारा

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 के दंगे से जुड़े एक मामले में साजिद नामक व्यक्ति ने गोली लगने की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें ही दंगाई भीड़ का हिस्सा बताते हुए मामले में आरोपी बना दिया. अदालत ने हैरानी जताते हुए कहा है कि साजिद के घायल होने से उन्हें दंगाई भीड़ का हिस्सा माना जा सकता है, इस तर्क से तो दंगों में घायल हर व्यक्ति आरोपी बनाया जा सकता है.

किसान महापंचायत: भारतीय किसान यूनियन ने कहा- उन्हें दिल्ली आने से रोका गया, विरोध तेज़ होगा

किसान यूनियनों ने अपनी मांगों के संबंध में भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए यह महापंचायत बुलाई है, जिसमें मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए क़ानूनी गारंटी और लखीमपुर खीरी हिंसा में आशीष मिश्रा की संलिप्तता को देखते हुए उनके पिता केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्ख़ास्त करने का मुद्दा शामिल है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकारा, शाहनवाज़ हुसैन के ख़िलाफ़ रेप का केस दर्ज करने को कहा

भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन के ख़िलाफ़ 2018 में एक महिला ने बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे पुलिस ने आधारहीन बताते हुए केस बंद कर दिया था. महिला इसके ख़िलाफ़ निचली अदालत में गईं, जिसने हुसैन पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. हुसैन ने इसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

दिल्ली में बीते छह महीनों में प्रतिदिन दर्ज हुए बलात्कार के छह मामले: पुलिस

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, बीते साढ़े छह महीनों में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इस अवधि में हर दिन बलात्कार के कम से कम छह और छेड़छाड़ के सात मामले दर्ज किए गए हैं.

किसी मुस्लिम का जवाबदेही मांगना और बतौर पत्रकार काम करना जुर्म नहीं है: मोहम्मद ज़ुबैर

साक्षात्कार: चार साल पुराने एक ट्वीट के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने क़रीब तीन हफ्ते जेल में बिताए. इस बीच यूपी पुलिस द्वारा उन पर कई मामले दर्ज किए गए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ज़मानत देते हुए कहा कि उनकी लगातार हिरासत का कोई औचित्य नहीं है. उनसे बातचीत.

म्यांमार में लोकतंत्र समर्थकों की फांसी के ख़िलाफ़ दिल्ली में प्रदर्शन को अनुमति नहीं दी गई

बीते 25 जुलाई को म्यांमार के सैन्य शासन ने चार लोकतंत्र समर्थकों को फांसी दे दी थी, जिसके विरोध में भारत में निर्वासन में रह रहे वहां के लोगों के एक समूह ने 30 जुलाई को जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की दिल्ली पुलिस से अनुमति मांगी थी, जिससे पुलिस ने इनकार कर दिया था.

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में 84,405 पद ख़ाली, दिल्ली पुलिस में क़रीब 12,000 रिक्तियां: केंद्र

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सर्वाधिक 29,985 पद सीआरपीएफ में रिक्त हैं, जबकि बीएसएफ में 19,254 और एसएसबी में 11,402 पद ख़ाली हैं. इसके अलावा सीआईएसएफ में 10,918, असम राइफल्स में 9,659 और आईटीबीपी में 3,187 रिक्तियां हैं.

आम आदमी पार्टी ने केंद्र पर दिल्ली सरकार के कार्यक्रम को ‘हाईजैक’ करने का आरोप लगाया

असोला वन्यजीव अभयारण्य में बीते रविवार को वन महोत्सव कार्यक्रम होना था. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार ने पुलिस के सहारे कार्यक्रम स्थल में रातोंरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगा दी, जिसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. उपराज्यपाल के दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफ़ारिश करने और केजरीवाल को सिंगापुर यात्रा की मंज़ूरी नहीं देने की पृष्ठभूमि में ये घटना

दिल्ली दंगाः जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को अंतरिम ज़मानत देने से अदालत का इनकार

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील इमाम को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में वर्ष 2020 में भड़के दंगे के कथित षड्यंत्र के मामले में जनवरी 2020 में गिरफ़्तार किया गया था. तब से वे जेल में हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में दर्ज सभी मामलों में ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर को ज़मानत दी

फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को ज़मानत देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उन्हें लगातार हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है. अदालत ने उन्हें बुधवार को ही रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही उनके ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामले दिल्ली पुलिस को जांच के लिए सौंप दिए और यूपी सरकार द्वारा गठित एसआईटी को भी समाप्त करने का निर्देश दिया.

पैगंबर टिप्पणी: सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया

सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी को लेकर भविष्य में दर्ज हो सकने वाली एफ़आईआर में भी दंडात्मक कार्रवाई से राहत दे दी. बीते एक जुलाई को शीर्ष अदालत ने इस मामले को लेकर शर्मा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी ‘बेलगाम ज़ुबान’ से ‘पूरे देश को आग में झोंक दिया है’, उन्हें पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.

‘मोहम्मद ज़ुबैर को सच बोलने का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है’

वीडियो: साल 2018 में किए गए एक ट्वीट को लेकर ‘धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने’ के आरोप में ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर बीते 27 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में एक साथ छह मुक़दमों का सामना कर रहे हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

2018 ट्वीट मामले में मोहम्मद ज़ुबैर को ज़मानत, कोर्ट ने कहा- राजनीतिक दल आलोचना से परे नहीं

दिल्ली पुलिस द्वारा ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ दर्ज चार साल पुराने ट्वीट संबंधी मामले में ज़मानत देते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए असहमति की आवाज़ ज़रूरी है. किसी भी राजनीतिक दल की आलोचना के लिए आईपीसी की धारा 153ए और 295ए लागू करना उचित नहीं है.

मोहम्मद ज़ुबैर ने सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश में दर्ज छह एफ़आईआर रद्द करने की अपील की

फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में दो और सीतापुर, लखीमपुर खीरी, ग़ाज़ियाबाद और मुज़फ़्फ़रनगर ज़िलों में एक-एक केस दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते 12 जुलाई को इन मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया है.

सीतापुर मामले में मोहम्मद ज़ुबैर की अंतरिम ज़मानत अवधि अगले आदेश तक बढ़ाई गई

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने कथित तौर पर कट्टर हिंदुत्ववादी नेताओं यति नरसिंहानंद, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहा था. इस संबंध में उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले के ख़ैराबाद थाने में बीते एक ​जून को उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था. 

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